और इसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार उनकी कारस्तानियों का बदला
भरपूर देगा (क्यूंकि) जो उनकी करतूतें हैं उससे वह खूब वाकि़फ है (111)
तो (ऐ रसूल) जैसा तुम्हें हुक्म दिया है तुम और वह लोग भी जिन्होंने
तुम्हारे साथ (कुफ्र से) तौबा की है ठीक साबित क़दम रहो और सरकशी न करो
(क्योंकि) तुम लोग जो कुछ भी करते हो वह यक़ीनन देख रहा है (112)
और (मुसलमानों) जिन लोगों ने (हमारी नाफरमानी करके) अपने ऊपर ज़ुल्म किया
है उनकी तरफ माएल (झुकना) न होना और वरना तुम तक भी (दोज़ख़) की आग आ
लपटेगी और ख़ुदा के सिवा और लोग तुम्हारे सरपरस्त भी नहीं हैं फिर तुम्हारी
मदद कोई भी नहीं करेगा (113)
और (ऐ रसूल) दिन के दोनो किनारे और कुछ रात गए नमाज़ पढ़ा करो (क्योंकि)
नेकियाँ यक़ीनन गुनाहों को दूर कर देती हैं और (हमारी) याद करने वालो के
लिए ये (बातें) नसीहत व इबरत हैं (114)
और (ऐ रसूल) तुम सब्र करो क्योंकि ख़ुदा नेकी करने वालों का अज्र बरबाद नहीं करता (115)
फिर जो लोग तुमसे पहले गुज़र चुके हैं उनमें कुछ लोग ऐसे अक़ल वाले क्यों
न हुए जो (लोगों को) रुए ज़मीन पर फसाद फैलाने से रोका करते (ऐसे लोग थे
तो) मगर बहुत थोड़े से और ये उन्हीं लोगों से थे जिनको हमने अज़ाब से बचा
लिया और जिन लोगों ने नाफरमानी की थी वह उन्हीं (लज़्ज़तों) के पीछे पड़े
रहे और जो उन्हें दी गई थी और ये लोग मुजरिम थे ही (116)
और तुम्हारा परवरदिगार ऐसा (बे इन्साफ) कभी न था कि बस्तियों को जबरदस्ती उजाड़ देता और वहाँ के लोग नेक चलन हों (117)
और अगर तुम्हारा परवरदिगार चाहता तो बेशक तमाम लोगों को एक ही (किस्म की)
उम्मत बना देता (मगर) उसने न चाहा इसी (वजह से) लोग हमेषा आपस में फूट
डाला करेगें (118)
मगर जिस पर तुम्हारा परवरदिगार रहम फरमाए और इसलिए तो उसने उन लोगों को
पैदा किया (और इसी वजह से तो) तुम्हारा परवरदिगार का हुक्म क़तई पूरा होकर
रहा कि हम यक़ीनन जहन्नुम को तमाम जिन्नात और आदमियों से भर देगें (119)
और (ऐ रसूल) पैग़म्बरों के हालत में से हम उन तमाम कि़स्सों को तुम से
बयान किए देते हैं जिनसे हम तुम्हारे दिल को मज़बूत कर देगें और उन्हीं
कि़स्सों में तुम्हारे पास हक़ (क़ुरान) और मोमिनीन के लिए नसीहत और याद
दहानी भी आ गई (120)
और (ऐ रसूल) जो लोग ईमान नहीं लाते उनसे कहो कि तुम बजाए ख़ुद अमल करो हम भी कुछ (अमल) करते हैं (121)
(नतीजे का) तुम भी इन्तज़ार करो हम (भी) मुन्तिजि़र है (122)
और सारे आसमान व ज़मीन की पोशीदा बातों का इल्म ख़ास ख़ुदा ही को है और
उसी की तरफ हर काम हिर फिर कर लौटता है तुम उसी की इबादत करो और उसी पर
भरोसा रखो और जो कुछ तुम लोग करते हो उससे ख़ुदा बेख़बर नहीं (123)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
10 अक्तूबर 2023
और इसमें तो शक ही नहीं कि तुम्हारा परवरदिगार उनकी कारस्तानियों का बदला भरपूर देगा (क्यूंकि) जो उनकी करतूतें हैं उससे वह खूब वाकि़फ है
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