फ़िरऔन ने उन लोगों से कहा (हाए) इससे पहले कि हम तुमको इजाज़त दें तुम उस
पर ईमान ले आए इसमें शक नहीं कि ये तुम सबका बड़ा (गुरू) है जिसने तुमको
जादू सिखाया है तो मैं तुम्हारे एक तरफ़ के हाथ और दूसरी तरफ़ के पाँव
ज़रूर काट डालूँगा और तुम्हें खु़रमों की शाख़ों पर सूली चढ़ा दूँगा और उस
वक़्त तुमको (अच्छी तरह) मालूम हो जाएगा कि हम (दोनों) फरीक़ों से अज़ाब
में ज़्यादा बढ़ा हुआ कौन और किसको क़याम ज़्यादा है (71)
जादूगर बोले कि ऐसे वाजे़ए व रौशन मौजिज़ात जो हमारे सामने आए उन पर और जिस
(खु़दा) ने हमको पैदा किया उस पर तो हम तुमको किसी तरह तरजीह नहीं दे सकते
तो जो तुझे करना हो कर गुज़र तू बस दुनिया की (इसी ज़रा)सी जि़न्दगी पर
हुकूमत कर सकता है (72)
(और कहा) हम तो अपने परवरदिगार पर इसलिए ईमान लाए हैं ताकि हमारे वास्ते
सारे गुनाह माफ़ कर दे और (ख़ास कर) जिस पर तूने हमें मजबूर किया था और
खु़दा ही सबसे बेहतर है और (उसी को) सबसे ज़्यादा क़याम है(73)
इसमें शक नहीं कि जो शख़्स मुजरिम होकर अपने परवरदिगार के सामने हाजि़र
होगा तो उसके लिए यक़ीनन जहन्नुम (धरा हुआ) है जिसमें न तो वह मरे ही गा और
न जि़न्दा ही रहेगा (74)
(सिसकता रहेगा) और जो शख़्स उसके सामने ईमानदार हो कर हाजि़र होगा और उसने
अच्छे-अच्छे काम भी किए होंगे तो ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए बड़े-बड़े
बुलन्द रूतबे हैं (75)
वह सदाबहार बाग़ात जिनके नीचे नहरें जारी हैं वह लोग उसमें हमेशा रहेंगे और जो गुनाह से पाक व पाकीज़ा रहे उस का यही सिला है (76)
और हमने मूसा के पास “वही” भेजी कि मेरे बन्दों (बनी इसराइल) को (मिस्र से)
रातों रात निकाल ले जाओ फिर दरिया में (लाठी मारकर) उनके लिए एक सूखी राह
निकालो और तुमको पीछा करने का न कोई खौ़फ रहेगा न (डूबने की) कोई दहशत (77)
ग़रज़ फ़िरऔन ने अपने लशकर समैत उनका पीछा किया फिर दरिया (के पानी का रेला) जैसा कुछ उन पर छाया गया वह छा गया (78)
और फ़िरऔन ने अपनी क़ौम को गुमराह (करके हलाक) कर डाला और उनकी हिदायत न की (79)
ऐ बनी इसराइल हमने तुमको तुम्हारे दुश्मन (के पंजे) से छुड़ाया और तुम से
(कोहेतूर) के दाहिने तरफ का वायदा किया और हम ही ने तुम पर मन व सलवा
नाजि़ल किया (80)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 मई 2022
(सिसकता रहेगा) और जो शख़्स उसके सामने ईमानदार हो कर हाजि़र होगा और उसने अच्छे-अच्छे काम भी किए होंगे तो ऐसे ही लोग हैं जिनके लिए बड़े-बड़े बुलन्द रूतबे हैं
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)