मानव अधिकार आयोग एक्शन मूड में,कोटा निगम से मांगा नो अप्रैल तक जवाब,कोटा में सांड ने एक व्यक्ति को मारा था कुचल कर, एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने की थी पैरवी
के डी अब्बासी
कोटा मार्च। ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद कर मार देने के मामले में , राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख सख्त ,, 9 अप्रेल तक जवाब देने को कहा , ,मृतक के परिजनों से भी शपथ पर देने को कहा ,,
कोटा के कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में , 19 दिसम्बर 2022 को सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक पर गए महेश जी को , नगर निगम कोटा दक्ष्णि के एक सांड ने , बार बार हमला कर बेरहमी से मार दिया था , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर , राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर , ,कोटा दक्षिण नगर निगम आयुक्त , कोटा जिला कलेक्टर से पहले जवाब तलब किया और फिर अब मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि मामले में , स्पष्टीकरण माँगा है , इस मामले में आगामी पेशी , 9 अप्रेल को नियत की गई है , जिसकी प्रति शिकायतकर्ता अख्तर खान अकेला को भी भेजी है , ,राजस्थान मानवाधिकार आयोग के चेयरमेन जस्टिस श्री जी आर मूलचंदानी ने अख्तर खान अकेला द्वारा भेजा गया दर्ज परिवाद 2023 /24 /234 मामले में 24 फरवरी 2025 को सुनवाई के दौरान नगर निगम कोटा दक्षिण के पत्र क्रमांक 14464 -65 दिनांक 19 दिसम्बर 2024 का अवलोकन किया जिसमें , नगर निगम कोटा दक्षिण ने निराश्रित जानवरों को पकड़ने के बाद , जुर्माना लेकर छोड़ने का तथ्य अकिंत किया ,, लेकिन इन जानवरों से दुर्घटना पर मुआवज़े का कोई प्रावधान होना नहीं बताया ,, आयोग के चेयरमेन जस्टिस जी आर मूलचंदानी ने अपने आदेश में लिखा के नगर निगम अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर बताये की उसने मृतक को क्षतिपूर्ति देने का कोई प्रस्ताव लिया या नहीं , इस मामला में स्पष्ट रिपोर्ट पेश करे , जबकि जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण से इस मामले में क्षतिपूर्ति दी गई या नहीं , कोई प्रस्ताव लिया गया है या नहीं इसके जवाब के बाद ही कोई आदेश होगा , इस मामले में , आयोग चेयरमेन ने परिवादी अख्तर खान अकेला को भी निर्देशित किया है कि मृतक के परिवारजन द्वारा इस मामला में मृतक की आयु , आय ,, व्यवसाय के बारे में शपथ पात्र पेश करवाएं , ,,,,,कोटा में वर्ष 2022 में बेलगाम सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद रोंद कर सरेआमम मर दिया था , यह एक दिल हिला देने वाली घटना थी , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने विस्तृत शिकायत राजस्थान मानवाधिकार आयोग को की थी , जिस पर संज्ञान लेकर यह कार्यवाही विचाराधीन है , उक्त प्रकरण में आगामी पेशी अब 9 अप्रेल नियत है इसके पूर्व इस मामले में , नगर निगम ,, कोटा कलेक्टर की क्षतिपूर्ति मामले में रिपोर्ट और मृतक के परिजनों का शपथ पत्र माँगा गया है , ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने जो शिकायत भेजी थी ,, वोह हू बहू पेश है ,,,,,,माननीय अध्यक्ष महोदय ,
