योग किसी धर्म मज़हब की बपौती नहीं ,,लेकिन यह सच और कड़वा सच है ,,सभी धर्मों में ,किसी न किसी तरह से ,,प्रत्यक्ष ,अप्रत्यक्ष रूप से मज़हबी रिवायतों के साथ योग का जुड़ाव रहा है ,,,वोह बात अलग है के भारत देश की संस्कर्ति में योग का महत्व और योग की उत्पत्ति छुपी हुई है ,,भारत के लिए गौरव की बात है के आज भारत को दूसरी खूबियों के साथ साथ योग गुरु के रूप में ,,विशिष्ठ पहचान मिली है ,,अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस ,,विश्व में भारतीयता के फैलाव और स्वीकार्यता की तरह महत्वपूर्ण क़दम है ,बस योग के नाम पर अगर भ्रष्टाचार ,,अगर सियासत होती है तो तकलीफ होती है ,योग के प्रति लोगो में आकर्षण बढ़ाने इसकी महत्ता बताने के लिए क्लास लगाना कोई गलत बात नहीं ,है ,,,,बस योग को आस्थाओ ,धर्म से नहीं ,,शरीर के स्वास्थ्य ,और भारतीयता से जोड़कर ही देखना चाहिए ,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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