भरी गर्मी में 120 किलोमीटर से लाये,2 लोगों के लिये रौशनी
2. तेज़ लू में,कोटा से भवानीमंडी जाकर लिया नैत्रदान
3. चिकित्सा सेवा से जुड़े, बच्चों ने करवाया नैत्रदान
देर
रात भवानी मंडी निवासी श्रीमान कैलाश चंद जी जैन रवि साहब का हृदय गति रुक
जाने से आकस्मिक निधन हो गया,कैलाश जी प्रारंभ से ही विनम्र स्वभाव व
सामाजिक कार्य में सदा अग्रणी रहने वाले व्यक्ति रहे हैं ।
उनके
निधन की सूचना के उपरांत के बेटे अविनाश और आलोक जैन ने अपने पिता के
नेत्रदान करवाने के लिए शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति मित्र कमलेश दलाल
जी को संपर्क किया । कमलेश जी ने नेत्रदान हेतु जरूरी जानकारी लेने के
उपरांत बीबीजे चैप्टर के कोऑर्डिनेटर डॉ कुलवंत गौड़ को नैत्रदान लेने आने
के लिये संपर्क किया
सूचना
मिलने के बाद डॉ कुलवंत गौड़,ट्रेन से भवानीमंडी जाने के लिए रवाना होने
लगे,परंतु तेज गर्मी के कारण ट्रेन से जाने का विचार त्याग,टैक्सी करके
भवानी मंडी के लिए निकल पड़े । डॉ गौड ने प्रातः 11 बजे कोटा से कार से
भवानीमंडी आकर नेत्रदान प्राप्त किया।
घर
पर सभी परिजनों, रिश्तेदारों एवं समाज सदस्यों के मध्य नेत्रदान संपन्न
हुआ, उपस्थित महिलाओं ने नेत्रदान की प्रक्रिया को देखा और जाना की 10 मिनट
में पूरी हो जाने वाली इस प्रक्रिया में,किसी भी तरह की चेहरे पर कोई
विकृति नहीं आती है, इसमें केवल आँखों के ऊपर की पारदर्शी झिल्ली जिसे
कॉर्निया (पुतली) कहा जाता है,उसी को ही लिया जाता है, इसमें पूरी आँख नहीं
निकाली जाती है।
कमलेश
दलाल ने बताया कि भवानीमंडी में योगाचार्य के नाम से प्रसिद्ध कैलाश रवि
कवि होने के साथ-साथ धार्मिक आयोजनों में सदैव अग्रणी रहते थे,आपने श्री
सम्मेद शिखर जी तीर्थ की 171 यात्रा पूरी की है,लगातार जैन साधुओं के कृपा
पात्र होने से आप परोपकारी जीवन ओर प्रेरित रहे हैं, और आपने पूर्व में ही
अपने नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ था, कैलाश रवि के सुपुत्र अविनाश जैन
भवानीमंडी राजकीय चिकित्सालय सीनियर नर्सिंग अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं,
एवं द्वितीय पुत्र आलोक जैन मेडिकल व्यवसाय से जुड़े हुए हैं अतः आप
नेत्रदान की महत्वता को समझते हैं और इसीलिए नेत्रदान की पहल स्वयं परिवार
की ओर से की गई, एवं नेत्रदान प्रक्रिया के समय भी दोनों पुत्र अविनाश जैन
और आलोक जैन ने नेत्रदान प्रक्रिया को सम्पन्न कराने में सहयोग दिया। कैलाश
रवि के साथ साथ अन्य परिवार सदस्यों ने भी नेत्रदान का संकल्प लिया हुआ
है।
प्रेषक :
डॉ कुलवंत गौड़,शाइन इंडिया फाउंडेशन,
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)