राज्य मानवाधिकार आयोग , राजस्थान
जयपुर राजस्थान ,
केटल फ्री शहर कोटा में दिनांक 19 दिसम्बर को , कोटा दक्षिण नगर निगम , सहित संबंधित अधिकारीयों की लापरवाही से आवारा मवेशी सांड , नहीं पकड़ने से , कैथूनीपोल थानाक्षेत्र कोटा स्थित साबरमती कॉलोनी निवासी , महेश जी थानवार 61 वर्ष सुबह , मॉर्निंग वाक् पर निकले थे , उस सांड अचानक उन पर हमला किया , और उनकी हत्या कर दी , इस मामले में ज़िम्मेदार महापौर , नगर निगम अधिकारी , कोटा के ज़िम्मेदार प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही कर, मृतक के परिजनों को मुआवज़ा दिलवाने और गैरज़िम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश देने के क्रम में , ,
मान्यवर ,
उपरोक्त विषय में लेख है कि राजस्थान में नगर पालिका क़ानून में , सड़कों पर आवारा जानवरों को पकड़ कर कांजी हाउस में रखने का क़ानून है , आवारा जानवरों से शहर की सड़के आवाजाही के लिए मुक्त रहेंगी , ऐसा क़ानून है , इस क़ानून के तहत, नगर निगम में कर्मचारी भी है , अतिरिक्त बजट भी हैं , उनके वेतन भत्ते भी हैं , , गोशालाएं , कांजी हाउस भी हैं , इसी क्रम में , इस मामले में 23 जुलाई 1997 में राजस्थान हाईकोर्ट ने संजय फुफलियाँ बनाम ,स्टेट ऑफ़ राजस्थान में सुनवाई के बाद, सड़कों को आवारा जानवर मुक्त करने , और ज़िम्मेदार अधिकारी , कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने , 188 आई पी सी कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं , , कोटा में , इस मामले ,में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी की तरफ , से डॉक्टर सुधीर बनाम नगर निगम कोटा मामले ,में न्यायालय 4 उत्तर कोटा ने भी , 2020 में सड़कों पर आवारा जानवर , मवेशी , गांय , सांड , , कुत्ते ,, सूअर , बदंरों को हटाने के निर्देश भी , कोटा नगर निगम कोटा पुलिस अधीक्षक कोटा जिला कलेक्टर को दिए है , क्योंकि , पुलिस अधिनियम , केटल ट्रेस पास एक्ट , नगर पालिका क़ानून में यह इन अधिकारीयों , अधीनस्थों की ज़िम्मेदारी है , विधिक कर्तव्य है ,
आदरणीय कोटा में केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने , इस मामले में , कोटा की सड़कों को , आवारा मवेशियों , या पालतू मवेशियों के सड़कों पर आवागमन की हिंसक व्यवस्था को देखकर , आम लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने के लिए , कोटा में , देवनारायण योजना लागु की है , जिसमे , कोटा शहर से अलग ,, पशु पालकों के लिए ,, अलग से रहवास के साथ , पशुपालन के लिए, कॉलोनी बनाई है, जिसमे रियायती दर पर उन्हें भूखंड दिए , सभी तरह की आधुनिक व्यवस्थाएं , सुविधाएं देकर, पशुपालकों को , पशुओं सहित , देवनारायण योजना में शिफ्ट कर दिया , और निर्देशित किया , के सड़कों पर, आवारा जानवर हों , या फिर पालतू जानवर अगर नज़र आये तो कठोर कार्यवाही की जाए , लेकिन कोटा जिला प्रशासन , कोटा नगर निगम इस मामले में नाकारा साबित हुआ ,रोज़ मर्रा सड़कों पर , आवारा कुत्ते , आते जाते बच्चों , बुज़ुर्गों पर हमला कर उन्हें लहू लुहान कर रहे हैं , विज्ञाननगर सहित अन्य बस्तियों में , अघोषित सूअर पालन केंद्र बने हुए है , जो हिंसक होकर , विज्ञाननगर सब्जीमंडी क्षेत्र में आते जाते लोगों पर हमला करते हैं , कोटा में नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही , जिला प्रशासन की लापरवाही , कर्त्तव्यविहीनता की वजह , से ,, सड़कों पर आम आदमी का चलना , हिंसक कुत्ते , हिंसक , सूअर , हिंसक , गाँव , सांड की वजह से जानलेवा हो गया है , रोज़मर्रा घायल होने , की खबर आम हो गयी है ,
