राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के , जनउपयोगी , विकासवादी , सभी के हितों के संरक्षण वाला बजट पेश होने के बाद ,,जो वाहवाही उन्हें मिल रही है , राजस्थान की पुकार फिर से अशोक गहलोत के नेतृत्व मे कांग्रेस सरकार का जो माहौल बना है , उससे राजस्थान में कुछ अपने , कुछ पराये तिलमिला गए है, स्थिति यह है , के वोह सब मिलकर , कुछ अधिकारीयों के साथ , ऐसे षड्यंत्रों के प्रयासों में लग गए है , के सरकार की छवि भी धूमिल हो , और प्रतिपक्ष को हर सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने के लिए मुद्दे , दर मुद्दे मिलते जाएँ , ,लेकिन सभी जानते है , अशोक गहलोत , अशोका दी ग्रेट है , वोह और उनके वफादारों की टीम ,आम जनता के हक़ संघर्ष के लिए छत्तीस क़ौमों के कल्याण की योजनाओं के साथ ,जनता के बीच है , और इसीलिए लोग इन सब के बावजूद भी कहते है , कहो दिल से राजस्थान में अशोक गहलोत फिर से ,, जी हाँ दोस्तों , राजस्थान में ,अशोक गहलोत द्वारा , विश्वस्तरीय कल्याणकारी ऐतिहासिक बजट पेश करने के बाद से ही , भाजपा सदमे में है , और जो लोग अशोक गहलोत को निजी तोर पर टारगेट करते रहे है , उनकी हवाइयां उड़ गयी है , उन्हें अपने सपने चकनाचूर होते नज़र आ रहे है , ,राजस्थान में कल्याणकारी योजनाओं की अभी तो अंगड़ाई है ,अभी तो एक बजट और आना बाक़ी है , जो सो सुनार की एक लुहार की कहावत चरितार्थ करने वाला है , बस इसीलिए भाजपा के लोग तिलमिला रहे है, वोह झूंठ फरेब ,फैलाकर , षड्यंत्रों में लगे है, कुछ अशोक गहलोत के साथ जुड़े लोग भी अब भीतरी तोर पर मुखबिरी कर ऐसे विरोधी भाजपाइयों को सपोर्ट करने में लगे है , अशोक गहलोत फिर से कांग्रेस का राज लाने की बात करते है , लेकिन कुछ लोग है , के कांग्रेस के शुद्ध वोटर्स में ,, बगावत के सुर फूंकने के प्रयासों में जुटे है, षड्यंत्र किये जा रहे है , अफवाहें फैलाई जा रही है , जातिगत समीकरण के नाम पर ,, समाजों की उपेक्षा के आरोप लगाए जा रहे है , समाजों के प्रतिनिधित्व के नाम पर उनके इदारों में नियुक्तियां नहीं होने को मुद्दा बनाकर भड़काने के प्रयासों में ,है , लेकिन सच सब जानते है , वक़्त लगता है ,इधर कुछ अधिकारी जो महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त हैं ,, वोह सब लोग ,, सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने के प्रयासों में जुटे है, , ऐसे अधिकारी आये दिन , भाजपा को बोलने का मुद्दा देने के लिए प्रशासनिक व्यवस्था के नाम पर , कुछ गलतियाँ कर रहे है , क्योंकि उन्हें पता है , मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकारीयों के खिलाफ कार्यवाही के मामले में , काफी संवेदनशील है , वोह मजबूरी में ही कार्यवाही करते है , जैसे कोटा में धारा 144 की अधिसूचना , फिर हां हल्ला के बाद , उसमे संशोधन , अधिकारीयों द्वारा कार्यकर्ताओं की उपेक्षा कांग्रेस संगठन के ब्लॉक अध्यक्ष , पी सी सी सदस्यों , पदाधिकारियों के साथ वही पर्ची लेकर , घंटों बिठाने , और फिर उनके जायज़ काम में भी क़ानूनबाज़ी लगाकर उनके साथ आये लोगों के सामने इंकार , मंत्रियों के इर्द गिर्द सुरक्षा में लगे अधिकारी , मंत्रियों की जन सुनवाई में ,कार्यकर्ताओं , पदाधिकारियों के साथ धक्काम मुक्की , कोहनियों से ऐसे