कोंग्रेस के 139 स्थापना दिवस पर राहुल जी को विनम्र सुझाव,
राहुल गांधी अपनी यात्रा के दौरान , हर ज़िले के कांग्रेस कार्यालय में पहुंचकर , पिता श्री राजीव गाँधी जी का संदेश कांग्रेस कार्यालय मंदिर है , जिला अध्यक्ष उसके पुजारी और पदाधिकारी ,, कार्यर्कता भक्त जन है , पूरा करेंगे , कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे , तो ही उनकी यात्रा सार्थक रहेगी , वरना पूर्व यात्रा के नाकाम नतीजे सामने है , गुप्त पत्र लिख लिखकर थक जाने के बाद यह सुझाव सार्वजनिक करना ,, कांग्रेस को मज़बूती दिलाने , कांग्रेस के संवैधानिक दायित्व फिर से ज़िंदाबाद करने के लिए यह गुस्ताखी ज़रूरी है , यह कांग्रेस हित में एक कार्यर्कता की ज़रूरी , मजबूरी में की गई गुस्ताखी है , ,,,
आदरणीय राहुल गाँधी जी , आखिर आपने फिर यात्रा का फैसला कर ही लिया , पैदल यात्रा नहीं तो बस से यात्रा का फैसला सुना दिया गया ,, आप पर देश की कांग्रेस संगठन को बचाने की ज़िम्मेदारी है , और आरोप डुबोने के लग रहे हैं , यक़ीनन सभी झूंठे आरोप है , लेकिन आप को जनता से और कांग्रेस कार्यर्कताओं से सीधे संवाद रखने की ज़रूरत है , कार्यर्कताओं को सुनाने की जगह , उनकी आमने सामने रूबरू सुनने की ज़रूरत है ,लेकिन इस मामले में हमारे सो में से ज़ीरो नंबर है , आदरणीय इसके पहले , इन पंद्रह सालों में , डेढ़ सो से भी अधिक सुझाव पत्र भेजे , सो से भी अधिक ई मेल भेजे , लेकिन एक पत्र को भी आपने खोलकर नहीं पढ़ा , एक ई मेल को भी खोलकर नहीं देखा ,, यह आपके कार्यालय व्यवस्था , और कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह है , खेर जो हुआ उसे भूल जाते है , पत्र तो आपको फिर भेजे है , मेल भी किये हैं , लेकिन वोह आपके इर्द गिर्द कांग्रेस को बर्बाद करने के सुझाव देने वाले लोग , खोलेंगे नहीं , आप तक नहीं पहुंचाएंगे आपको झूंठ कहेंगे , ऑल इज़ वेल , आल इज़ वेल ,, लेकिन आप भी जानते है , आल इज़ वेल हरगिज़ नहीं है , आप तो लक्ज़री लाइफ में हैं , सुरक्षित हैं , सांसद हैं , संगठन के खर्च पर घूम लेते हैं , लेकिन एक आम कार्यकर्ता जो रोज़ कांग्रेस के लिए लड़ता है , झगड़ता है , अपमानित होता है , वोह बहुत बुरे दौर से गुज़र रहा है , आपको , उनके बारे में , संगठन की व्यवस्थाओं के बारे में , देश के निर्माण के बारे में ,,ज़मीन पर उतर कर अपने कार्यर्कताओं के साथ उनके बीच में जाकर संगठन को मज़बूती देकर , राष्ट्रहित में फिर से एक नई शुरुआत करना होगी , उसके लिए फिर से कुछ सुझाव है , ,
