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07 अक्तूबर 2024

जिसको कोई टाल नहीं सकता

 सूरए अल मआरिज मक्के में नाजि़ल हुआ और इसकी चैवालीस (44) आयतें हैं
ख़ुदा के नाम से (शुरू करता हूँ) जो बड़ा मेहरबान निहायत रहम वाला है
एक माँगने वाले ने काफ़िरों के लिए होकर रहने वाले अज़ाब को माँगा (1)
जिसको कोई टाल नहीं सकता (2)
जो दर्जे वाले ख़ुदा की तरफ़ से (होने वाला) था (3)
जिसकी तरफ फ़रिश्ते और रूहुल अमीन चढ़ते हैं (और ये) एक दिन में इतनी मुसाफ़त तय करते हैं जिसका अन्दाज़ा पचास हज़ार बरस का होगा (4)
तो तुम अच्छी तरह इन तक़लीफों को बरदाश्त करते रहो (5)
वह (क़यामत) उनकी निगाह में बहुत दूर है (6)
और हमारी नज़र में नज़दीक है (7)
जिस दिन आसमान पिघले हुए ताँबे का सा हो जाएगा (8)
और पहाड़ धुनके हुए ऊन का सा (9)
बावजूद कि एक दूसरे को देखते होंगे (10)

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