तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अप्रैल 2010
साहित्य में देह राजनीति पर चर्चा
कोटा में आयोजित राष्ट्रीय साहित्य सम्मेलन में साहित्य क्षेत्र में देह की राजनीति पर गम्भीरता से चर्चा हुई यह बात सही हे की राजनीति की तरह अब साहित्य क्षेत्र में भी महिलाओं के लियें देह शोषण के किस्से आम हो गये हें और इसीलियें अनेक कविसम्मेलन मुशायरों में इसी महिला साहित्यकार आती हें जो सुंदर तो होती हें लेकिन उनके बोल सुंदर नहीं होते हालात यहाँ तक हें के सुंदर महिलाओं को बड़े साहित्यकारों द्वारा खुद लिख क्र अपना साहित्य दिए जाने की आम शिकायतें हें इसे में कोटा सम्मेलन में साहित्य में देह राजनीति पर बहस कोई नई बात नहीं हे। अब देखना हे के साहित्यकार इसे किस रूप में लेकर साहित्य क्षेत्र को इस गंदगी से बचाते हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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