यक़ीनन आपने भारत यात्रा की , देश के बुद्धिजीवियों का विचार रहा के जब , देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव है , कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं का फोकस चुनाव की तय्यरियों में होना चाहिए , ऐसे में यह यात्रा ,, इसके प्रबंधन , इससे जुड़े लोगों की बैठकें , पांच राज्यों के चुनावों के लिए बाधक रहे , और नतीजे सामने है , हम हारे , फिर जिन राज्यों ,, जिन ज़िलों से हमारी भारत यात्रा निकली , वहां भी हम चुनाव हारे हैं , तो बात साफ़ है , यात्रा से , कोई ख़ास प्रभाव चुनाव जीतने के लिए सामने नहीं आया , हाँ राजस्थान के कोटा में , जो विकास हुआ , जिसने विकास किया , उसकी पीठ थपथपाने की जगह आपने जो अपमान किया , टिकिट में रोका टाकी की उसका नतीजा रहा , के कोटा में करोर्ड़ों करोड़ के ऐतिहासिक विकास कार्यों के बाद भी , हमारी किनारे पर जीत हुई , राजस्थान में गहलोत सरकार की योजनाओं का गला घोटा ,बागियों और गद्दारों को आप कंधे पर लेकर घूमे , पत्रकारों से साफ़ कहा के छत्तीसगढ़ ,, मध्य्प्रदेश में कांग्रेस की सरकार आ रही है , राजस्थान में हम लूज़ कर रहे हैं , कौन हैं वोह लोग जो आपको गुमराह करते हैं , आपको इस तरह के मूर्खता पूर्ण कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने वाले बयान दिलवाने के लिए मजबूर करते है , नतीजा राजस्थान में गहलोत की योजनाओं के बल पर , हम आगे बढे ,, जिनको आपने कंधे पर ढोया , उनसे कांग्रेस को ज़रा भी फायदा नहीं हुआ , राजस्थान में हम जीती हुई बाज़ी सिर्फ आपकी बागियों को कंधे पर बिठाकर घूमने की ज़िद की वजह से ही हारे हैं , यह कटु सत्य है , , खेर जो हुआ सो हुआ , जितना डूबना था डूब गए , लेकिन अब कुछ सुझाव है प्लीज़ मुमकिन हो तो अमल कीजिये ,, कांग्रेस को फिर से ज़िंदा कीजिये , हमे सड़कों पर , मीटिंगों में , भाजपा के सामने , अंधभक्तों के सामने सोशल मिडिया पर , शर्मिंदगी उठाना पढ़ती है , इसलिए बदलाव ज़रूरी है ,, ,
,, आपको अपने रहन सहन में बदलाव करना होगा , कांग्रेस का गणवेश , कांग्रेस के संविधान में एक कोंग्रेसी का जो ,पहनावा बाध्यकारी है , उसे सलीक़े से अपनाना होगा , आपको दाढ़ी बढ़ाने वगेरा से परहेज़ करना होगा , नियमित क्लीन शेव , चुस्त दुरुस्त , खादी कलफ कुर्ते में सोबर रहकर खुद को दिखाना होगा , आपके पहनावे , रहन सहन , के सलीक़े का जब लोग मज़ाक़ उड़ाते हैं , तो हमे बुरा बहुत बुरा लगता है , हमें अपमानित होना पढ़ता है , और कांग्रेस के संविधान में जब पहनावे के बारे में लिखा है , तो फिर आप तो प्रमुख हैं , आपको तो उस पर चलना ही चाहिए ,, दिखने में भी हम कोंग्रेसी दिखें ऐसा सुलूक होना चाहिए ,
,,,,,आदरणीय हमारी हरकतें , हमारे सलीक़े ,, बात करने का तरीक़ा, विपक्ष पर हमले का तरीक़ा ,संयमित हो , गाँधीवादी विचार की तरह से , सभ्य अल्फ़ाज़ हों , ज़बरदस्ती गले पढ़ने , आँख मारने ,, वगेरा वगेरा जैसे क़दमों से हमे परहेज़ करना ही होगा , ,जो हो गया सो हो गया , अब खुद को सभ्य लीडर की तरह दिखाना होगा ,,,
