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16 जनवरी 2022

अतिरिक्त मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक महेश जांगिड़ को , उनके दफ्तर में जाकर ज़बरदस्ती , फ्लोराइड युक्त पानी पिलाने के चार आरोपियों की अग्रिम ज़मानत का प्रार्थना पत्र , माननीय न्यायालय अपर जिला जज क्रम 1 के न्यायधीश दीपक पाराशर न प्रकरण को गंभीर मानते हुए खारिज कर दिया ,,

 अतिरिक्त मुख्य अभियंता जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक महेश जांगिड़ को , उनके दफ्तर में जाकर ज़बरदस्ती , फ्लोराइड युक्त पानी पिलाने के चार आरोपियों की अग्रिम ज़मानत का प्रार्थना पत्र , माननीय न्यायालय अपर जिला जज क्रम 1 के न्यायधीश दीपक पाराशर न प्रकरण को गंभीर मानते हुए खारिज कर दिया ,,
प्रकरण में अभियुक्त बनाये गए अमर सिंह ,, जय किशन लाल मीणा ,,  हुकम चंद शर्मा ,, मुकेश जैन ,, की तरफ से उनके वकील द्वारा दादाबाड़ी थाने में दर्ज मुक़दमे में ,, अग्रिम ज़मानत का प्रार्थना पत्र पेश किया था ,,  थाना दादाबादी में दर्ज एफ आई आर 349  / 2021 के तथ्यों में ,,   ज् 29 दिसम्बर 2021 को ,, पूर्व विधायक भाजपा नेता , भवानी सिंह राजावत पर आरोप है के वोह अपने कुछ साथियों के साथ बिना पूर्व सुचना के कार्यालय में घुस गए ,, चेंबर में आये और अनाधिकृत कृषि भूमि पर बसी कॉलोनियों में ,फ्लोराइड युक्त पानी होना कथन कर , जबरन उन्हें ,, बोतल में फ्लोराइड युक्त पानी पीने को मजबूर किया ,, बाहर जाकर मिडिया में भी इस संबंध में बयान दिया ,  इससे वोह डरे हुए है ,दादाबाड़ी पुलिस ने इस मामले में , भारतीय दंड संहिता की धारा 143 , 188 ,353 , 341 , 504 , 270 में मुक़दमा दर्ज कर अनुसंधान शुरू  किया ,,, उक्त प्रकरण में अमर सिंह ,, जय किशन लाल मीणा ,,  हुकम चंद शर्मा ,, मुकेश जैन ,, की तरफ से अग्रज ज़मानत का प्रार्थना पत्र पेश किया था ,, वर्चुअल सुनवाई के दौरान , अभियुक्त के वकील ने ,, अभियुयक्तों का एफ आई आर में नाम नहीं होना , पूर्व में कोई अपराध में शामिल नहीं होने , कोटा के स्थाई निवासी होने , गवाहान को टेम्पर विद नहीं करे ,, अनुसंधान में पूर्ण सहयोग देने संबंधित  कथन करते हुए , अभियुक्तों को अग्रिम ज़मानत का लाभ देकर , रिहा करने के आदेश देने की बहस की , जबकि अपर लोक अभियोजक अख्तर खान अकेला ने इसे गंभीर प्रकृति का अपराध बताते हुए , एक अधिकारी को भयोपरांत कर , गंदा पानी पिलाने का गंभीर प्रकरण कथन कर , अभियुक्तों की अग्रीम ज़मानत का प्रार्थना पत्र ख़ारिज करने की  वर्चुअल पैरवी की ,,  माननीय न्यायालय ने उक्त अपराध को गंभीर प्रकृति का मानते हुए अपने विवेचन में लिखा के ,, फरियादी ने अपनी रिपोर्ट में सभी को शक्ल से नहीं पहचानना कथन किया है जो की बाद में 161 सी आर पी सी पुलिस बयान में यह सब नाम आये है ,, प्रकरण गंभीर प्रकृति का होने से ,, माननीय न्यायधीश दीपक पाराशर अपर जिला जज क्रम 5 कोटा ने उक्त अग्रिम ज़मानत का प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया ,,,,, अख्तर खान अकेला

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