बातों बातों में तेरी बात बता देते हैं
तेरे अपने तेरी औक़ात बता देते हैं
ऐसे कुछ लोग तेरी बात छुपाने वाले
हर किसी से तेरे हालात बता देते हैं
छोटी-सी बात को कुछ ऐसे बड़ा करते हैं
कितने कमज़र्फ हैं वो तेरे घराने वाले
देखने भर को मुलाक़ात बता देते हैं
तेरी तारीफ़ भी करते हैं वो तेरे आगे
पीठ पीछे तुझे बदज़ात बता देते हैं
रोज़ के रोज़ मुझे शाम के मंज़र, अनवर
कैसी गुज़रेगी मेरी रात बता देते हैं....Anwar Aariz
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