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12 अगस्त 2025

देश की सबसे बढ़ी पंचायत , भारत की लोकसभा के अध्यक्ष ,, कोटा के सांसद ,, राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल के सीनियर रहे मारगदर्शक , ओम जी बिरला के संसदीय क्षेत्र कोटा में , अल्पसंख्यक विभाग के एक इदारे में , प्रदेश के ज़िम्मेदारों द्वारा , लोकसभा अध्यक्ष की ,, कोई सुनवाई नहीं की जा रही है

 

देश की सबसे बढ़ी पंचायत , भारत की लोकसभा के अध्यक्ष ,, कोटा के सांसद ,, राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री भजन लाल के सीनियर रहे मारगदर्शक , ओम जी बिरला के संसदीय क्षेत्र कोटा में , अल्पसंख्यक विभाग के एक इदारे में , प्रदेश के ज़िम्मेदारों द्वारा , लोकसभा अध्यक्ष की ,, कोई सुनवाई नहीं की जा रही है , उनके निर्देशों को कचरे की टोकरी में डाला जा रहा है , यहां तक की , प्रदेश अल्पसंख्यक विभाग के अधीनस्थ वक़्फ़ विभाग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी तो उनके विशेषाधिकारी का फोन तक उठाना , पलट कर जवाब देना , निर्देश मार्गदर्शन की पालना करना तक नहीं चाहते हैं , हालात यह हैं , के मुख्य कार्यकारी अधिकारी वक़्फ़ बोर्ड , ओम जी बिरला पर भारी नज़र आ रहे हैं , मनमानी , बिना वक़्फ़ के क़ानून , नियम , विधि के जो चाहें वोह करने पर उतारू हो गए हैं , मुख़्यमंत्री भजन लाल को , टोंक के भाजपा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के एक पदाधिकारी ने , वक़्फ़ के खिलाफ बोर्ड भंग करने , जांच करवाने की बिंदुवार जो शिकायत की है , उसे मुख्यमंत्री कार्यालय ने अल्पसंख्यक विभाग को भेजी तो है , लेकिन वोह सारी शिकायतें वक़्फ़ बोर्ड को ही भेज दी गईं है , अजीब बात है , जिसकी शिकायत उसी अधिकारी के पास , शिकायत भेज दी गई , कोटा वक़्फ़ कमेटी के मामले में भी काफी विसंगतियां चल रही हैं , कोटा दक्षिण के विधायक संदीप जी शर्मा ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए , मुख्यमंत्री भजन लाल जी को शिकायती पत्र भेजा है , लेकिन वक़्फ़ बोर्ड अधिकारीयों में कोई तो है , जो वोह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला , कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा , भाजपा के टोंक अल्पसंख्यक मोर्चा शिकायतकर्ता पदाधिकारियों ,, खुद भजन लाल शर्मा पर भारी है , ,वक़्फ़ बोर्ड की बिंदुवार शिकायतों पर निष्पक्ष जांच अधिकारी बिठाकर , पारदर्शी जांच होना चाहिए थी , लेकिन हुआ उलटा , शिकायत ही , जिनके खिलाफ शिकायत है , उनके पास भेज दी गई , बात साफ़ है , मुख्यमंत्री कार्यालय में , अल्पसंख्यक विभाग में आज भी कुछ ऐसे ज़िम्मेदार हैं , जो मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी के इशारे पर कम , और वक़्फ़ के ज़िम्मेदार अधिकारीयों के इशारे पर ही चल रहे हैं , खेर मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जी की चले या ना चले हमे कोई मतलब नहीं , लेकिन हमारे मोहल्ले के पुराने साथी रहे , लोकसभा अध्यक्ष कोटा सांसद ओम जी बिरला के निर्देशों के बाद भी विधिक पालना नहीं हो , डंके की चोट पर उलंग्घन और मनमानी हो , तो फिर तो , लोकसभा अध्यक्ष कोटा सांसद का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान की तर्ज़ पर , मुझे भी उनका प्रशंसक