बहुमंजिला इमारतों में पेयजल उपलब्ध कराने
के लिए शीघ्र बनाई जाएगी नीति
– जलदाय मंत्री अंजू कमल शर्मा
जयपुर, 26 अप्रेल। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न शहरों में बहुमंजिला आवासीय भवनों में रह रहे लोगों की पेयजल संबंधी समस्या के समाधान को लेकर राज्य सरकार गंभीर है और इस दिशा में सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने इस संबंध में नीति बनाने के लिए कमेटी के गठन एवं एक माह में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
डॉ. जोशी मंगलवार को सचिवालय के कॉन्फ्रेंस हॉल में बहुमंजिला इमारतों एवं निजी टाउनशिप में पेयजल कनेक्शन जारी करने के संबंध में बनाई जाने वाली नीति पर चर्चा के लिए आयोजित बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि शहरों में बढ़ रही जनसंख्या की आवास की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुमंजिला इमारतों की संख्या बढ़ रही है। इन इमारतों में रहने वाले लोगों की पेयजल की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यावहारिक नीति बनाने की कवायद शुरू कर दी गई है और इस मुद्दे पर जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा।
जलदाय मंत्री ने कहा कि राजस्थान की पेयजल उपलब्धता की परिस्थितियां अन्य राज्यों के मुकाबले विकट हैं। ऐसे में इन परिस्थितियों को देखते हुए अन्य राज्यों में बहुमंजिला इमारतों को पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अपनाई गई नीतियों का अध्ययन किया जाएगा। मल्टी स्टोरी एवं निजी टाउनशिप डवलपर्स के साथ ही रेजीडेन्ट वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधियों के सुझावों को शामिल करते हुए नीति का शुरूआती ड्राफ्ट जल्द ही तैयार किया जाएगा। विस्तृत अध्ययन एवं सभी के सुझावों के आधार पर फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पेयजल कनेक्शन की अफोर्डेबल दरें तय करने के लिए न्यायसंगत तरीका निकाला जाएगा जो सभी के हित में हो। साथ ही, इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि बहुमंजिला इमारतों में रह रहे लोगों और फ्लैट खरीदने वालों पर अत्यधिक भार नहीं पड़े।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी डॉ. सुबोध अग्रवाल ने कहा कि जयपुर शहर के बहुमंजिला भवनों में 42 रूपए प्रति वर्गफीट की दर से जल कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 30 नवम्बर 2016 को परिपत्र जारी किया गया था। इसके अलावा 6 अक्टूबर 2020 को जगतपुरा-महल रोड जलापूर्ति परियोजना के तहत जगतपुरा-महल रोड क्षेत्र की बहुमंजिला इमारतों के लिए 25 रुपए प्रति वर्गफीट की दर निर्धारित की गई थी, लेकिन इसके उत्साहजनक परिणाम प्राप्त नहीं हुए। अभी बहुमंजिला भवनों में पेयजल कनेक्शन के लिए एकमुश्त भुगतान प्रस्तावित है। इसके अलावा जलापूर्ति की बुनियादी सुविधाओं की कमी वाले क्षेत्रों में बहुमंजिला इमारतों के रहवासियों को उस क्षेत्र की परियोजना लागत का न्यूनतम 50 प्रतिशत अग्रिम भुगतान देना होता है। उन्होंने कहा कि वर्तमान नीति की समीक्षा करते हुए सभी शहरों एवं कस्बों में बहुमंजिला इमारतों में पेयजल कनेक्शन के लिए तर्कसंगत दरों का निर्धारण किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि बिल्डर्स, टाउनशिप डवलपर्स एवं रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन आदि से विचार विमर्श कर व्यावहारिक समाधान प्रस्तुत करने के लिए गठित होने वाली कमेटी अपनी रिपोर्ट एक माह में प्रस्तुत करेगी। इस कमेटी में बिल्डर्स एवं टाउनशिप डवलपर्स के साथ ही रेजीडेंट वेलफेयर सोसायटी के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
बैठक में क्रेडाई राजस्थान के प्रेसिडेंट श्री धीरेन्द्र मदान, वाइस प्रेसिडेंट श्री एन. के. गुप्ता, क्रेडाई राजस्थान के सचिव श्री राजेन्द्र सिंह शेखावत, श्री रविन्द्र प्रताप सिंह, टोडार के श्री नगेन्द्र चौधरी, श्री शरद मिश्रा, राजरेडको के श्री अशोक पाटनी एवं श्री विजय जैन एवं रेजीडेंट वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि श्री रोहित सक्सेना एवं अन्य ने बहुमंजिला इमारतों एवं टाउनशिप में पेयजल कनेक्शन के संबंध में महत्वपूर्ण सुझाव दिए।
बैठक में संयुक्त सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी श्री प्रताप सिंह, मुख्य अभियंता शहरी एवं एनआरडब्लू श्री सी. एम. चौहान, मुख्य अभियंता (तकनीकी) श्री संदीप शर्मा, मुख्य अभियंता (ग्रामीण) श्री आर के मीणा, मुख्य अभियंता (विशेष परियोजना) श्री दिलीप गौड़, अतिरिक्त मुख्य अभियंता (शहरी) श्री अमिताभ शर्मा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)