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26 मई 2022

गर्मी कि छुट्टियों मे पिहर गई पत्नी को बुलाने के लिए पति द्वारा लिखी चार लाइनें

 

गर्मी कि छुट्टियों मे पिहर गई पत्नी को बुलाने के लिए पति द्वारा लिखी चार लाइनें -
(हास्य रस मे डुबा पति का दर्द)
यु पैसों से भरी भरी जेबें अब अच्छी लगती नहीं,
यु सुकून भरी ये शामें अब अकेले कटती नहीं
सच कहूँ तो होटल कि नई नई डिशेज़ खा कर थक गया हूँ
मन माफिक कपडे पहन पहन कर अब तो पक गया हूँ....
लौट आऔ वापस इतनी शांति मेरे जीवन कि अब अच्छी लगती नहीं....
अब तो आगे चलकर डाक्टरों के फोन आने लगें है
पूछते है मुझसे ऐसे भी कितने अच्छे दिन आ गये तुम्हारे
जो शुगर बीपी चेक कराने भी अब तो आते नहीं हो,
अब तो हर बात बात का बतंगड़ भी नहीं बन रहा है,
सच कहूँ तुम्हारी टोका टाकी के बिना मन नहीं लग रहा है,
मोहल्ले की औरतें भी अब परेशान सी लग रही है
उन्हें झगड़े कि अब कोई वजह नहीं मिल रही है
सब्जी वाले, दुध वालें का गला सुखा जा रहा है
बिना मोलभाव किए उन्हें माल बेचने मे मजा नहीं आ रहा है,
हो हल्ला कि गाडी वाला भी अब बिना ब्रेक लगा निकल रहा है
सच कहुँ तो कचरे का डब्बा भी कचरे से नहीं भर रहा है
लौट आऔ वापस इतनी शांति अब इस जीवन कि अच्छी नहीं लग रही है। 😜

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