आदरणीय दिनांक 19 दिसम्बर को देवनारायण योजना के बाद , अधिकृत रूप से केटल फ्री शहर कोटा में , नगर निगम कोटा दक्षिण के कार्यक्षेत्र ,, महापौर के खुद के इलाक़े कैथूनीपोल थानाक्षेत्र में , एक शख्स ,, महेश जी थानवार 61 वर्ष जो साबरमती कॉलोनी कोटा में निवासित था , सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक् को निकला , एक सांड , नगर निगम का सांड अचानक , आता है , इस मॉर्निंग वाकर को निशाना बनाता है , एक बार सींघ से उछाल कर फेंकता है , फिर दुबारा उछालता है , आंख्ने बाहर निकाल देता है , अड़ोस पड़ोस के लोग , सांड को पत्थर मारकर भगाते हैं ,, सांड की मार से घायल महेश जी थानवार को अस्पताल ले जाते हैं , लेकिन इनकी मृत्यु हो जाती है, इस तरह से नगर निगम की व्यवस्था , प्रशासनिक अधिकारीयों की लापरवाही , कैटलफ्री कोटा शहर में , ज़िम्मेदारों की गैर ज़िम्मेदारी , कर्त्तव्यविहीनता की वजह से , मॉर्निंग वाकर निर्दोष की हत्यारी हो गयी , ऐसे लोगों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही ज़रूरी है , मृतक के परिजनों को , मुआवज़ा मिलना ज़रूरी है , भविष्य में सड़कों पर कुत्ते ,, सूअर , आवारा मवेशी उत्पात ना मचाएं इसके लिए , एक गाइड लाइन और दोषी लोगों को सज़ा देने का प्रावधान होना चाहिए, इस घटना के मामले में भी दोषी लोगों के खिलाफ अनुशानात्मक , फौजदारी कार्यवाही कर सज़ा दिलवाने के निर्देश ज़रूरी हैं , इस घटना को सी सी टी वी कैमरे ने भी केद किया है, वोह भी तलब कर देखी जाए,
एडवोकेट अख्तर खान अकेला
महासचिव ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
रशीदा मंज़िल 2 थ 15 मैन रोड बृजवासी मिष्ठान के पास
विज्ञाननगर कोटा 324005 मोबाईल 9829086339
मानव अधिकार आयोग एक्शन मूड में,कोटा निगम से मांगा नो अप्रैल तक जवाब,कोटा में सांड ने एक व्यक्ति को मारा था कुचल कर, एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने की थी पैरवी
के डी अब्बासी
कोटा मार्च। ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद कर मार देने के मामले में , राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख सख्त ,, 9 अप्रेल तक जवाब देने को कहा , ,मृतक के परिजनों से भी शपथ पर देने को कहा ,,
कोटा के कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में , 19 दिसम्बर 2022 को सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक पर गए महेश जी को , नगर निगम कोटा दक्ष्णि के एक सांड ने , बार बार हमला कर बेरहमी से मार दिया था , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर , राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर , ,कोटा दक्षिण नगर निगम आयुक्त , कोटा जिला कलेक्टर