आजकल वो, "मैं देश नहीं बिकने दूंगा" जैसी खूबसूरत बातें नहीं करते !
अब वो 100 दिन में स्विस बैंकों में जमा काला धन वापस लाने की बात नहीं करते !
अब वो सब के खाते में 15-15 लाख रुपए आने की बात नहीं करते !
अब वो अपनी गलती निकलने पर चौराहे पर आ कर सजा़ खाने की बात नहीं करते !
अब वह चीन को लाल आंखें दिखाने की बात नहीं करते !
अब वो एक के बदले 10 सर लाने की बात नहीं करते !
अब वो जिस देश का रुपया गिरता है उस देश के प्रधानमंत्री की इज्जत गिरती है, ऐसी बातें नहीं करते !
अब वो देश की गिरी हुई जी. डी. पी. पर मुंह नहीं खोलते
अब वो "बहुत हुआ नारी पर अत्याचार" वाले नारे नहीं लगाते !
अब वो भ्रष्टाचारी नेताओं को जेल में डालने की बात नहीं करते !
अब वो 100 स्मार्ट सिटी बनाने की बात नहीं करते !
अब वो बुलेट ट्रेन की बात नहीं करते !
अब वो अच्छे दिनों की बात नहीं करते !
अब वह किसानों की आय दोगुनी करने की बात नहीं करते !
अब वो सबको शिक्षा सबको रोजगार की बात नहीं करते।
अब वो डीजल पेट्रोल के दाम पर बात नहीं करते !
अब वो वोट देने से पहले गैस सिलेंडर को हाथ जोड़ने वाली सलाह नहीं देते !
अब वो "रेलवे का निजीकरण नहीं होने देंगे" वाला भाषण नहीं देते !
अब वो हवाई चप्पल पहनने वालों को हवाई यात्रा कराने की बात नहीं करते !
अब वो "महंगाई डायन" और "बहुत हुई महंगाई की मार अबकी बार मोदी सरकार" वाले नारे नहीं लगाते !
अब वो "मुझे 50 दिन दे दो" वाले जुमले नहीं मारते
अब वह हर साल 2 करोड रोज़गार देने की बात नहीं करते !
अब वो भव्य राम मंदिर बनने को सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि बताते हैं
अब वो अयोध्या, काशी के बाद मथुरा की बारी की बात करते हैं
अब वो हिंदू राष्ट्र की बात करते हैं
अब वो "पाकिस्तान कंगाल हो गया" जैसे फालतू बात करते हैं
अब वो जिन्ना और पटेल की बात करते हैं
*ऐसा क्यों ?*
*क्योंकि उसे पता है, धर्म ही ऐसा मुद्दा है जिससे जनता को बार बार मूर्ख बनाया जा सकता है...*
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