जमाअत ए इस्लामी हिन्द कोटा द्वारा ईद मिलन समारोह का आयोजन किया गया इसमें मुत्तलिब मिर्ज़ा सचिव जमानत ए इस्लामी हिन्द राजस्थान, फ़ादर अमित श्रेष्ठ जी
मौलाना ज़ुबैर अहमद शहर क़ाज़ी कोटा
ज्ञानी गुरनाम अम्बालवी जी
डॉ गिरीश शर्मा जी
विनय सिंघल जी
यज्ञ दत्त हाड़ा सहित कई वक्ताओं ने अपने विचार व्यक्त किए। संचालन गुलशेर अहमद सदस्य जमाअत ए इस्लामी हिन्द कोटा ने किया व ज़हूर अहमद ज़िला संयोजक जमाअत ए इस्लामी हिन्द कोटा ने स्वागत भाषण दिया।
अध्यक्षीय भाषण में मुत्तलिब मिर्ज़ा ने कहा
ईद मिलन समारोह के द्वारा हम यह संदेश देना चाहते हैं कि देश की विविधता व धार्मिक समरसता को न सिर्फ़ बाक़ी रखा जाए बल्कि इसे विरासत के तौर पर अगली नस्लों में भी पहुँचाया जाए ।
भारतीय समाज विभिन्न धर्मों, समुदायों और संस्कृतियों से पहचाना जाता है, कोई एक धर्म या एक संस्कृति भारत की पहचान नहीं है, इसीलिए जब भारतीय सँविधान लिखा जा रहा था भारत को एक संपूर्ण प्रभुत्व-संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष लोकतंत्रात्मक गणराज्य के तौर पर परिचित करवाया गया ।
देश के समस्त न्यायप्रिय और शांतिप्रिय लोगों का उत्तरदायित्व है कि वे संविधान की इस आत्मा को धूमिल न होने दें, और देश में धर्म जात सम्प्रदाय के नाम पर किसी के साथ भेदभाव न होने दें ।
सांप्रदायिक सौहार्द के लिए ज़रूरी है कि हम एक दूसरे को जानने की कोशिश करें, विभिन्न धर्म के लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के साथ स्वीकार करें, कोई भी ऐसी घटना जो समाज में तनाव पैदा करने वाली या सामाजिक ताने बाने को नुक़सान पहुँचाने वाली हो ऐसी घटनाओं कि निंदा करने से आगे बढ़ते हुए ऐसे लोगों के ख़िलाफ़ एक जुटता के साथ खड़ा हुआ जाए, सद्भावना के लिए यह आवश्यक है कि हम अपने अपने समाज के साथ होने के बजाए सत्य के साथ हों, न्याय के साथ हों ।
इस समारोह में सभी धर्म,समाज के पुरुष व महिलाएं सम्मिलित हुए।
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