होने के नाते , उनका पुराना मित्र होने के नाते , पड़ोसी होने के नाते , तकलीफ तो होती है , वोह बात अलग है के हमारी पार्टियां अलग अलग है , विचारधारा अलग अलग है , लेकिन दुःख , , सुख ज़रूरतों में , एक दूसरे का साथ निभाने की परम्परा यहां क़ायम है , बिना किसी ना नुकुर के मेरे भी उन्होंने कई काम किये हैं , आगे भी होते रहेंगे , वक़्फ़ बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी , सरकार के प्रतिनिधि हैं , सरकार की तरफ से वक़्फ़ के क़ानूनी प्रावधानों के तहत वक़्फ़ के हित में बिना किसी सियासी पक्षपात के कार्य करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं ,, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है , लोकसभा अध्यक्ष ओम जी बिरला की तरफ से , विधिक व्यवस्था के तहत , अल्पसंख्यक विभाग के वरिष्ठ अधिकारी को निर्देशित किया गया , कोई सुनवाई नहीं हुई ,इनके विशेषाधिकारी ने , निर्देश दिए कोई नतीजा नहीं , हद तो यह है के विशेषाधिकारी लोकसभा अध्यक्ष ,, बार बार फोन करते हैं , तो अधिकारी जी फोन का स्विच ऑफ़ कर लेते हैं , सुनवाई नहीं करते , और लोकसभा अध्यक्ष के संसदीय क्षेत्र के कोटा में उनके ही ग्रह क्षेत्र के वक़्फ़ में बिना किसी विधिक प्रक्रिया के , उनके नामों के साथ खिचड़ी नाम , अपने लोगों के नाम जोड़कर मंशा के खिलाफ व्यवस्थाएं करते हैं , मुख्यमंत्री जी खुद इतनी गंभीर शिकायतों पर ,, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वक़्फ़ के मामले में की गई सारी कोशिशें , सारी महनत को बेकार कर देते हैं , व्योरेवार शिकायत मिलने पर , खुद मुख्यमंत्री अपने कार्यालय में अपने अधीनस्थों से बिंदुवार शिकायतों की जांच ,, पारदर्शिता के सिद्धांत के तहत , संबधित रिकॉर्ड ज़ब्त कर , जिनके खिलाफ शिकायत है , उन्हें सुनवाई का अवसर देकर ,वक़्फ़ के विधि नियमों के तहत जांच नहीं करवाते हैं , इसकी जांच के लिए शिकायत को , भ्रष्टाचार निरोधक विभाग में नहीं भेजते हैं , मुख्यमंत्री जी सम्बोधित करके पत्र लिखते है , वोह अधिकारी जी , पूरी शिकायत ही , वापस जिनके खिलाफ शिकायत है , उनको ही भेज देते हैं , है ना तमाशा , तो फिर तो वक़्फ़ बोर्ड के अधिकारी वगेरा जो सोचते हैं , वोह मज़बूत है , उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता , सही सोचते हैं , अगर भारत की सबसे बढ़ी पंचायत भारत की लोकसभा के अध्यक्ष ,, कोटा सांसद,, ओम जी बिरला के कोटा ग्रह क्षेत्र में ,, जो की मुख्यमंत्री भजन लाल जी शर्मा के वरिष्ठ भी हैं , संरक्षक समान भी हैं , वहां अगर यह अधिकारी वगेरा मनमानी कर सकते है तो फिर तो राजस्थान में कहीं भी किसी भी जगह कोई भी , इनके खिलाफ किसी भी शिकायत पर कोई भी कार्यवाही कर ही नहीं सकता , यह पटे की बात है , तो कुल मिलाकर , भाजपा के इन सब दिग्गजों पर , हमारी पार्टी कांग्रेस का बोर्ड ही हावी है , ज़िंदाबाद है , और राजस्थान सरकार के अधिकारी भी , अभी तक तो उनके ही निर्देशों पर हैं , कांग्रेस की जड़ें इतनी मज़बूत हैं यह हमारे लिए तो गर्व की बात है , लेकिन कोटा में हमारे पड़ोसी , हमारे संसद , लोकसभा अध्यक्ष उनके समर्थकों , के लिए क्या है , यह तो वोह खुद जाने , ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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