कार्यकर्ताओं की पसलियों पर वार , वगेरा वगेरा , ऐसे में यह कार्यर्कता जब ज़रूरतमंद होते है , तो मंत्री तक कैसे पहुंच जाते है ,या नहीं भी पहुंच पाते तो निराश हो जाए है , लेकिन कहते कुछ नहीं है , यह अधिकारी जानते है , के मंत्री ने ऐसे कार्यकर्ताओं , पदाधिकारियों को कोहनी मरने , धक्का मुक्की करने के लिए हरगिज़ नहीं कहा , लेकिन भीड़भाड़ में मंत्री की अनदेखी , व्यस्तता के चलते ,, वोह सुरक्षा कर्मियों से अपमानित होते कार्यकर्ताओं को देख नहीं पाते है ,इसीलिए , कार्यकर्ता , यह सोचकर के मंत्री ने ही , इन सुरक्षाकर्मियों को यह निर्देश दिए है , और ऐसे लोग , चुनाव के छह माह पहले , ही जब चुनावों की घोषणा हो ,जाती है तो वोह अकड़ कर बैठ जाते है , उनका एक गुट बन जाता है , और वोह सरकार के खिलाफ अनदेखी की अफवाहे फैलाते है , ,यह सब , ऐसे अधिकारी कुछ भाजपा नेताओं के चहेते होने के कारण योजनाबद्ध तरीके से , उनके इशारे पर करते है , इसका फायदा चुनाव में भाजपा को मिले इसीलिए यह सब होता है , ,कुछ अधिकारी खुल्लम खुल्ला कहते हुए दिखते है , में तो इस पोस्ट पर लगना ही नहीं चाहता , ज़बरदस्ती मुझे इस पोस्ट पर लगा रखा है , में तो खुद मेरे ट्रांसफर की कह चूका और ऐसे अधिकारी , ऐसा वातावरण बनाकर , अपने कर्तव्यों का निर्वहन नहीं करते है , दफ्तरों में बैठे रहते है , और लोग पर्चियां देकर बाहर इन्तिज़ार करते है , ,कोटा सहित कई ज़िलों में तो ऐसे ज़बरदस्त अधिकारी वकीलों , सहित ज़िम्मेदार लोगों से भी यही व्यवहार करते है , अपनी इजलास यानी अदालत में ,जो कुर्सी उनके लिए , बनाई गयी है ,जो अदालत उनके बनाई गयी है उस अदालत में , उनकी नियुक्ति तिथि से आज तक भी कुछ अफसर तो , वहां एक मिनट भी बैठकर , मुक़दमों , प्रार्थना पत्रों की सुनवाई करते नहीं ,दिखे अब जब एक वकील तब्क़ा , इनसे नाराज़ होगा , तो फिर चुनावों में वोह अपने पक्षकारों के साथ इन उदाहरणों के साथ सरकार के खिलाफ माहौल बनाये प्रतिपक्ष के लोग ऐसा प्रयास करते रहते है , सरकार के कुछ सुरक्षा अधिकारी , कुछ सी आई डी अधिकारी , सूचनाएँ झूंठी देते है , आल इज़ वेळ का नारा देकर , सरकार को , मुख्यमंत्री कार्यालय को गुमराह करते है ,, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जिन्हे जेड सुरक्षा मिली है , उनके घर पर , नाथी जी का बाडा लिखना ,, डोटासरा को , कोटा आगमन पर सभी सुरक्षा व्यवस्था के बाद भी , आते जाते वक़्त काले झंडे दिखाना , शांति धारीवाल साहब को काले झंडे दिखाना , यह सब , अधिकारीयों की ढील पोल , ,अपराध पूर्व सूचनाओं में नाकामयाबी , सी आई डी की सूचनाओं में नाकामयाबी नहीं हो सकती ,, इसमें निश्चित तोर पर , अख़बारों को खबर , पार्टी और नेताओं के विरोध की खबरों का माहौल बनाने की साज़िश भी हो सकती है , , मुख्यमंत्री अधिकारीयों की बैठकें लेकर , हर परिवादी के परिवाद पर मुक़दमा दर्ज करने , और ऐसा नहीं करने वाले अधिकारी के खिलाफ सीधी कार्यवाही की बात करते हैं , लेकिन कोटा में ऐसे भी अधिकारी है , जो कांग्रेस के शासन में , सिफारिशों से लगे है, और कांग्रेस की राष्ट्रिय अध्यक्ष के अपमान की शिकायत को ,, टालमटोल के रवय्ये के साथ ,अपने अधिकारी होने का ठसका दिखा रहे ,है , ऐसे बहादुर अधिकारीयों के पास मुख्यमंत्री कार्यालय से