डकनिया में बिना रुके रवाना हुई अवध एक्सप्रेस, चालक और सहचालक निलंबित, जांच के आदेश
कोटा। कोटा के ढकनिया स्टेशन से शनिवार को अवध एक्सप्रेस बिना रुके रवाना हो गई। मामले में चालक और सहचालक को निलंबित कर दिया गया है। प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
यात्रियों ने बताया कि कोटा से रवाना होने के बाद गोरखपुर-बांद्रा अवध एक्सप्रेस 19038 दोपहर करीब 12.30 बजे डकनिया स्टेशन पहुंची थी। लेकिन ठहराव होने के बाद भी ट्रेन यहां से बिना रुके ही करीब 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से निकल गई।
यह देख हतप्रभ गार्ड ने धीरे-धीरे ब्रेक लगाकर ट्रेन रोकने की कोशिश की। इस दौरान आश्चर्यचकित स्टेशन मास्टर ने भी वॉकी टॉकी पर चालक को ट्रेन रोकने के आदेश दिए।
इसके बाद चालक ने ट्रेन को खड़ा किया। लेकिन तब तक ट्रेन डकनिया से करीब दो किलोमीटर दूर जा चुकी थी। इसके बाद ट्रेन को उल्टी दिशा में धीरे-धीरे चला कर वापस प्लेटफार्म पर लाया गया। इसके बाद यात्री ट्रेन में चढ़े और उतरे। इस घटना के चलते ट्रेन में करीब आधे घंटे की देरी हो गई।
निलंबित चालको से चलवाई ट्रेन
घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तुरंत प्रभाव से चालक और सहचालक को निलंबित कर दिया। लेकिन इसके बाद भी अधिकारियों ने चालक और सह चालक को मौके पर या सबसे पहले स्टेशन पर ड्यूटी से उतारना जरूरी नहीं समझा। इसके चलते निलंबित होते हुए भी चालक और सहचालक ट्रेन को रतलाम तक चला कर ले गए। सूत्रों ने इसे एक गंभीर मामला बताया है। सूत्रों ने बताया कि जब तक घटना के कारणों का सही पता नहीं चल जाए तब तक निलंबित दोषी चालको से ट्रेन संचालन नहीं कराया जा सकता। इससे ट्रेन के आगे और दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बना रहता है। लेकिन अधिकारियों ने दोषी चालको से ट्रेन संचालन करवा कर सैकड़ों यात्रियों की जान को दांव पर लगा दिया। अधिकारियों ने इस मामले में पूरी तरह संरक्षा की अनदेखी की है। सूत्रों ने बताया कि दोनों चालक गंगापुर के थे।
ढकनिया में नहीं है सिग्नल
सूत्रों ने बताया कि मुंबई की ओर जाने वाली ट्रेनों के लिए डकनिया स्टेशन पल स्टार्टर सिग्नल नहीं है। यहां पर चालकों को बिना सिग्नल के ही ट्रेन रोकने और रवाना होने के आदेश हैं। लेकिन इसके बाद भी चालकों ने यहां पर ट्रेन रोकना जरूरी नहीं समझा।
कई यात्री लौटे
सूत्रों ने बताया कि ढकनिया स्टेशन पर 30-40 यात्री काफी देर से अवध का इंतजार कर रहे थे। लेकिन ट्रेन बिना रुके ही उनकी आंखों के सामने से धड़धड़ाती निकल गई। ट्रेन की रफ्तार इतनी तेज थी कि कई यात्री तो गाड़ी का नाम भी नहीं पढ़ पाए। ऐसे में कई यात्रियों को लगा कि संभवत: यह कोई और गाड़ी हो। लेकिन आपकी बातचीत के बाद यात्रियों को इस ट्रेन के अवध होने का पता चला। इसके बाद आश्चर्यचकित यात्री काफी निराश हो गए। यात्रियों ने बताया कि कोई सूचना और उद्घोषणा नहीं होने पर मुसाफिरों ने लौटना शुरु कर दिया। कई यात्री तो लौट भी गए। लेकिन ट्रेन लौटने की उम्मीद में कई यात्रियों ने थोड़ा इंतजार करना जरूरी समझा।
यात्रियों ने बताया कि हालांकि इस दौरान स्टेशन पर किसी तरह की कोई उद्घोषणा नहीं की गई। अगर ट्रेन वापस लौटने की उद्घोषणा हो जाती तो कोई भी यात्री नहीं लौटता।
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