तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
16 मार्च 2010
मानवाधिकार न्यायालय नहीं खुल रहे
केंद्र और राजस्थान सरकार ने १९९३ में मानवाधिकार कानून लागू किया हे कानून में हर जिले में इस तरह के मामलों की सुनवाई के लियें अलग से सभी जिलों में मानवाधिकार न्यायालयों का खोलने का प्रावधान रखा हे आज १७ साल हो गये लेकिन आज तक हर साल हुमन रिलीफ सोसाईटी द्वारा याद दिलाने पर भी केंद्र या राजस्थान सरकार नें कोई कार्यवाही नहीं की हे मानवाधिकार आयोग ने भी इस मामले में सरकार पर दबाव बनाने का अपना दायित्व नहीं निभाया हे अब आप ही बताओ केसे होगा देश और राजस्थान में मानवाधिकारों का संरक्षण ? हे ना मानवाधिकार कानून के साथ मजाक ।
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