से पहले जवाब तलब किया और फिर अब मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि मामले में , स्पष्टीकरण माँगा है , इस मामले में आगामी पेशी , 9 अप्रेल को नियत की गई है , जिसकी प्रति शिकायतकर्ता अख्तर खान अकेला को भी भेजी है , ,राजस्थान मानवाधिकार आयोग के चेयरमेन जस्टिस श्री जी आर मूलचंदानी ने अख्तर खान अकेला द्वारा भेजा गया दर्ज परिवाद 2023 /24 /234 मामले में 24 फरवरी 2025 को सुनवाई के दौरान नगर निगम कोटा दक्षिण के पत्र क्रमांक 14464 -65 दिनांक 19 दिसम्बर 2024 का अवलोकन किया जिसमें , नगर निगम कोटा दक्षिण ने निराश्रित जानवरों को पकड़ने के बाद , जुर्माना लेकर छोड़ने का तथ्य अकिंत किया ,, लेकिन इन जानवरों से दुर्घटना पर मुआवज़े का कोई प्रावधान होना नहीं बताया ,, आयोग के चेयरमेन जस्टिस जी आर मूलचंदानी ने अपने आदेश में लिखा के नगर निगम अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर बताये की उसने मृतक को क्षतिपूर्ति देने का कोई प्रस्ताव लिया या नहीं , इस मामला में स्पष्ट रिपोर्ट पेश करे , जबकि जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण से इस मामले में क्षतिपूर्ति दी गई या नहीं , कोई प्रस्ताव लिया गया है या नहीं इसके जवाब के बाद ही कोई आदेश होगा , इस मामले में , आयोग चेयरमेन ने परिवादी अख्तर खान अकेला को भी निर्देशित किया है कि मृतक के परिवारजन द्वारा इस मामला में मृतक की आयु , आय ,, व्यवसाय के बारे में शपथ पात्र पेश करवाएं , ,,,,,कोटा में वर्ष 2022 में बेलगाम सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद रोंद कर सरेआमम मर दिया था , यह एक दिल हिला देने वाली घटना थी , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने विस्तृत शिकायत राजस्थान मानवाधिकार आयोग को की थी , जिस पर संज्ञान लेकर यह कार्यवाही विचाराधीन है , उक्त प्रकरण में आगामी पेशी अब 9 अप्रेल नियत है इसके पूर्व इस मामले में , नगर निगम ,, कोटा कलेक्टर की क्षतिपूर्ति मामले में रिपोर्ट और मृतक के परिजनों का शपथ पत्र माँगा गया है , ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने जो शिकायत भेजी थी ,, वोह हू बहू पेश है ,,,,,,माननीय अध्यक्ष महोदय ,
राज्य मानवाधिकार आयोग , राजस्थान
जयपुर राजस्थान ,
केटल फ्री शहर कोटा में दिनांक 19 दिसम्बर को , कोटा दक्षिण नगर निगम , सहित संबंधित अधिकारीयों की लापरवाही से आवारा मवेशी सांड , नहीं पकड़ने से , कैथूनीपोल थानाक्षेत्र कोटा स्थित साबरमती कॉलोनी निवासी , महेश जी थानवार 61 वर्ष सुबह , मॉर्निंग वाक् पर निकले थे , उस सांड अचानक उन पर हमला किया , और उनकी हत्या कर दी , इस मामले में ज़िम्मेदार महापौर , नगर निगम अधिकारी , कोटा के ज़िम्मेदार प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही कर, मृतक के परिजनों को मुआवज़ा दिलवाने और गैरज़िम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश देने के क्रम में , ,
मान्यवर ,
