कुछ इधर की, कुछ उधर की: मेर धर्म महान!!!aapka yeh andaaz khuda ki qasam bhut puaara lga aapki is ada pr mr jaane ko bhi nhin chaahta he duniya or khaskr meraa bhaarat mahaan ke logon ke dimaagh kaa nanga sach he likhte rho jnaab kbhi to log sudhrenge akhtar khan akela kota rajasthan
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