,,, आदरणीय कांग्रेस के संविधान में , साल भर में सात दिन अवकाश लेकर , श्रमदान करने , ,, कमाई का एक प्रतिशत कांग्रेस कोष में सदस्य द्वारा जमा करना ,, बूथ तक की कमेटियों का निर्वाचन ,, जिला अध्यक्ष का निर्वाचन वगेरा वगेरा के अलावा कार्यर्कताओं की ट्रेनिंग करने सहित कई व्यवस्थाएं हैं , लेकिन सब कार्यक्रम फ़र्ज़ी , दिखावा , अखबारी , होते रहे हैं ,, आपका इस तरफ तो ध्यान ही नहीं है यात्राओं से अगर हम जीतते तो पिछली यात्रा से हम सारे चुनाव जीत ,जाते इसलिए यात्राओं से चुनाव नहीं जीते ,जाते कार्यकर्ताओं को मज़बूत करने , संगठन को मज़बूत करने , जनता का विश्वास जीतने से ही चुनाव जीते जाते है , आज कांग्रेस का कोई भी कार्यकर्ता अगर आपसे मिलना चाहे तो बताओ उसके पास क्या फार्मूला है आप तक पहुंचने का , तो इस फार्मूले को बनाएं , खुद को कार्यर्कताओं के लिए समर्पित करें , इर्द गिर्द कुछ गिनती के लोगों से आज़ादी लें , कार्यर्कताओं के पास पहुंचे ,, उनकी सुने , उनकी पीठ थपथपाएं , भाषणबाज़ी की जगह रूबरू उनकी सुने और अपनी भी सुनाकर संवाद का माहौल बनाये , भीड़ बुलाई , और मंच से कुछ भी कहा , निकल गए यह सब संवाद नहीं , है , एक तरफा भाषण है , जिससे कांग्रेस मज़बूत नहीं हो सकती , ,
,, आदरणीय आज अगर कोई कार्यकर्ता किसी दूसरी पार्टी के व्यक्ति को पार्टी में लाने के लिए आपसे मिलाने की कोशिश करे , तो आप खुद बताएं क्या इस व्यवस्था में , इस कांग्रेस कुप्रबंध में वोह मिल सकता है , नहीं ना , तो फिर दूसरे लोग हमारे साथ क्यों जुड़ेंगे , वोह मज़ाक़ उड़ाते है , कहते हैं , तुम्हारे नेता से मिला दो , तो हम कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे , वोह कहते हैं नहीं तो हमारी पार्टी के जिस नेता से चाहों हम मिलाते हैं , आदरणीय यह तो आपकी बात है , हमारे तो विधायक , मंत्री पूर्व मंत्री , मुख्यमंत्री की स्थिति यह नहीं के हम उनसे मिल सकें , घर के बाहर भूखे प्यासे खड़े रहकर , कार्यकर्ता उनसे मिलने के लिए अपमानित होते रहते हैं , ऐसा इसलिए होता है , के आपने इसे गंभीरता से नहीं लिया , खुद भी इसी तरीके से मिले , कार्यकर्ताओं के पहले तलाशी , फिर इन्तिज़ार , फिर आपके यहां फोटो की ज़िद ना करे के स्लोगन , आपकी दौड़ लगाने , वाकिंग और एनिमल प्रेम की व्यस्तता , कार्यर्कताओं से खड़े खड़े बात करने की बाध्यता, बहुत कुछ निचले स्तर पर भी वैसा ही है , ,इसमें बदलाव ज़रूरी है ,
,, आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष राष्ट्रीय अध्यक्ष महीने में बीस बार तो अपनी कुर्सी पर , कार्यालय में बैठकर , देश भर के अलग अलग कार्यर्कताओं से मिलने का कार्य्रकम तय करके , अलग अलग बुलाकर मिले , लेकिन आप भी अध्यक्ष की कुर्सी पर अपने कार्यकाल में कितनी बार बैठे , अभी के अध्यक्ष जी कार्यालय में कितनी बार बैठे ,, जोड़ भाग कर लें , जब आप लोग नहीं बैठते तो प्रदेश अध्यक्ष और जिला अध्यक्षों का तो बहुत बुरा हाल है , ब्लॉक