उपरोक्त विषय में लेख है कि राजस्थान में नगर पालिका क़ानून में , सड़कों पर आवारा जानवरों को पकड़ कर कांजी हाउस में रखने का क़ानून है , आवारा जानवरों से शहर की सड़के आवाजाही के लिए मुक्त रहेंगी , ऐसा क़ानून है , इस क़ानून के तहत, नगर निगम में कर्मचारी भी है , अतिरिक्त बजट भी हैं , उनके वेतन भत्ते भी हैं , , गोशालाएं , कांजी हाउस भी हैं , इसी क्रम में , इस मामले में 23 जुलाई 1997 में राजस्थान हाईकोर्ट ने संजय फुफलियाँ बनाम ,स्टेट ऑफ़ राजस्थान में सुनवाई के बाद, सड़कों को आवारा जानवर मुक्त करने , और ज़िम्मेदार अधिकारी , कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने , 188 आई पी सी कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं , , कोटा में , इस मामले ,में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी की तरफ , से डॉक्टर सुधीर बनाम नगर निगम कोटा मामले ,में न्यायालय 4 उत्तर कोटा ने भी , 2020 में सड़कों पर आवारा जानवर , मवेशी , गांय , सांड , , कुत्ते ,, सूअर , बदंरों को हटाने के निर्देश भी , कोटा नगर निगम कोटा पुलिस अधीक्षक कोटा जिला कलेक्टर को दिए है , क्योंकि , पुलिस अधिनियम , केटल ट्रेस पास एक्ट , नगर पालिका क़ानून में यह इन अधिकारीयों , अधीनस्थों की ज़िम्मेदारी है , विधिक कर्तव्य है ,
आदरणीय कोटा में केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने , इस मामले में , कोटा की सड़कों को , आवारा मवेशियों , या पालतू मवेशियों के सड़कों पर आवागमन की हिंसक व्यवस्था को देखकर , आम लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने के लिए , कोटा में , देवनारायण योजना लागु की है , जिसमे , कोटा शहर से अलग ,, पशु पालकों के लिए ,, अलग से रहवास के साथ , पशुपालन के लिए, कॉलोनी बनाई है, जिसमे रियायती दर पर उन्हें भूखंड दिए , सभी तरह की आधुनिक व्यवस्थाएं , सुविधाएं देकर, पशुपालकों को , पशुओं सहित , देवनारायण योजना में शिफ्ट कर दिया , और निर्देशित किया , के सड़कों पर, आवारा जानवर हों , या फिर पालतू जानवर अगर नज़र आये तो कठोर कार्यवाही की जाए , लेकिन कोटा जिला प्रशासन , कोटा नगर निगम इस मामले में नाकारा साबित हुआ ,रोज़ मर्रा सड़कों पर , आवारा कुत्ते , आते जाते बच्चों , बुज़ुर्गों पर हमला कर उन्हें लहू लुहान कर रहे हैं , विज्ञाननगर सहित अन्य बस्तियों में , अघोषित सूअर पालन केंद्र बने हुए है , जो हिंसक होकर , विज्ञाननगर सब्जीमंडी क्षेत्र में आते जाते लोगों पर हमला करते हैं , कोटा में नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही , जिला प्रशासन की लापरवाही , कर्त्तव्यविहीनता की वजह , से ,, सड़कों पर आम आदमी का चलना , हिंसक कुत्ते , हिंसक , सूअर , हिंसक , गाँव , सांड की वजह से जानलेवा हो गया है , रोज़मर्रा घायल होने , की खबर आम हो गयी है ,
आदरणीय दिनांक 19 दिसम्बर को देवनारायण योजना के बाद , अधिकृत रूप से केटल फ्री शहर कोटा में , नगर निगम कोटा दक्षिण के कार्यक्षेत्र ,, महापौर के खुद के इलाक़े कैथूनीपोल थानाक्षेत्र में , एक शख्स ,, महेश जी थानवार 61 वर्ष जो साबरमती कॉलोनी कोटा में निवासित था , सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक् को निकला , एक सांड , नगर निगम का सांड अचानक , आता है , इस मॉर्निंग वाकर को निशाना बनाता है , एक बार सींघ से उछाल कर फेंकता है , फिर दुबारा उछालता