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10 दिसंबर 2021

देश के भटकजनों , देश के खामोश बैठे नागरिकों , देश के प्रति समर्पित ज़िंदाबाद लोगों , थोड़ा जागो , बहुत हुआ , उठो , तिरंगा हाथ में उठाओं , देश को , इन काले अंग्रेज़ों से बचाओ ,

  देश के भटकजनों , देश के खामोश बैठे नागरिकों , देश के प्रति समर्पित ज़िंदाबाद लोगों , थोड़ा जागो , बहुत हुआ , उठो , तिरंगा हाथ में उठाओं , देश को , इन काले अंग्रेज़ों से बचाओ ,, देश को लूटना , देश को उद्योगपतियों के यहां गिरवी रखना ,, देश की जनता को बिलखता ,, तड़पता देखकर , शतुरमुर्ग की तरह , रेत के ढेर में मुंह छुपाना , यह सरकारों का काम नहीं ,, देश में भूखे को रोटी नहीं , नंगे को कपड़े नहीं , बेरोज़गार को रोज़ी नहीं , बेघर को घर नहीं , विवादों में फंसे  शख्स को त्वरित इंसाफ नहीं ,, ज़रूरतों की आवाज़ को दबाने , छुपाने के लिए ,,वन्देमातरम ,,हिन्दू , मुस्लिम ,मंदिर , मस्जिद , लव जिहाद के भटकाव के साथ , सरकार में वोटरों को भ्रमित करके आने की कवायद  ने इस देश को सदियों पीछे धकेल दिया है , जो सत्तर सालों में लूट नहीं हो ,सकी ,, जो महंगाई , जो टेक्स वृद्धि , सत्तर सालों में ना हो सके , चरित्र की गिरावट ,, जो सत्तर साल में ना हो सकी वोह सिर्फ सात सालों में ,हो गयी है,, एक जज सुप्रीमकोर्ट के जज , खुद के खिलाफ योन उत्पीड़न की शिकायत , खुद ही सुन लेते है , उन्हें इनाम मिलता है , वोह राज्य सभा के सदस्य बना दिए जाते है , कई ऐसे महत्वपूर्ण पद है ,जिनके अगर निजी बायो डाटा , उनके ग्रह ज़िले के लोगों , और लोकल अख़बारों में खंगाले , तो बात साफ़ हो जाएगी , ,खेर सरकार को अल्लाह , ईश्वर सद्बुद्धि दे ,, सरकार पटरी पर आये ,, मंदिर , मस्जिद , लव जिहाद , हिन्दू , मुस्लिम , मुद्दों पर , अपनी नाकामयाबियों को छुपाने की जगह , कॉर्पोरेट सेक्टर , चाहे मोबाइल कंपनियां हों , सर्विस प्रोवाइडर हों , पेट्रोल ,डीज़ल ,खाद्य सामग्रियां हों, सभी के मूल्यों पर नियंत्रण की इन्हे सद्बुद्धि मिले , देश आज मुद्रास्फीति में पीछे है , देश आज बेरोज़गारी की दर में अव्वल है ,देश मे अराजकता के हालात अव्वल हैं,, मुक़दमों की पेंडेंसी बेहिसाब है ,लेकिन देश और देश के लोग जाएँ भाड़ में , हमें तो सिर्फ सरकार चाहिए , हमें तो सिर्फ ,, हमारे उद्योगपति मुनाफे चाहियें ,, ,किसान आन्दोलन हुआ ,,सरकार कहती रही ,, अम्बानी , अडानी को लाभ नहीं ,,लेकिन गोदाम खूब बन गए,, किसानों के खिलाफ क़ानून बन गए , सरकार किसानों के इंकार के बाद भी अड़ियल रही ,, किसान एकत्रित हुए , तो फुट डालो राज करो , का फार्मूला अपनाये गए ,,किसानों को बांटा गया ,, मीडिया की खरीद फरोख्त के साथ ही, किसानों की खबरें गायब ,, किसानों को ,तोड़ने के लिए गद्दार ,, आतंकवादी , खालिस्तानी, पाकिस्तानी , आंदोलन जीवी बताया गया , सरकार