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15 अप्रैल 2022

ना जाने क्यों यदा कदा मेरे मष्तिष्क में आता रहता है कि.

 

ना जाने क्यों यदा कदा मेरे मष्तिष्क में आता रहता है कि...
- घर में सबसे पहले गाए की, कूकर की, पक्षियों की, खूब सारे मेहमानों की रोटी रोज़ बनती थी, फिर भी घर का बज़ट संतुलित रहता था... आज सिर्फ अपने परिवार की रोटी महंगी हो गई... जाने क्यों🤔?
- परिवार बहुत बड़ा होता था, उसमें खेलते बहुत सारे परिवार और पड़ोसियों के भी बच्चे... फिर भी घर में शांति होती थी...जाने क्यों🤔?
- महिलाओं के लिए कोई जिम योगा या कसरत के विशेष साधन नही थे, लेकिन फिर भी महिलाएं पूर्णतः स्वस्थ रहती थी... जाने क्यों🤔?
- खाने को सादा दाल रोटी होती थी... लेकिन फिर भी किसी को खून की कमी नही होती थी... जाने क्यों🤔?
- भाई बहनों में खूब मार पिटाई होती थी, लेकिन मनमुटाव नही होते थे... जाने क्यों🤔?
- स्कूल में अध्यापक खूब कान खींचते थे, डंडों से पिटाई होती थी, लेकिन कोई बच्चा स्कूल में डिप्रेशन के कारण आत्महत्या नही करता था... जाने क्यों🤔?
- मेंहगे खिलौने नही मिलते थे, लेकिन हर खेल बहुत आनंदित करता था... जाने क्यों🤔?
- माता पिता ज़रा सी बात पे कूट दिया करते थे, फिर भी उनका सम्मान कम नही होता था... जाने क्यों🤔?
- घर कच्चे होते थे, कमरे कम होते थे, लेकिन माँ बाप कभी वृद्धाश्रम नही जाते थे... जाने क्यों🤔?
अगर आप इस क्यों के जवाब ढूँढ़ पाएं तो कृपया अपने मित्रों और संबंधियों से सांझा ज़रूर करें, यूँ ही एक से दो मिलने से कड़ी बनेगी, जो पहले जैसा सौहार्दपूर्ण वातावरण बनाने में अमूल्य योगदान देगी।

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