है , आंख्ने बाहर निकाल देता है , अड़ोस पड़ोस के लोग , सांड को पत्थर मारकर भगाते हैं ,, सांड की मार से घायल महेश जी थानवार को अस्पताल ले जाते हैं , लेकिन इनकी मृत्यु हो जाती है, इस तरह से नगर निगम की व्यवस्था , प्रशासनिक अधिकारीयों की लापरवाही , कैटलफ्री कोटा शहर में , ज़िम्मेदारों की गैर ज़िम्मेदारी , कर्त्तव्यविहीनता की वजह से , मॉर्निंग वाकर निर्दोष की हत्यारी हो गयी , ऐसे लोगों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही ज़रूरी है , मृतक के परिजनों को , मुआवज़ा मिलना ज़रूरी है , भविष्य में सड़कों पर कुत्ते ,, सूअर , आवारा मवेशी उत्पात ना मचाएं इसके लिए , एक गाइड लाइन और दोषी लोगों को सज़ा देने का प्रावधान होना चाहिए, इस घटना के मामले में भी दोषी लोगों के खिलाफ अनुशानात्मक , फौजदारी कार्यवाही कर सज़ा दिलवाने के निर्देश ज़रूरी हैं , इस घटना को सी सी टी वी कैमरे ने भी केद किया है, वोह भी तलब कर देखी जाए,
एडवोकेट अख्तर खान अकेला
महासचिव ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
रशीदा मंज़िल 2 थ 15 मैन रोड बृजवासी मिष्ठान के पास
विज्ञाननगर कोटा 324005 मोबाईल 9829086339
मानव अधिकार आयोग एक्शन मूड में,कोटा निगम से मांगा नो अप्रैल तक जवाब,कोटा में सांड ने एक व्यक्ति को मारा था कुचल कर, एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने की थी पैरवी
के डी अब्बासी
कोटा मार्च। ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद कर मार देने के मामले में , राज्य मानवाधिकार आयोग का रुख सख्त ,, 9 अप्रेल तक जवाब देने को कहा , ,मृतक के परिजनों से भी शपथ पर देने को कहा ,,
कोटा के कैथूनीपोल थाना क्षेत्र में , 19 दिसम्बर 2022 को सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक पर गए महेश जी को , नगर निगम कोटा दक्ष्णि के एक सांड ने , बार बार हमला कर बेरहमी से मार दिया था , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला की शिकायत पर , राजस्थान मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेकर , ,कोटा दक्षिण नगर निगम आयुक्त , कोटा जिला कलेक्टर से पहले जवाब तलब किया और फिर अब मृतक के परिजनों को क्षतिपूर्ति राशि मामले में , स्पष्टीकरण माँगा है , इस मामले में आगामी पेशी , 9 अप्रेल को नियत की गई है , जिसकी प्रति शिकायतकर्ता अख्तर खान अकेला को भी भेजी है , ,राजस्थान मानवाधिकार आयोग के चेयरमेन जस्टिस श्री जी आर मूलचंदानी ने अख्तर खान अकेला द्वारा भेजा गया दर्ज परिवाद 2023 /24 /234 मामले में 24 फरवरी 2025 को सुनवाई के दौरान नगर निगम कोटा दक्षिण के पत्र क्रमांक 14464 -65 दिनांक 19 दिसम्बर 2024 का अवलोकन किया जिसमें , नगर निगम कोटा दक्षिण ने निराश्रित जानवरों को पकड़ने के बाद , जुर्माना लेकर छोड़ने का तथ्य अकिंत किया ,, लेकिन इन जानवरों से दुर्घटना पर मुआवज़े का कोई प्रावधान होना नहीं बताया ,, आयोग के चेयरमेन जस्टिस जी आर मूलचंदानी ने अपने आदेश में लिखा के नगर निगम अपनी रिपोर्ट प्रेषित कर बताये की उसने मृतक को क्षतिपूर्ति देने का कोई प्रस्ताव लिया या नहीं , इस मामला में स्पष्ट रिपोर्ट पेश करे , जबकि जिला कलेक्टर