जागरूक ज्योति मित्रों के सहयोग से, 3 घंटों में 4 नेत्रों का संकलन
शाइन
इंडिया फाउंडेशन के जागरूकता अभियान के सहयोग अब लगातार हाड़ौती संभाग में
नैत्रदान हो रहे है,पिछले 10 सालों में नैत्रदान का प्रतिशत इतना बढ़ गया है
कि,प्रारंभ में 2 नैत्रदान प्रतिवर्ष से अब यह आंकड़ा 150 जोड़ी प्रतिवर्ष
जा पहुँचा है । इसका सारा श्रेय संस्था के जागरूकता अभियान से,हाड़ौती संभाग
में बनाए गए ज्योति मित्रों को जाता है ।
ज्योति
मित्रों के सहयोग से आज खेड़ली फाटक निवासी श्री लीलाराम मङ्गयानी (80
वर्षीय) का सुबह 11 बज़े आकस्मिक निधन हो गया,खेड़ली फाटक में शायद ही ऐसा
कोई घर होगा,जो लीलाराम जी के सेवाकार्यों से प्रभावित नहीं होगा । लीला
राम जी सादा जीवन जीने वाले और सभी के सुख दुख में सबसे पहले पहुँचने वाले
व्यक्ति थे,उनके निधन के उपरांत उनके भतीजे व ज्योति-मित्र राजेंद्र
मङ्गयानी और मूलचंद मङ्गयानी ने तुरंत ही शाइन इंडिया के डॉ कुलवंत गौड़ को
नैत्रदान करवाने के लिये संपर्क किया,थोड़ी देर में ही ईबीएसआर के तकनीशियन
के सहयोग से नैत्रदान की प्रक्रिया उनके निवास पर ही संपन्न हो गयी । ज्ञात
हो कि तीन माह पहले राजेन्द्र जी की माता जी दुर्गा जी का भी मरणोपरांत
नैत्रदान करवाया गया था ।
अभी
यह नैत्रदान की प्रक्रिया करके टीम निकली ही थी कि,शाइन इंडिया के अन्य
ज्योति-मित्र विनय रस्तोगी व विशाल रस्तोगी के क़रीबी रिश्तेदार श्री
महेंद्र कुमार रस्तोगी जी का भी दोपहर एक बज़े आकस्मिक निधन हो गया, विनय
रस्तोगी ने तुरंत ही डॉ गौड़ को महेंद्र जी के नेत्रदान के लिए संपर्क किया,
थोड़ी देर बाद ही शाइन इंडिया के सहयोगी व ईबीएसआर के सहयोग से महेंद्र जी
का नैत्रदान भी संपन्न हुआ। महेंद्र जी की ने काफी समय पहले ही देहदान के
लिए भी संकल्प पत्र भरा हुआ था, परिजन भी चाहते थे कि देहदान का पुनीत
कार्य संपन्न हो सके, परंतु कोरोना गाइडलाइंस के कारण देहदान का कार्य
संपन्न नहीं हो सका ।
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