शव यात्रा निकलने से ठीक पहले समझाइश,सम्पन्न हुआ नेत्रदान
आज
सुबह गणेश तालाब,बसंत विहार,कोटा निवासी स्वर्गीय श्री श्रीनाथजी लड्ढा
(80 वर्षीय) सेवानिवृत्त सहायक लेखा अधिकारी का सुबह आकस्मिक निधन हो गया
था ।
उनके घर की गली के
मोड़ पर मोक्षरथ को देखकर शाइन इंडिया फाउंडेशन के डॉ कुलवंत गौड़ ने
देवलोक-गामी के परिवार के सदस्यों को संपर्क किया, बेटे भूपेंद्र व अरुण
माहेश्वरी, तुरंत अपनी माता सीताबाई जी से बात करके सहमति दे दी परिवार के
सदस्य अंतिम यात्रा के लिए रवाना होने ही वाले थे, परंतु नेत्रदान जैसे
पुनीत कार्य के लिए अंतिम यात्रा को थोड़ी देर के लिए टाल दिया गया, थोड़ी
देर बाद ही शाइन इंडिया फाउंडेशन के सदस्यों के साथ आई बैंक सोसाइटी के
टेक्नीशियन ने निवास स्थान पर ही नेत्रदान की प्रक्रिया को पूरा किया ।
नेत्रदान
कि इस प्रक्रिया के दौरान उनके पोते निखिल वह करीबी रिश्तेदार ओम प्रकाश
झंवर,ओमप्रकाश लड्ढा व एल डी माहेश्वरी जी का भी सहयोग रहा ।
भूपेंद्र
जी का कहना था कि सही समय पर संपर्क हो जाने से एक पुण्य कार्य संपन्न हो
गया अन्यथा थोड़ी देर बाद अंतिम संस्कार हो जाता तो हमारे पास में कुछ नहीं
बचता परंतु नेत्रदान से कम से कम यह तो है कि हमारे पिताजी को हम किसी की
आंख में जीवित रख पाएंगे।
संस्था
शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से इस माह में 24 नेत्रों का संकलन किया जा
चुका है, जिनको प्राप्त करने के बाद आई बैंक सोसाइटी ऑफ राजस्थान जयपुर
में भेज दिया गया है ।
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