आपका-अख्तर खान

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25 मार्च 2010

दरकते पारिवारिक रिश्ते

इन दिनों शेहर हो या गाँव सभी जगह पारिवारिक रिश्तों में तोड़ फोड़ तेज़ी से हो रही हे कुछ एक अपवादों को छोड़ दें तो सभी जगह पर यह सब हो रहा हे पत्नी मां बहन सभी रिश्तों में खटास हे जरा जरा सी बात पर लड़ाई झगड़े आम बात हे अब जनाब आपकी ज़िम्मेदारी हे के देश के इन सब लोगों को आप समझाओ ।

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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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