अध्यक्ष जी का तो कहना ही किया , संगठन , विधायक ,सांसद , मंत्री , पूर्व मंत्री का गुलाम है , उनकी मर्ज़ी के बगैर अध्यक्ष कुछ करता नहीं , कार्यर्कताओं की कुछ सुनता नहीं , जिला कांग्रेस कार्यालयों में ,अखिल भारतीय कांग्रेस कार्यालय में , अध्यक्ष और गठित कार्यकारिणी की नियमित उपस्थिति आप देख तो लें , एक प्रतिशत , दो प्रतिशत से ज़्यादा नहीं निकलेगी , जिन ज़िलों में कांग्रेस कार्यालय की करोड़ो की सम्पत्ति है , उनका रखरखाव ट्रस्ट के नाम पर , कांग्रेस संविधान के खिलाफ , अपने चहेतों को दुकाने दे रखी हैं , किराया बढ़ाने का नाम नहीं , करोड़ों करोड़ की ज़मीन का कोई रखरखाव नहीं , हमारी पार्टी की सरकार में हमारे मंत्रियों के होते हुए भी , इन कांग्रेस कार्यालयों की कायाकल्प इसलिए नहीं हो सकी क्योंकि आपने और ज़िम्मेदारों ने इस तरफ विज़न ही नहीं किया , खेर अब कर लें ,
,, आदरणीय कांग्रेस कार्यालय में नियमित जिला कांग्रेस अध्यक्ष की उपस्थिति सुनिश्चित हो , कार्यकारिणी के सत्तर फीसदी लोग तो नियमित कांग्रेस कार्यालय पर कार्यर्कताओं , आम जनता की सुनवाई के लिए रहें , जो विधायक , पूर्व विधायक .सांसद , पूर्व सांसद , महापौर , उप महापौर , मंत्री दर्जा रहे लोग , कोग्रेस में है , कांग्रेस के नाम पर पेंशन ले रहे हैं , सुविधाएं ले रहे हैं उनकी जिलेवार सूचि बनाई जाए , ज़िले के कांग्रेस कार्यालय में , उन्हें हफ्ते में दो दिन कम से कम चार घंटे बैठकर , कार्यर्कताओं , आम जनता की परेशानियां सुनने के लिए लिखित में पाबंद किया जाए और ऐसे आदेश के बाद अनुपस्थित रहने वाले , उलंग्घन करने वाले लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की जाए , संगठन के अधिकतम कार्य , कांग्रेस कार्यालय में ही हो बैठकें चुनाव संचालन वगेरा सहित सभी कार्य कांग्रेस कार्यालय में हो ,,,,, ऐसा नियम बने , और नियम की पालना नहीं करने वालों के खिलाफ कार्यवाही हो , स्वर्गीय राजीव जी कहते थे , कांग्रेस कार्यालय एक मंदिर है , और हम भक्त है श्रद्धालु है , अध्यक्ष वगेरा उसके पुजारी है , उनका फरमान था जो भी बाहर का कोई भी व्यक्ति , मंत्री , पदाधिकारी अगर किसी ज़िले में जाता है , ओर वोह कांग्रेस कार्यालय में उपस्थित रहकर कार्यकर्ताओं की नहीं सुनता है , तो उसके खिलाफ कार्यवाही होगी। लेकिन आज मुख्यमंत्री ,, मंत्री , विधायक , प्रभारी वगेरा , सर्किट हाउस , पांच सितारा होटल में कार्यकर्ताओं को धक्के पढ़वाते हैं , ,