भी कुछ शिकायतों के बाद , निर्देश आये है , लेकिन आये है तो आये होंगे , सब सीन ऐंड फ़ाइल हो जाते है , ,पुलिस हो , प्रशासन हो , राजस्व हो ,हर क्षेत्र में ऐसे अधिकारी , विरोध का वातावरण बनाने के प्रयासों में है ,, एक वर्ग खुद को उपेक्षित बताकर , अधिकारीयों की ऐसी लापरवाही , दादागिरी , मनमाने के क़िस्सों को बढ़ा चढ़ाकर , सरकार के खिलाफ वातावरण बनाने की कोशिशों में जुटता है , भाजपा का यह षड्यंत्र , अधिकारीयों से मुद्दे पैदा करवाने फिर , उन मुद्दों पर वातावरण बनाकर , सरकार का विरोध करने वाला है ,, और सरकार के खिलाफ धरने , प्रदर्शन , विरोध का माहौल बनाकर , मिडिया मैनेजमेंट कर खबरे दिखाकर वातावरण बनाने की कोशिश करते है , यक़ीनन ऐसे अधिकारी राजा बदलने पर , फिर भाजपा सरकार के ख़ास हो जाते है , लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , इन सब षड्यंत्रों से अब खबरदार है , वोह आम लोगों से सीधे मिल रहे है , आम कार्यकर्ताओं से सीधे मुलाक़ात की शुरुआत उन्होंने की है ,अधिकारीयों के लिए भी वोह अब फीडबैक ले रहे है , ,कोई भी कार्यकर्ता अपमानित ना हो ,सुशासन बना रहे , अच्छे ईमानदार अधिकारीयों का वर्चस्व रहे और चमचे चापलूस , भाजपा के इशारे पर काम करने वाले अधिकारीयों को सबक़ मिले , यह सब वोह समझ चुके है, पिछली सरकार के वक़्त , अधिकारीयों के झूंठे फीडबैक पर जो , यक़ीन कर,गुड गवर्नेंस के नाम पर , फिर से सरकार लाने की कोशिश के बाद जो नतीजे सामने आये थे , उन्हें ,देखकर अब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अधिकारीयों के फ़र्ज़ी फीडबैक को , क्रॉस चेक भी कर रहे है , अभी हाल ही में , कांग्रेस के कुछ बोर्ड , के चेयरमेन और , पार्टी सदस्य वोलटनियर्स की बैठक में , वोह इस सच को स्वीकार भी चुके है , इसीलिए फिर से कांग्रेस का शासन राजस्थान में क़ायम हो, इसके लिए अशोक गहलोत ने दो साल पहले से ही , होमवर्क शुरू कर दिया ,है वोह खुद ,भी हर ज़िले में अब , अपने प्रोग्राम बना रहे है , उनके सलाहकारों के फीडबैक पर भी निर्णय ले रहे है , अब वोह मुख्यमंत्री कार्यालय में जाने वाली शिकायतों , ई मेल ,, पत्रों , को गंभीरता से जांच करवाकर , संबंधित मामले में कार्यवाही के निर्देश के प्रयासों में जुट गए है , आम लोगों से सीधा संवाद , आम कार्यकर्ताओं , पदाधिकारियों से सीधा संवाद , हर रोज़ वोह अब क़ायम कर रहे है , ,अधिकारीयों के मामले में भी अब वोह , नाकारा , निकम्मे होने की शिकायतों पर कार्यवाही में जुटे है , ,श्रीमती सोनिया गांधी के खिलाफ अपमान जनक टिप्पणी जैसे गंभीर मामले में अधिकारी द्वारा मुक़दमा दर्ज करने के स्थान ,पर परिवाद , फिर परिवाद को पंजाब होश्यारपुर के टालमटोल रुख पर भी उनकी पेनी निगाह है ,,, जो अधिकारी सोनिया गांधी के अपमान टिप्पणी मामले में मुक़दमा दर्ज करने की प्रक्रिया को फूटबाल बना सकता है , वोह आम जनता के साथ उनकी शिकायतों पर , क्या व्यवहार करते होंगे,,, समझने की बात हो सकती है , लेकिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत , हर जिला , हर शहर , हर विधासभा क्षेत्र , हर ब्लॉक , हर गांव , ग्रामपंचायत क्षेत्र स्तर तक , हालात जानने के प्रयासों में जुट गए है , आम जनता , को कैसे राहत मिले , पीड़ितों , को कैसे न्याय मिले , इसके फार्मूले पर वोह जुट गए है , ,बस अभी अधिकारीयों पर लगाम कसना बाक़ी है ,क्योंकि मुख्यमंत्री कार्यालय में बैठे कई अधिकारी ऐसे जिला स्तर पर लगे अधिकारीयों को बचाने के प्रयास भी करते है , इसलिए अब , खुद मुख्यमंत्री आने निजी लोगों की ज़िम्मेदारी के ज़रिये ,, राजस्थान के हर क्षेत्र के विधायकों , मंत्रियों , अधिकारीयों का आम जनता से व्यवहार पर नज़र रखे हुए है , यह अफवाहे भी कुछ लोगों द्वारा उड़ाई जा रही हैं , के कुछ लोग आप पार्टी में जा सकते है , या फिर भाजपा में जा सकते है , ऐसे लोगों की पहचान आसान है ,जो भी ,विधायक जो भी मंत्री , कार्यकर्ताओं के साथ मृदुल स्वभावी ना हो , ,जिस मंत्री की मौजूदगी में , कार्यकर्ताओं , पदाधिकारियों को धक्के लगे , कोहनियों से उनकी पसलियों पर वार हों , वोह निश्चित तोर पर षड्यंत्रकारियों का एक हिस्सा होकर चुनाव के ऍन वक़्त पर , थोड़े से लालच के लिए पाला बदल सकते है , लेकिन अशोक गहलोत ने , इस बार पहले की गलतियों से सबक़ लेकर , ऐसा क़िला बनाया है , के भितरघातियों , ,अधिकारीयों ,भाजपा , और वोट काटू लोग , जो खड़े होते है , या फिर आया राम गया राम बनकर माहौल बिगाड़ते है , ऐसे लोगों पर खुली नज़र है , और अशोक गहलोत के सुशासन , विकास , लोगों को कल्याणकारी राहत , योजनाओं के चलते , डंके की चोट पर , फिर से राज वापस आएगा , और राजस्थान में कहो दिल से अशोक गहलोत फिर से का नारा बुलंद होगा ,,,अशोक गहलोत संगठन के लोगों को भी अब किसी अधिकारी के खिलाफ शिकायत पर यह नसीहत नहीं देते , के पहले ,, पदाधकारियों को इकट्ठा ,करो , फिर उस अधिकारी के खिलाफ प्रस्ताव पास करो , फिर उसके बारे में ,सोचेंगे क्योंकि अब वोह समझ चुके है , के पार्टी के पदाधिकारी , स्थानीय मंत्री , विधायक के नियंत्रण में होते है और अधिकारी भी , इनकी सिफारिशों में ही लगते है , ऐसे बहुत बढ़ी गलती करने के बाद भी , अगर कुछ पदाधिकारी , कार्यर्कता , ऐसे अधिकारी के खिलाफ सोनिया गांधी जैसे अपमान मामले में कार्यवाही की बात करना चाहें , तो वोह लोग एकत्रित होकर प्रस्ताव भी पास करने की स्थिति में कैसे होंगे , इसलिए ,अब मुख्यमंत्री इस बारीकी को समझने के बाद ,, लोगों की वाजिब शिकायतों पर विचार करने लगे है , ,अब कांग्रेस के मुख्यालय पर नियमित अध्यक्ष बैठे , बाहर से आने वाले कार्यकर्ताओं की सुनवाई करे , और हर ज़िले में ,जिला कांग्रेस कार्यालयों में ,प्रति दिन , दो घंटे कमसे कम , कांग्रेस जिला अध्यक्ष बैठकर , कार्यर्कताओं , आम जनता की समस्याएं सुने , कांग्रेस विचारधारा के बारे में उन्हें मोटिवेट कर , उन्हें समझाये , ,ऐसे निर्देश भी बहुत जल्द आने वाले है,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अप्रैल 2022
राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के , जनउपयोगी , विकासवादी , सभी के हितों के संरक्षण वाला बजट पेश होने के बाद ,,जो वाहवाही उन्हें मिल रही है , राजस्थान की पुकार फिर से अशोक गहलोत के नेतृत्व मे कांग्रेस सरकार का जो माहौल बना है , उससे राजस्थान में कुछ अपने , कुछ पराये तिलमिला गए है, स्थिति यह है , के वोह सब मिलकर , कुछ अधिकारीयों के साथ , ऐसे षड्यंत्रों के प्रयासों में लग गए है
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