और आयुक्त नगर निगम कोटा दक्षिण से इस मामले में क्षतिपूर्ति दी गई या नहीं , कोई प्रस्ताव लिया गया है या नहीं इसके जवाब के बाद ही कोई आदेश होगा , इस मामले में , आयोग चेयरमेन ने परिवादी अख्तर खान अकेला को भी निर्देशित किया है कि मृतक के परिवारजन द्वारा इस मामला में मृतक की आयु , आय ,, व्यवसाय के बारे में शपथ पात्र पेश करवाएं , ,,,,,कोटा में वर्ष 2022 में बेलगाम सांड द्वारा एक व्यक्ति को रोंद रोंद कर सरेआमम मर दिया था , यह एक दिल हिला देने वाली घटना थी , इस मामले में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी के महासचिव एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने विस्तृत शिकायत राजस्थान मानवाधिकार आयोग को की थी , जिस पर संज्ञान लेकर यह कार्यवाही विचाराधीन है , उक्त प्रकरण में आगामी पेशी अब 9 अप्रेल नियत है इसके पूर्व इस मामले में , नगर निगम ,, कोटा कलेक्टर की क्षतिपूर्ति मामले में रिपोर्ट और मृतक के परिजनों का शपथ पत्र माँगा गया है , ,,,एडवोकेट अख्तर खान अकेला ने जो शिकायत भेजी थी ,, वोह हू बहू पेश है ,,,,,,माननीय अध्यक्ष महोदय ,
राज्य मानवाधिकार आयोग , राजस्थान
जयपुर राजस्थान ,
केटल फ्री शहर कोटा में दिनांक 19 दिसम्बर को , कोटा दक्षिण नगर निगम , सहित संबंधित अधिकारीयों की लापरवाही से आवारा मवेशी सांड , नहीं पकड़ने से , कैथूनीपोल थानाक्षेत्र कोटा स्थित साबरमती कॉलोनी निवासी , महेश जी थानवार 61 वर्ष सुबह , मॉर्निंग वाक् पर निकले थे , उस सांड अचानक उन पर हमला किया , और उनकी हत्या कर दी , इस मामले में ज़िम्मेदार महापौर , नगर निगम अधिकारी , कोटा के ज़िम्मेदार प्रशासन के खिलाफ कार्यवाही कर, मृतक के परिजनों को मुआवज़ा दिलवाने और गैरज़िम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही के निर्देश देने के क्रम में , ,
मान्यवर ,
उपरोक्त विषय में लेख है कि राजस्थान में नगर पालिका क़ानून में , सड़कों पर आवारा जानवरों को पकड़ कर कांजी हाउस में रखने का क़ानून है , आवारा जानवरों से शहर की सड़के आवाजाही के लिए मुक्त रहेंगी , ऐसा क़ानून है , इस क़ानून के तहत, नगर निगम में कर्मचारी भी है , अतिरिक्त बजट भी हैं , उनके वेतन भत्ते भी हैं , , गोशालाएं , कांजी हाउस भी हैं , इसी क्रम में , इस मामले में 23 जुलाई 1997 में राजस्थान हाईकोर्ट ने संजय फुफलियाँ बनाम ,स्टेट ऑफ़ राजस्थान में सुनवाई के बाद, सड़कों को आवारा जानवर मुक्त करने , और ज़िम्मेदार अधिकारी , कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने , 188 आई पी सी कार्यवाही के निर्देश भी दिए हैं , , कोटा में , इस मामले ,में ह्यूमन रिलीफ सोसायटी की तरफ , से डॉक्टर सुधीर बनाम नगर निगम कोटा मामले ,में न्यायालय 4 उत्तर कोटा ने भी , 2020 में सड़कों पर आवारा जानवर , मवेशी , गांय , सांड , , कुत्ते ,, सूअर , बदंरों को हटाने के निर्देश भी , कोटा नगर निगम कोटा पुलिस अधीक्षक कोटा जिला कलेक्टर को दिए है , क्योंकि , पुलिस अधिनियम , केटल ट्रेस पास एक्ट , नगर पालिका क़ानून में यह इन अधिकारीयों , अधीनस्थों की ज़िम्मेदारी है , विधिक कर्तव्य है ,
