अगर क़ानून है, अगर अदालतों का सम्मान है तो , ज्ञानवापी मस्जिद , कमिश्नर गुप्त रिपोर्ट पर , जिस पक्ष ने भी रिपोर्ट पेश होने के पहले ही अनर्गल प्रकाशन किया है , मीडिया बाज़ी की है, उन सभी लोगों को जिनमे , कमिश्नर के साथ गए लोग , गवाह , पत्रकार , सोशल मीडिया बाज़ , नेतागण, न्यूज़ डिबेटर, जो भी शामिल है उनके खिलाफ न्यायालय की अवमानना , सहित, विभिन्न धाराओं में मुक़दमा दर्ज कर सज़ा होना चाहिए , क़ानून ने एक बार अपना काम ईमानदारी से शुरू कर दिया , तो अफवाह बाज़ , नफरतबाज़, बिकाऊ न्यूज़ बाज़ , नेता के भेष में छुपे नफरतबाज़ , सभी की अक्ल ठिकाने आ जायेगी, अख़्तर
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