आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

08 मई 2022

तो फ़रमाया कि तुम इसको पकड़ लो और डरो नहीं मैं अभी इसकी पहली सी सूरत फिर किए देता हूँ

 तो फ़रमाया कि तुम इसको पकड़ लो और डरो नहीं मैं अभी इसकी पहली सी सूरत फिर किए देता हूँ (21)
और अपने हाथ को समेंट कर अपने बग़ल में तो कर लो (फिर देखो कि) वह बग़ैर किसी बीमारी के सफे़द चमकता दमकता हुआ निकलेगा ये दूसरा मौजिज़ा है (22)
(ये) ताकि हम तुमको अपनी (कु़दरत की) बड़ी-बड़ी निशानियाँ दिखाएँ (23)
अब तुम फ़िरऔन के पास जाओ उसने बहुत सर उठाया है (24)
मूसा ने अर्ज़ की परवरदिगार (मैं जाता तो हूँ) मगर तू मेरे लिए मेरे सीने को कुशादा फरमा और दिलेर बना 25
और मेरा काम मेरे लिए आसान कर दे 26
और मेरी ज़बान से लुक़नत की गिरह खोल दे (27)
ताकि लोग मेरी बात अच्छी तरह समझें और (28)
मेरे कुनबे वालो में से मेरे भाई हारून (29)
को मेरा वज़ीर बोझ बटाने वाला बना दे (30

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...