तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 मार्च 2010
अखबार मालिक और पत्रकार
इन दिनों पत्रकार सर्कस के शेर हो गएँ हैं और उनके रिंग मास्टर अखबार मालिक हैं मालिक अब नियम कायदे कानून ताक मैं रख कर मनमानी कर रहे हैं गंदे गंदे विज्ञापन छापते है विधि विरुद्ध विज्ञापन छपते हैं घोषणा पात्र का उल्लघन कर कोटा बूंदी बरन झालावार का बिना डेट लाइन का अखबार निकालते हैं काम करने वाले संपादक रिपोर्टर को दबाव मैं रखते है अखबार मालिक अखबार पर कम और मेलों पर ज्यादा ध्यान देते हैं चुनाव मैं खबरें वेग्यापन दर पे छापते हैं रिपोर्टर की कई ख़बरें देने के बाद भी नहीं छपती हैं अब बताओ क्या अखबार अपना फ़र्ज़ निभा रहें हैं अगर नहीं तो महरबानी करके उन्हें सुधारने के लियें बीड़ा उठाओ अगर अखबार सुधरेंगें तो देश सुधरेगा हम और आप सुधरेंगें अखबार मैं मालिक रिंग मास्टर बन कर रिपोर्टरों पर अपना हंटर घुमाता है और उनकी पत्रकारिता दल्लागिरी मैं बदल देता है हे ना शर्म की बात। अख्तर खान अकेला की आप से गुज़ारिश है प्लीज़ इसे सुधारों । सभी अखबार मालिक एक जैसे नहीं लकिन वोह परेशान हैं.
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