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10 अक्तूबर 2024

राहुल गांधी की नफरत के खिलाफ मोहब्बत के पैगाम की जंग में कोंग्रेस, कोंग्रेस किंलीदर्शिप हर स्तर पर फिसड्डी साबित,

 

राहुल गांधी की नफरत के खिलाफ मोहब्बत के पैगाम की जंग में कोंग्रेस, कोंग्रेस किंलीदर्शिप हर स्तर पर फिसड्डी साबित,
गाज़ियाबाद डासना के महंत यति नर्सिममानन्द का देश के क़ानून , देश के संविधान के खिलाफ जो बयान आया है , उस मामले में , कांग्रेस के प्रतिपक्ष नेता , राहुल गांधी का नफरत के खिलाफ मोहब्बत के पैगाम ,, मामले में जो अभियान है , वोह ज़ीरो ,, फिसड्डी साबित हुआ है , ,महंत नफरत फैला रहे हैं , नफरत फेल रही हैं , धर्म मज़हब का अपमान कर रहे हैं , और नफरत के खिलाफ मोहब्बत मोहब्बत का नारा देने वाले कोंग्रेसी खुद राहुल गांधी, उनके रिमोट संचालित मनोनीत लोग, , झूंठ और फरेब साबित हो रहे हैं , वोह , उनके नेता , उनकी राष्ट्र , राज्य , ज़िले , कस्बे , ब्लॉक की इकाइयां एक शब्द भी नहीं बोल रहीं , यक़ीनन , राहुल गांधी के नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग के ऐलान को , देश के किसी भी नागरिक ने गंभीरता से नहीं लिया , कुछ कोंग्रेसियों ने चापलूसी , चमचागिरी के तहत , सोशल मीडिया पर ज़रूर समर्थन किया है , लेकिन अंगीकार , स्वीकार नहीं किया ,, ,जब इस अभियान में कांग्रेस का एक भी पदाधिकारी , खुद गंभीर नहीं है , तो फिर आम जनता द्वारा तो इसे गंभीरता से लेने का प्रश्न ही पैदा नहीं होता , झंडा भाजपा का दो रंग का है , लेकिन इन दिनों किरदार कांग्रेस का दो रंगा का होता जा रहा हैं , इसके परिणाम भुगतना भी पढ़ रहे हैं , हर बार , हर चुनाव में जीत के आंकड़े से कई ज़्यादा अनुमान होने के बाद भी , हम नतीजों में लगातार पिछड़ रहे हैं , लेकिन सुधर नहीं रहे , खुद को फिर से पुरानी कांग्रेस की तरह बदल नहीं रहे , गिनती के चार पांच दर्जन लोग , वोह ही ,टिकिट ,लेंगे वो ही जीतेंगे , वो ही हारेंगे , और फिर जीते तो ठीक, हारे तो पार्टी में प्रभारी , सचिव , महासचिव , अध्यक्ष वगेरा रहेंगे , राज्यों में सरकार रही तो वो ही , प्रसाद पर्यन्त पदों पर मंत्री दर्जा पदों पर ,रहेंगे खेर बात नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग की है , राहुल गांधी की है ,बक़राईद पर बकरा बचेगा तो मोहर्रम पर बकरा नाचेगा ,, की कहावत बखान करने वाले कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे की ज़िम्मेदारी की है ,बात धर्म निरपेक्ष आवाज़ ,धर्म निरपेक्ष कार्यर्कताओं , पदाधिकारियों की है , बात कांग्रेस की मर्यादाओं , कांग्रेस की सोच की है , बात कांग्रेस में मुस्लिम सांसद , विधायक , हारे हुए , जीते हुए लोगों की है , पदाधिकारियों की है , ,बात कांग्रेस के सेवादल , यूथ कांग्रेस , विभाग , प्रकोष्ठों के साथ , कांग्रेस द्वारा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धानतों के विपरीत अन्य विभागों की तरह , राष्ट्रिय अल्पसंख्यक आयोग में राज्य सभा सदस्य के साथ साथ राष्ट्रिय कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रिय अध्यक्ष की निष्क्रियता की है , ,देश भर में भाजपा का मुस्लिम समाज के लोगों से सिर्फ एक ही बात को लेकर विवाद , है , झगड़ा है ,दुश्मनी है , भाजपा गिन गिन कर इस समाज की उपेक्षा कर बदला सिर्फ इसीलिए लेती है , क्योंकि वोह कहती है , के तुम्हारे सो में से सो नहीं तो नन्नियांनवै वोट तो कांग्रेस को जाते है , फिर हम तुम्हारे साथ क्यों रहें , और ऐसा होता भी हैं , भाजपा राज में राजधर्म नहीं , होकर वोट नीति धर्म होता है, ,मुस्लिम समाज के वोटों के मामले में विवाद भी होते हैं , उनकी योजनाएं बदले की भावना से बंद होती है , कल्याणकारी व्यवस्थाओं को ललकारा जाता है , ज़ुल्म , ज़्यादतियाँ तो आप लोग पढ़ते ही रहते हैं , और राहुल गाँधी ने नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग का जो नारा दिया था , उसके बाद भी ऐसी कई घटनाएं हुई हैं , तो जब नफरत की भावना से कोई कार्यवाही हो रही है , तो मोहब्बत की आवाज़ उठाने वाले , इस व्यवस्था में इन्साफ के लिए आगे क्यों नहीं आते हैं , क्यों इनकी ज़ुबानें हलक़ में अटक जाती हैं , क्यों यह लोग , चुनाव में इस वर्ग को अलग थलग कर देते हैं , प्रतिनिधित्व का नंबर आये तो दूसरे नहीं तीसरे नहीं , सबसे अंतिम पंक्ति के नागरिक और वोट का नंबर आये तो प्रथम पंक्ति में वोट की डिमांड , , वोट की उम्मीद , ,दुरंगा झंडा भाजपा को , और तिरंगे रंग वाली कांग्रेस का किरदार दुरंगा क्यों हो रहा है , इस पर चिंतन मंथन की ज़रूरत हैं , अरे देश में मोहब्बत का ही क़ानून है , मोहब्बत का ही संविधान है , नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग को लेकर देश का संविधान , है , देश का क़ानून है , संसद है ,विधानसभाएं हैं , अल्पसंख्यक आयोग है ,,अदालतें हैं , लोकतान्त्रिक तरीके धरने प्रदर्शन हैं , लेकिन कांग्रेस जब खुद पर खुद के नेताओं पर पढ़ती है , तो देश भर की जिला इकाइयों का राष्ट्रिय , राज्य और जिला स्तर पर प्रदर्शन , धरने , ज्ञापन बाज़ी , करवाती है, लेकिन सो में से सो फीसदी वोट देने वालों के खिलाफ साज़िश होती है , तो खामोशी , चुप्पी , यह कोनसी सियासत है , तुममे और इनमे फ़र्क़ किया है , में जानता हूँ ,, यह झूँठों मक्कारों की महफ़िल है , सच बोलूंगा तो में भी निकाला जाऊँगा , लेकिन कोई तो सच बोलेगा , सच का अहसास कराएगा, इस कांग्रेस को , कांग्रेस की नीतियों से दूर कर कुछ चमचे , चापलूस , चोर बेईमान , लोगों ने , एक व्यक्ति एक पद के खिलाफ कई पद लेकर बैठे लेने वाले सौदेबाज़ों ने , संगठन और उसकी नीतियों को लीर लिया है , रस मलाई मिलती रहेगी तो पार्टी में रहेंगे , ज़रा भी काम करने के लिए कहो , रस मलाई पर रोक लगे तो ,, सीधे भाजपा में चले जायेंगे , यह ट्रेंड , ,नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग का नहीं है , नफरत के खिलाफ अगर मोहब्बत की जंग का ऐलान ईमानदारी से करना है , तो करके भी दिखाओ , ज़मीनी हक़ीक़त देखो , आज , गाज़ियाबाद में जो नफरत के बोल , महंत ने बोले है , उस महंत के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार , ,देश के क़ानूनों , संविधान के अनुरूप कार्यवाही हो , इसके लिए , राष्ट्रिय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे , उनके राष्ट्रिय को कोर्डिनेटर नासिर हुसैन , राष्ट्रिय अल्पसंख्यक विभाग के चेयरमेन , कांग्रेस के महासचिव , देश भर की प्रदेश इकाइयों के प्रदेश अध्यक्ष , ज़िलों के अध्यक्ष की है , के वोह , अपने अपने कलेक्टर , उपखडं कलेक्टर राष्ट्रपति , राज्यपाल के ज़रिये ऐसे लोग , जो , देश को नफरत की आग में झोंकना चाहते हैं , चाहे वोह हिन्दू समाज के नफरत बाज़ हों , चाहे वोह मुस्लिम समाज के नफरत बाज़ हों उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही की , योजनाबद्ध तरीके से आवाज़ उठना चाहिए थी , लेकिन कांग्रेस में योजना कहाँ है , सलाह ,, मशवरा , ,संवाद कहा हैं , यहां तो बस बुलाओ , अपनी बात पेलो चल दो , जिला स्तरीय , ब्लॉक स्तरीय लोगों से मिलने की परम्परा कहाँ है , सुनवाई कहा हैं ,सिर्फ रस्म अदायगी , घूमते फिरो , मज़े करते रहो , और अपने अपने दफ्तरों में बैठकर , नियमित रूप से , ;प्रताड़ित , ज़रूरत मंद लोगों से नियमित मिलने का कोई कार्यक्रम नहीं , खुद के पदों से संबंधित दफ्तर खुलते भी हैं या नहीं , या फिर वहां जाले वगेरा आ रहे हैं , यह भी देख लेंगे तो काम चल जाएगा ,,हाल ही में गाज़ियाबाद डासना मंदिर के महंत द्वारा उनके आपराधिक नफरती रिकॉर्ड के मुताबिक़ जो बयान उन्होंने मुस्लिम समाज की आस्थाओं को ललकारने वाला दिया है , अगर देश में नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग का नारा राहुल गांधी का दिल से होता है , आत्मा से होता , ईमानदारी से होता , तो वोह खुद , इस मामले को लेकर , ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही करवाने के लिए , देश की महामहीम राष्ट्रपति के पास ज्ञापन देने जाते , उत्तराखंड के कांग्रेस के पदाधिकारी , इस मामले में राज्यपाल के पास ज्ञापन देने जाते , कांग्रेस के वोटों से राज्य सभा सांसद बने वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी से हेट स्पीच के दिशा निर्देशों के अनुरूप , ,हेट स्पीच देने विडिओ आने के बाद भी , उत्तररखण्ड सरकार ने अभी तक कोई कार्यवाही क्यों नहीं की , इस मामले में , सुप्रीमकोर्ट में कार्यवाही कर उत्तराखण्ड सरकार के खिलाफ भी कार्यवाही करवाते , ऐसी कार्यवाही कोई भी नफरतबाज़ हो , वोह चाहे मुस्लिम हो , हिन्दू हो , सिक्ख हो , ईसाई हो , बौद्ध हो , अगर धर्म , मज़हब , समाज , महापुरुष , देवी देवता , पेगम्बरों के खिलाफ नफरत फैलाने की अनर्गल टिप्पणिययाँ करता है , तो कार्यवाही देश के क़ानून के मुताबिक़ होना ही चाहिए , उनके ट्रस्ट , उनकी आमदनी , खर्च , की जांच होना चाहिए , उन्हें जेल भेजना चाहिए और अगर बार बार वोह ऐसा करने के आरोपी है , तो फिर उन्हें राष्ट्रिय सुरक्षा क़ानून के तहत राष्ट्र की सुख शांति , अमन सुकून को बहाल रखने के लिए नज़र बंद रखना ही चाहिए , ,ऐसी सरकारें जो अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाएं उनके खिलाफ निष्पक्ष टीम भाव से , सुप्रीमकोर्ट में याचिका के ज़रिये , आदेश , दिशा निर्देश लाना ही चाहिए , लेकिन करे कोन ,,, नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग का नारा देना तो बहुत आसान है , इसे क्रियान्वित करने के लिए ज़मीन पर आना पढ़ेगा ,, लोगों के बीच जाना पढ़ेगा, हर घटना , पर नज़र रखना होगी , ,सेवादल का प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाना होगा , ऍन एस यू आई , यूथ कांग्रेस ,, कांग्रेस की जिला , प्रदेश , राष्ट्रिय इकाइयों को , सक्रिय करना होगा , विभागों को मज़बूत करना होगा , चमचों , चापलूसों से कांग्रेस को आज़ाद करना होगा , क़ायदे से , तो मलिकार्जुन खड़गे राष्ट्रिय अध्यक्ष है , अगर उनमे राहुल गांधी के इस नारे के प्रति सम्मान होता तो वोह खुद , इस मामले में राष्ट्रिय स्तर का विरोध कार्य्रकम बनाते , खुद राहुल प्रतिपक्ष का नेता होने की ज़िम्मेदारी निभा ,कर अपने इस नफरत के खिलाफ मोहब्बत की जंग के नारे की लाज रखते और राष्ट्रपति के पास कार्यवाही के लिए ज़रूर जाते , लेकिन जब सो में से सो वोट , घर बैठे बिना कुछ करे , मिल ही रहे हैं , विरासत में सब कुछ मिल ही रहा है , तो फिर ज़मीनी स्तर पर महनत करने की यह लोग ज़रूरत ही नहीं समझ पा रहे हैं , जो विरासत कांग्रेस की विधि ,, नियमों की पूंजी है ,उसे यह धीरे धीरे बर्बाद कर रहे हैं और आज हालात यहाँ तक आ गए , सब कुछ खाली होता जा रहा है , इसलिए कहता हूँ, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है , उठो , चलो , मोहब्बत के खिलाफ नफरत की जंग में आवाज़ बनो , निष्पक्ष रहो , देश में अमन सुकून रहेगा , तभी देश तरक़्क़ी करेगा , और देश तरक़्क़ी करेगा , तो कांग्रेस भी तरक़्क़ी करेगी , तो फिर ,, फैसला आपके हाथ है , दिखावा कर लो , चमचागिरी कर लो , या फिर ,, कांग्रेस के मूल उद्देश्यों की तरफ लोट आओ , कांग्रेस की कार्यर्कताओं के साथ नियमित जुड़ाव , नियमित मुलाक़ात , नियमित दुखदर्द की सुनवाई की तरफ लोट आओ ,ज़ुबानी बातें मत करो , संवाद करो , लोगों से मिलो , जो कहते हो वोह करो , कांग्रेस की ओरिजनल नीतियों की तरफ लोट आओ ,, एक व्यक्ति एक पद ज़िंदाबाद करो , कांग्रेस विधान में जो तुरंत आया उसे छह माह तक टिकिट नहीं देंगे , वोह सिद्धांत फिर लागू करो , जो कर्तव्य विहीन है , कांग्रेस कार्यालयों में नियमित उपस्थित नहीं रहते , नियमित कांग्रेस कार्यालय खोलकर नहीं बैठते ,, उनसे कांग्रेस को आज़ाद करो , ,, ,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339

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