और उसी हाल में हमेशा रहेंगे और क्या ही बुरा बोझ है क़यामत के दिन ये लोग उठाए होंगे (101)
जिस दिन सूर फूँका जाएगा और हम उस दिन गुनाहगारों को (उनकी) आँखें मैली (अन्धी) करके (आमने-सामने) जमा करेंगे (102)
(और) आपस में चुपके-चुपके कहते होंगे कि (दुनिया या क़ब्र में) हम लोग (बहुत से बहुत) नौ दस दिन ठहरे होंगे (103)
जो कुछ ये लोग (उस दिन) कहेंगे हम खू़ब जानते हैं कि जो इनमें सबसे ज़्यादा
होशियार होगा बोल उठेगा कि तुम बस (बहुत से बहुत) एक दिन ठहरे होगे (104)
(और ऐ रसूल) तुम से लोग पहाड़ों के बारे में पूछा करते हैं (कि क़यामत के
रोज़ क्या होगा) तो तुम कह दो कि मेरा परवरदिगार बिल्कुल रेज़ा रेज़ा करके
उड़ा डालेगा (105)
और ज़मीन को एक चटियल मैदान कर छोड़ेगा (106)
कि (ऐ शख़्स) न तो तू उसमें मोड़ देखेगा और न ऊँच-नीच (107)
उस दिन लोग एक पुकारने वाले इसराफ़ील की आवाज़ के पीछे (इस तरह सीधे) दौड़
पड़ेगे कि उसमें कुछ भी कज़ी न होगी और आवाज़े उस दिन खु़दा के सामने (इस
तरह) घिघियाएगें कि तू घुनघुनाहट के सिवा और कुछ न सुनेगा (108)
उस दिन किसी की सिफ़ारिश काम न आएगी मगर जिसको खु़दा ने इजाज़त दी हो और उसका बोलना पसन्द करे (109)
जो कुछ उन लोगों के सामने है और जो कुछ उनके पीछे है (ग़रज़ सब कुछ) वह
जानता है और ये लोग अपने इल्म से उसपर हावी नहीं हो सकते (110)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 जनवरी 2024
और उसी हाल में हमेशा रहेंगे और क्या ही बुरा बोझ है क़यामत के दिन ये लोग उठाए होंगे
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