आदरणीय कोटा में केबिनेट मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने , इस मामले में , कोटा की सड़कों को , आवारा मवेशियों , या पालतू मवेशियों के सड़कों पर आवागमन की हिंसक व्यवस्था को देखकर , आम लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने के लिए , कोटा में , देवनारायण योजना लागु की है , जिसमे , कोटा शहर से अलग ,, पशु पालकों के लिए ,, अलग से रहवास के साथ , पशुपालन के लिए, कॉलोनी बनाई है, जिसमे रियायती दर पर उन्हें भूखंड दिए , सभी तरह की आधुनिक व्यवस्थाएं , सुविधाएं देकर, पशुपालकों को , पशुओं सहित , देवनारायण योजना में शिफ्ट कर दिया , और निर्देशित किया , के सड़कों पर, आवारा जानवर हों , या फिर पालतू जानवर अगर नज़र आये तो कठोर कार्यवाही की जाए , लेकिन कोटा जिला प्रशासन , कोटा नगर निगम इस मामले में नाकारा साबित हुआ ,रोज़ मर्रा सड़कों पर , आवारा कुत्ते , आते जाते बच्चों , बुज़ुर्गों पर हमला कर उन्हें लहू लुहान कर रहे हैं , विज्ञाननगर सहित अन्य बस्तियों में , अघोषित सूअर पालन केंद्र बने हुए है , जो हिंसक होकर , विज्ञाननगर सब्जीमंडी क्षेत्र में आते जाते लोगों पर हमला करते हैं , कोटा में नगर निगम के कर्मचारियों की लापरवाही , जिला प्रशासन की लापरवाही , कर्त्तव्यविहीनता की वजह , से ,, सड़कों पर आम आदमी का चलना , हिंसक कुत्ते , हिंसक , सूअर , हिंसक , गाँव , सांड की वजह से जानलेवा हो गया है , रोज़मर्रा घायल होने , की खबर आम हो गयी है ,
आदरणीय दिनांक 19 दिसम्बर को देवनारायण योजना के बाद , अधिकृत रूप से केटल फ्री शहर कोटा में , नगर निगम कोटा दक्षिण के कार्यक्षेत्र ,, महापौर के खुद के इलाक़े कैथूनीपोल थानाक्षेत्र में , एक शख्स ,, महेश जी थानवार 61 वर्ष जो साबरमती कॉलोनी कोटा में निवासित था , सुबह सवेरे मॉर्निंग वाक् को निकला , एक सांड , नगर निगम का सांड अचानक , आता है , इस मॉर्निंग वाकर को निशाना बनाता है , एक बार सींघ से उछाल कर फेंकता है , फिर दुबारा उछालता है , आंख्ने बाहर निकाल देता है , अड़ोस पड़ोस के लोग , सांड को पत्थर मारकर भगाते हैं ,, सांड की मार से घायल महेश जी थानवार को अस्पताल ले जाते हैं , लेकिन इनकी मृत्यु हो जाती है, इस तरह से नगर निगम की व्यवस्था , प्रशासनिक अधिकारीयों की लापरवाही , कैटलफ्री कोटा शहर में , ज़िम्मेदारों की गैर ज़िम्मेदारी , कर्त्तव्यविहीनता की वजह से , मॉर्निंग वाकर निर्दोष की हत्यारी हो गयी , ऐसे लोगों के खिलाफ क़ानूनी कार्यवाही ज़रूरी है , मृतक के परिजनों को , मुआवज़ा मिलना ज़रूरी है , भविष्य में सड़कों पर कुत्ते ,, सूअर , आवारा मवेशी उत्पात ना मचाएं इसके लिए , एक गाइड लाइन और दोषी लोगों को सज़ा देने का प्रावधान होना चाहिए, इस घटना के मामले में भी दोषी लोगों के खिलाफ अनुशानात्मक , फौजदारी कार्यवाही कर सज़ा दिलवाने के निर्देश ज़रूरी हैं , इस घटना को सी सी टी वी कैमरे ने भी केद किया है, वोह भी तलब कर देखी जाए,
एडवोकेट अख्तर खान अकेला
महासचिव ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
रशीदा मंज़िल 2 थ 15 मैन रोड बृजवासी मिष्ठान के पास
विज्ञाननगर कोटा 324005 मोबाईल 9829086339
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