आज़ादी के अमृत उत्सव कोटा ज़िला प्रशासन के आयोजित कार्यक्रमों से तो लगता है , 1857 की आज़ादी की क्रांति में कोटा के किसी पुरुष का कोई योगदान नहीं रहा, महराब खान , लाला जयदयाल सहित हज़ारों जांबाज़ सिपाहियों ने तो यूँ ही जान दे डाली थी ,
राजस्थान के कोटा में 1857 में अंग्रेजों से कोटा को आज़ाद करवाने वाले योद्धा , लाला जयदयाल, महराब खान की क्रांति फिर देश के लिये मर मिटने के जज़्बे के साथ उनकी फांसी, पर बात ना हो , चर्चा ना हो गोष्ठी ना हो , तो कोटा में रोज़ रोज़ के यह अम्रत महोत्सव यूँ ही दिखावे के लिये क्यों, कोई अखबार , कोई न्यूज़ चैनल तो पूंछेगा नहीं , इसलियें पूंछता खुद में ही , मुझ से ही , मेरी अपनी सरकार के लगाए हुए अधिकारियों से ही,
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