एक शख्स , जिसकी क़लम सच उगलती हो, जो क़लम अखबार, चेनल के मालिकों के इशारे पर , थिरकने से खुलकर इनकार करती हो, उस रजत, क़लम को सेल्यूट सलाम , उस क़लमकार, उस नामानिगार भाई रजत खन्ना को
बधाई
मुबारकबाद, यक़ीनन प्रिंट मीडिया हो, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया हो, जहां रहे ,
पत्रकारिता मूल्य, पत्रकारिता के सिद्धांतों का सम्मान रहा, आज़ादी रही तो
रजत उस अख़बार, उस चेनल से जुड़े रहे, जहां पाबंदिया, जहां झूँठ फरेब , शुरू
हुआ ,तब वहां इन्होंने समझाइश की , नहीं माने तो इन्होंने अपनी क़लम
सम्भाली ओर ऐसे लोगों को अलविदा कहकर चल दिये, इसीलिए यह पत्रकार है,
क़लमकार हैं, ज़िंदाबाद हैं, पत्रकारिता एक संघर्ष है ,,सच का आयना है
,,शोषण उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई है ,,कोई समझोता नहीं सिर्फ लेखन ,,लेखन
,,संपादकों का पहरा अगर पत्रकारिता पर हो ,,,तो फिर जय सियाराम
,,,पत्रकारिता की समझ कर लोगों को उनकी ख्वाहिश के हिसाब से सामग्री
परोसना एक कला है और यह सब कला भाई रजत खन्ना खूब अच्छी तरह से जानते है
,,,,,,,,,,,रजत खन्ना ने साप्ताहिक समाचार पत्र के प्रकाशन से पत्रकारिता
की शुरुआत की ,,फिर कुछ दिन दैनिक समाचार पत्र में मेरे साथ भी रहे
,,विचारों इंक़लाब ,,,स्वभाव में ईमानदारी ,,कार्य में समर्पण ,,,खबर चयन
,,लेखन कार्य में गुणवत्ता इनकी खूबी रही ,,,न डरना ,,न झुकना इनका स्वभाव
रहा ,,दैनिक राजस्थान पत्रिका में रजतखनना ने कुशलता से पत्रकारिता का काम
किया ,,कोटा फिर दौसा फिर कई ज़िलों में पत्रकारिता के जोहर दिखाने के बाद
,,आज़ाद तबियत होने से आप ई पत्रकारिता की तरफ गए और ई अख़बार में सम्पादन
का लम्बे समय तक काम करने के बाद फिर कोटा के एक दैनिक में पत्रकारिता का
कार्यभार संभाला ,,,,,लगातार पत्रकारों की गुटबाज़ी ,,चुगलखोरी ,,खबरों में
कांटछाट से दुखी रजत खन्ना ने अपने साथियों के हक़ के लिए भी संघर्ष किया
,,आवाज़ उठाई ,,वोह पत्रकारिता को निर्भीक और निष्पक्ष रूप से ही परोसना
चाहते है इसीलिए उनकी जमी नहीं और स्वेच्छा से उन्होंने अखबारी पत्रकारिता
को तिलांजलि दी ,,कई ऑफर उनके पास आये लेकिन पत्रकारिता के अनुभव उन्हें
स्वतंत्र लेखन से रोके यह उन्हें मंज़ूर नहीं था इसीलिए कोई भी ऑफर उन्होंने
स्वीकारा नहीं ,,लेकिन इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता के अनुभव के चलते अब वोह
इलेक्ट्रॉनिक पत्रकारिता की नई यू ट्यूब जर्नलिज़्म विधा को समर्पित है
,,अपनी टीम के साथ पत्रकारिता के नए आयाम ,, ज्ञान वर्धक विधा , लोगों को
सिखा रहे है ,,रजत खन्ना पेशे से पत्रकार है ,,लेकिन शोषित लोगों की आवाज़
,,,पत्रकारिता के प्रति समर्पण ,,निष्पक्ष ,,निर्भीक ,, न्यायप्रिय सम्पादन
इनकी पहचान है ,,,नेतृत्व क्षमता ,,लेखन की आक्रामक विधा ,,,खूबसूरत
अल्फ़ाज़ों का चयन ,,,खबरों पर तीखी पेनी निगाह ,,,,मृदुल स्वभाव ,,हँसते
हँसते ,,बातों ही बातों में खबर निकाल लेने की कला,, रजत खन्ना में होने से
इन्हे,, इनके बराबर के साथी हरफन मोला माहिर पत्रकार कहकर पुकारते है
,,,रजत खन्ना इलेक्ट्रॉनिक मिडिया पत्रकार संघ के चेयरपर्सन भी है
,,,,,,,,,,रजत खन्ना से पत्रकारिता की नई विधा ,,,नई ज़िद ,,नई निर्भीकता
,,नई परिभाषा का जन्म हुआ है ,,,उन्होंने बता दिया के पत्रकारिता रोज़गार
नहीं, पेट पालने का ज़रिया नहीं, बल्कि एक मिशन ,,एक संघर्ष है
,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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