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02 मार्च 2022

ऐ हुरूफ़ मेरे

 

ऐ हुरूफ़ मेरे
ऐ हुरूफ़ मेरे
तुम्हारा शुक्रिया
तुम्हारा शुक्रिया
तुम्हारा कोई अर्थ निकालेगा
तो कोई अर्थी निकालेगा
तो कोई अनर्थ निकालेगा
मुझे फख्र है
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुनर हो मेरे
तुम सिर्फ हिंदुस्तान हो मेरे
तुम सिर्फ इंसाफ हो मेरे
तुम सिर्फ रूहानी राह हो मेरे
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम्ही इश्क़ ऐ हक़ीक़ी हो
तुम्ही इश्क़ ऐ मजाज़ी हो
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम ही वफ़ा हो मेरी
तुम ही मोहब्बत हो मेरी
तुम ही हो इंसानियत मेरी
तुम्ही वतन परस्ती हो मेरी
तुम्ही इबादत मेरी,
तुम तुम हो
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुनर हो मेरे
न में समझ मे हूँ किसी के
न तुम ही समझ मे किसी के
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुरूफ़ हो मेरे ,,अख्तर
ऐ हुरूफ़ मेरे
ऐ हुरूफ़ मेरे
तुम्हारा शुक्रिया
तुम्हारा शुक्रिया
तुम्हारा कोई अर्थ निकालेगा
तो कोई अर्थी निकालेगा
तो कोई अनर्थ निकालेगा
मुझे फख्र है
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुनर हो मेरे
तुम सिर्फ हिंदुस्तान हो मेरे
तुम सिर्फ इंसाफ हो मेरे
तुम सिर्फ रूहानी राह हो मेरे
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम्ही इश्क़ ऐ हक़ीक़ी हो
तुम्ही इश्क़ ऐ मजाज़ी हो
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम ही वफ़ा हो मेरी
तुम ही मोहब्बत हो मेरी
तुम ही हो इंसानियत मेरी
तुम्ही वतन परस्ती हो मेरी
तुम्ही इबादत मेरी,
तुम तुम हो
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुनर हो मेरे
न में समझ मे हूँ किसी के
न तुम ही समझ मे किसी के
तुम हुरूफ़ हो मेरे
तुम हुरूफ़ हो मेरे ,,अख्तर

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