,,, आदरणीय लोकसभा चुनाव सर पर है ,, आप सहित सभी को , आने वाले इन चुनावों में जीतने की रणनीति पर वक़्त निकालना था , लेकिन खेर अब यात्रा का संकल्प ले ही लिया है , तो, ,,, आदरणीय आप यात्रा पर हैं 6200 किलोमीटर की बस यात्रा के ज़रिये तीन दर्जन से भी अधिक ज़िलों की सैकड़ों लोकसभा सीटों से कई राज्यों से आप निकलेंगे , आपको , लक्ज़री यात्रा व्यवस्था छोड़ना होगी , पहनावे में खादी , कलफ वाले कुर्ते पायजामे , पहनना होंगे , रोज़ क्लीन शेव रखकर ,, जिस जगह जाएँ , जिस ज़िले में जाएँ , वहां के कांग्रेस कार्यालय में अवश्य उपस्थित होकर , संदेश देना होगा के कांग्रेस कार्यालय मंदिर है , मार्ग में आने वाले हर ज़िले में , आपको , उस ज़िले के कांग्रेस कार्यालय में ,बैठक लेना होगी , जिला अध्यक्ष ,, पूर्व जिला अध्यक्ष , विधायक , सांसद , पूर् विधायक ,, सांसद , पार्षद ,, जिला परिषद सदस्य , प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य , पदाधिकारी गण , ब्लॉक अध्यक्ष , बूथ अध्यक्ष वरिष्ठ कोंग्रेसियों की खुद सूचि देखकर , उन्हें बुलाकर उनसे संवाद करना होगा , उनके साथ भोजन के लिए वक़्त देकर , उनकी सुन्ना होगी , उनकी पीठ थप थपाना होगी , टाटा बाय बाय , मंच पर खड़े हुए , भाषण दिया , चल दिए , यह तो खूब कर लिया ना , इससे तो कांग्रेस डूब ही रही हैं , अब कांग्रेस को फिर से ज़िंदा करने ,, ज़िंदा रखने के लिए इस फार्मूले पर काम तो करना ही होगा ,,
,, आदरणीय यात्रा के वक़्त, कोई भी किसी भी तरह की गिफ्ट दे आप इंकार कर दें , और जो नॉन वेज नहीं परोस सकता हो , जो नॉनवेज अपने रहवासी स्थल पर नहीं खिला सकता हो , उसे मजबूर ना किया जाये , जिस ज़िले में जाएँ , जिस राज्य में जाएँ , वहां की निजी समस्याएं देखे , जिला स्तर पर आपके नेतृत्व में जिला कलेक्टर को उन समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन दें , अगर राजधानी हो , और राज्यपाल वहां उपलब्ध हों , तो राज्यपाल महोदय को , उस राज्य की प्रमुख समस्याओं , उनके समाधान को लेकर , छत्तीस कॉम के नेताओं को लेकर , ज्ञापन दिया जाए , ,ध्यान रखा जाए आप कांग्रेस के नेता के साथ साथ , इण्डिया गठबंधन की ज़िम्मेदारी भी हैं ,, ,
,, आदरणीय आपका रुट चार्ट बनाने वाले , आपके रुट चार्ट पर पहले , जाकर प्रभारी के रूप में ज़िम्मेदारी निभाने वाले , ईमानदार हो , ज़िम्मेदार हो यह सुनिश्चित कर लें , कोटा सहित राजस्थान का अनुभव ठीक नहीं रहा जनाब , , आप खुद हर ज़िले में , जिला अध्यक्ष , ब्लॉक अध्यक्ष , प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य , पूर्व प्रदेश कमेटी सदस्य , ,वरिष्ठ कोंग्रेसी नेतागण , जन प्रतिनिधियों , पार्टी के पदाधिकारियों से बिना किसी धक्का मुक्की लाइन लगाकर मिलने के स्थान पर , उनसे संवाद क़ायम करने के कार्यक्रम बनाये , सुनिश्चित करे के किसी को गुटबाज़ी के वजह से अलग थलग नहीं रखा गया है , तो कर लो यह सब हो जाएगी कांग्रेस रिचार्ज ,