की दमनकारी नीतियां चलाई ,गयीं  गोली चलाई , वाटर केनन चलाया , गाड़ियां चढ़ाएं ,बेहिसाब किसानों की मौतें हुईं ,,लेकिन किसान , ना हिन्दू , मुस्लिम ,सिक्ख में बंटा , ना किसान , पीछे हठा , न किसान टुटा , लड़ता रहा , लड़ता रहा ,, आखिर , उत्तर प्रदेश कै चुनाव , की घोषणा , केंद्र सरकार के उद्योपतियों पर भारी पढ़ी , किसानों की उपज के डकैतों के सपनों पर पानी फिरा , और उत्तर प्रदेश चुनाव अभियान में ,केंद्र सरकार , जब  पिछड़ गयी , तो वोटों के लिए कुछ भी करेगा , वाली इस सरकार ने , कई मौतों के बाद , घड़ियाली आंसू बहाये ,आधी अधूरी घोषणा के बाद फिर , किसानों की एकता को तोड़ने की कोशिश की , ,लेकिन सरकार ने ,थूका , फिर अड़ियल रुख दिखाया , और फिर एक साल से ज़्यादा अराजकता के बाद , उसी थूक को , सरकार को चाटना पढ़ा , जो किसान आद्नोलन जीवी थे ,, जो किसान आंतकवादी, खालिस्तानी , पाकिस्तानी ,, रोहिंग्ये ,,हिन्दू, मुस्लिम थे , वोह फिर उनकी एकता से अन्नदाता कहलाये गये , बहुत कुछ हो गया ,है , बहुत कुछ होना है, किसानों को अभी भी वायदों पर भरोसा नहीं है, उत्तर प्रदेश चुनाव खत्म हुए , फिर वही ज़िद शुरू हो सकती है ,,  अन्ना हज़ारे को , इन्होने , कांग्रेस की सत्ता परिवर्तन के लिए मोहरा बनाकर इस्तेमाल किया ,,लोकपाल बिल जो कांग्रेस ने , 2014 में बना दिया था , उसका लोकपाल, , सभी कोशिशों , सुप्रीमकोर्ट की फटकारों के बाद ,भी,पांच साल बाद बनाया गया , और वोह लोकपाल कहाँ है , क्या कर रहा है,कितनी शिकायतों की सुनवाई हुई ,, किसी को पता है, क्या , अन्ना हज़ारे की ज़ुबान तो हलक़ में अटका दी गयी , अन्ना का बयान हमेशा आप पार्टी के मुक़ाबले , भाजपा के पक्ष में , सिर्फ आप पार्टी को नुकसान पहुँचाने और , भाजपा को फायदा पहुंचाने वाला रहा , वोह किसानों के लिए नहीं बोले , वोह लोकपाल नहीं बनाने के खिलाफ नहीं बोले , आज उनकी स्थिति , देश की आम जनता के सामने यक़ीनन, कांग्रेस के खिलाफ आंदोलन जीवी , किराये के आंदोलन जीवी की हो गयी है,,, किसानों की तरह , अब जनता  को एक जुट होकर , महंगाई , भूख ,गरीबी, बेरोज़गारी , राष्ट्रविरोधी भ्रामक फेंकमफाँक , झांसेबाज़ियाँ , जुमलों के खिलाफ अभियान छेड़ना होगा , आन्दोलन करना होगा ,, आयना दिखाना होगा , और किसानों की तरह ही , आम जनता को , ऐसे काले अँगरेज़ जो फुट डालो राज करो की निति पर चलते है , जो सरकार के खिलाफ बोलने वालों को , गद्दार कहकर जेल में डालते हों ,, जो हिंसा भड़काते हों ,, जो आन्दोलन करने वालों पर , लाठियां , वाटर केनन , गोलियां बरसाते हों , अपने मंत्री के काफिले , उनके पुत्र से , शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों को मरवाते हों , ऐसे लोगों की इस देश में सरकार में तो क्या ,, कहीं भी जगह नहीं है,, ,अख्तर

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