*चिरंजीव,अख्तर,भाई,* पंडित आर.के कौशिक,का,शुभाशीर्वाद................आपको-सैदेव-स्वस्थ-सुखी-और-खुश-रख्खे। एक तो देश पहले से ही,मॅहगाई-बेरोजगारी-वित्तीय-दुर्दशा-के माहौल से चारों और से घिरा हुआ हैं।उस पर-देश का,शाषन चलानें वाले-इसे समाजवाद के रास्ते से हटा कर,पूंजीवाद के रास्ते पे-भटकाने का,कुकृत्य करनें में लगे हैं,शाषन संचालित करनें वाले नेता-सर्व-प्रथम,देश को सुशाशन देनें में,पूर्णतःअसफल हो जानें के बाद,समस्या सुलझाने का,उनके पास सिर्फ वर्तमान,में,केवल,एक ही मार्ग बचा हैं,धर्म का,चश्मा युवाओं की आंखों पर चढ़ा कर,इन जवलंत मुद्दों से,ध्यान भटकाकर-शांति-और अमन चैन से,सदियों से साथ रह रहे लोगोँ की,धार्मिक भावनाओं को भड़काकर,अपनी गलतियों पर पड़दा-डालते जाओ।। सर-देश के इस गुलज़्स्तें में,वो सभी फूल हमेशा लगे रहनें चाहिए, जिन्होनें,इस देश कि आजादी में,अपना अभूतपूर्व योगदान दिया हैं। इस गुलज़्स्तें को-सुरक्षित रखना देश के स्वास्थ के लिये-परम-आवश्यक हैं। हम जैसे-70,वर्षीय-समान विचारों के अधिकतर,वरिष्ठ नागरिको कि-यही अभिलाषा हैं/हार्दिक इच्छा हैं। आप ही के अपनें,इंदौर,से,*पंडित:::::: आर.के.कौशिकजी*
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