,, आदरणीय आपके खाने के , नाचने के , कुश्ती दंगल के फोटो , वगेरा सोशल मिडिया पर ज़रा भी वायरल ना होने दें , ,कार्यर्कताओं के संवाद के फोटो हों , स्थानीय प्रशासन को स्थानीय समस्याओं के समाधान को लेकर , ज्ञापन देते हुए फोटो विडिओ हों , सोशल मिडिया एक्टिविस्ट ईमानदारी से काम करने वाले हो , ऐसे सोशल मिडिया एक्टिविस्ट हों , जिनकी फ्रेंड लिस्ट में कोंग्रेसियों के अलावा दूसरी विचारधारा के लोग भी हों , ताकि उन तक आपका पैगाम पहुंच सके ,वरना कोंग्रेसी ने कहा , कोंग्रेसी ने सुन लिया फिर आम लोगों तक आपका संदेश कैसे पहुंचेगा ,
,,, आदरणीय आपका भाषण हो तो विनम्रता पूर्वक हो , आंकड़ों के साथ हो , और चेहरे को भी आप भाषण देते वक़्त विनम्र रखें ,, मुस्कुराता हुआ रखें , राजनितिक यूनिफॉर्म में आप रहें , स्मार्ट हैं , तो स्मार्ट बनकर भी रहें , स्थानीय ,, राष्ट्रिय मुद्दे उसमें हो , आपका हाथ आस्तीनों पर एक बार भी ना जाए ,, मिडिया तो कांग्रेस के खिलाफ , भाजपा भक्त है , हो सकता है , नेगेटिविटी दिखाए , दिखाने दो , लेकिन अगर आप , कोई गलती ही ना करेंगे , कोई मौक़ा ही ना देंगे तो फिर साहिब जी ,डर काहेका ,, तो फिर आप अगर जिला कांग्रेस कार्यालयों में जायेंगे , तो खड़गे साहब खुद भी नियमित राष्ट्रिय कांग्रेस कार्यालय में बैठकर लोगों से मिलने लगेंगे , तो फिर प्रदेश के अध्यक्ष भी नियमित रूप से प्रदेश के कार्यालयों में , पूर्व मुख्यमंत्री , पूर्व अध्यक्ष , पूर्व मंत्रियों के साथ बैठने लगेंगे , फिर कार्यकर्ताओं की आवक , और आम लोगों की आवक भी बढ़ेगी , यही हाल जिला कांग्रेस कार्यलयों में हो जायेगा , नियमित अध्यक्ष बैठेंगे , कार्यकारिणी के सदस्य बैठेंगे , पूर्व विधायक , पूर्व सांसद , पूर्व मंत्री , जन प्रतिनिधि वगेरा वगेरा नियमित अपनी नौकरी की तरह से , निर्धारित सूचीबद्ध कार्यक्रम बनाकर बैठेंगे तो कांग्रेस कार्यालयों में आवक बढ़ेगी , नीम के पेड़ के नीचे , या फिर लाल डोरी लगवाकर, उसकी सीमाओं में रहकर , या फिर , सुरक्षा के नाम पर , पुलिस कर्मियों , अंगरक्षकों से , धक्का मुक्की कर अपमानित होकर , कांग्रेस के खिलाफ कार्यर्कताओं में गुस्सा नहीं बढ़ेगा ,, भाई साहबों के चमचे , गुटबाजियों से मुक्ति मिलेगी , लेकिन क्या आप यह सब करेंगे , क्या आप तक मेरा यह संदेश पहुंच सकेगा , क्या आप इन सुझावों को परीक्षित कर इन पर अमल कर सकेंगे , क्या आप कोंग्रेसी लिबास में , कोंग्रेसी संविधान की तरह से , कांग्रेस के अधिक्रत झंडे के नीचे कार्यर्कताओं को एक जुट कर, कांग्रेस कार्यालय को मंदिर समझकर उस कार्यालय के सम्मान में नियमित उपस्थिति , कार्यर्कताओं और आम जनता की सुनवाई का नियम बना ,सकेंगे क्या करोड़ो करोड रूपये की बेशक़ीमती ज़मीनों के कांग्रेस कार्यालयों पर , दो सो , पांच सो ,, हज़ार रूपये के किरायेदार वाली ज़मीनों को खाली करवाकर , मल्टी स्टोरी कांग्रेस कार्यालय बनवाने के निर्देश दे सकेंगे,, , देखते हैं , एक ब्रेक के बाद , , अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान 9829086339
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