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21 जून 2022

खुदा , ईश्वर, अल्लाह, के आगे झुक जाना ,,सबसे बढ़ा आध्यात्म ,सबसे बढ़ा योग है

 खुदा , ईश्वर, अल्लाह, के आगे झुक जाना ,,सबसे बढ़ा आध्यात्म ,सबसे बढ़ा योग है ,योग दिवस सिर्फ एक दिन नहीं ,रोज़ रोज़ दिन में पांच बार खुदा के खौफ के साथ शुद्ध मन से ,तिलावत के साथ होना ही चाहिए ऐसा आध्यात्म योग लालच ,बेईमानी ,फ़िज़ूल ,खर्ची अहंकार ,धनसंचय ,अधिक मुवाफ़ा खोरी ,से रोक कर मुफ्त चिकित्सा की प्रेरणा देता है। मन शुद्ध ,विचार शुद्ध रखता है ,,दिल में प्यार ,मोहब्बत का पैगाम रखता है ,योग के बाद भी जो भोगी रहे वोह योगी कहाँ होता है ,,चाहे फिर वोह पांचो वक़्त का योगी नमाज़ी हो ,चाहे एक वक़्त का योगी हो ,चाहे फिर एक वर्ष में एक बार का योगी हो ,चाहे वोह योगी होने का छद्म नौटंकी बाज़ हो ,क्योंकि दवाये बेचने के कारोबार के साथ ,योग से स्वस्थ होने का ऐलान विरोधाभासी ही है ,,या तो योग से मरीज़ ठीक नहीं होते ,और अगर योग से मरीज़ ठीक होते है तो फिर उन्हें महंगे मुंह मांगे दामों पर बेचीं जाने वाली विज्ञापित दवाये खरीदना नहीं पढ़ती ,दोनों में से एक ही बात सच ,है ,,बस आज योग दिवस पर इतना सा ही कड़वा सच है ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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