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14 दिसंबर 2021

धर्म के विरुद्ध , अधर्म की लड़ाई में ,, कभी भी , धर्म की हार नहीं हुई है,

 धर्म के विरुद्ध , अधर्म की लड़ाई में ,, कभी भी , धर्म की हार नहीं हुई है, ,, इंसाफ में देर है , अंधेर नहीं ,, कुछ दुःख तकलीफों के बाद , सत्यमेव जयते , की ही जीत हुई है , हर रात के बाद , एक नया सवेरा हुआ है , घटाटोप अँधेरे के बाद रौशनी जगमगाई है , और यक़ीनन , राहुल गांधी का सत्यमेव जयते का अभियान , अधर्म के खिलाफ धर्म को ज़िंदाबाद करके ही रहेगा , फिर से हम सुरक्षित होंगे , संरक्षित होंगे , महंगाई कम होगी,,नफरत की जगह , मोहब्बत होगी , वोटों के लिए , धर्म का वास्ता नहीं ,, जनहितकारी कार्यों की गिनती होगी,,  जी हाँ दोस्तों ,कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी बिलकुल सही है ,वोह सत्यमेव जयते , का रथ लेकर , जीत के लिए आप और हमारे बीच में आये है ,यक़ीनन  जो लोग , धर्म के रास्ते से भटक कर ,ज़ुल्म ,ज़्यादती , नफरत , लूट ,खसोट , मुनाफाखोरी ,अराजकता , हिंसा , की तरफ है ,वोह लोग,उनके खिलाफ होंगे , प्रोपोगंडा करेंगे , मीडिया हो , माउथ पब्लिसिटी हो , प्रिंट मीडिया हो, जो कोई भी हो ,एक कोकस बनाकर , राहुल गाँधी के इस सत्यमेव जयते , के संघर्ष को ,तोड़ने की कोशिश करेंगे , क्यूंकि ऐसे अधिकतम लोग , अधर्म के विरुद्ध धर्म की इस लड़ाई में ,, भूख ,गरीबी , बेरोज़गारी , अराजक माहौल , असुरसक्षात्मक माहौल , ना इंसाफ़ी ,, विकास का थमा पहिया , ,देश की सरकारों के विभाग , उद्योगों की ठेके पर देने की प्रवृत्ति सहित जो कुछ भी अवैध हो रहा है , उसी के चट्टे बने है , और ऐसे लोग , सच के साथ आएंगे , ऐसा सोचना बेमानी है , लेकिन ,, इतिहास गवाह है , धर्म के ग्रंथ गवाह है ,, यज़ीद हो , फ़िरोंन हो , रावण हो , कौरव हों , कंस हो , जो कोई भी हों, सभी को, ताक़तवर होने ,,उनके भटकजनों का उन्हें समर्थन होने के बाद भी ,,, वोह धर्म युद्ध में , सत्यमेव जयते की जंग में हमेशा हारे है,, महाभारत में , पांडव कम थे ,, गुरु द्रोणाचार्य ,, भीष्म पितामाह , भाई करण , सभी तो अधर्म के साथ जाकर खड़े हो गए थे, अदला बदली का दौर वैसा ही तो है , ,अभिमन्यु को चक्रव्यूह में फंसा कर , ज़ालिमों ने , बेरहमी से क़त्ल किया था ,, लेकिन फिर हुआ किया , परिणाम सुखद रहे ,,मुट्ठीभर पांडवों की जीत ,,सो भाई वाले कौरवों पर हुई , और युद्ध किस बात का ,सिर्फ , धृतराष्ट्र , और धृतराष्ट्र की पत्नी द्वारा , उसेक पुत्रों के ज़ुल्म , ज़्यादती , मनमानी के प्रति जानबूझकर , नज़र अंदाज़ी , नाइंसाफी ,, सब कुछ चलते रहने के बाद , एक बार फिर , धर्मयुद्ध में , पांडवों की जीत हुई ,, आज हमारे देश में , धर्म कोई भी हो ,अगर उस धर्म के सिद्धांतों के खिलाफ आचरण कर रहा है , तो वोह अधर्मी है , चाहे वोह हिन्दू हो ,चाहे वोह मुस्लिम हो , चाहे वोह सिख हो , चाहे वोह जैन हो ,चाहे वोह बोध हो , चाहे वोह क्रिश्चियन हो , धर्म जो भी हो,अगर उस धर्म को मानने वाला ,, सिद्धांतों से भटक कर , मनमानी , मनमौजी कर रहा है , शासक रहते हुए , प्रजा का रक्षक नहीं , उन्हें सहूलियतें देने में पीछे है , पक्षपात है , अराजकता है , गिनती के उद्योगपतियों के साथ मिलकर , देश के गरीबों के हालात बदतर कर रहा है ,अगर शासन में ,भूख है , गरीबी है ,बेरोज़गारी है ,विकास की दर थम गयी है ,, फ़िज़ूलखर्चियाँ है , सरकारी सम्पत्तियों को मनचाहे तोर पर ठेकेदारी पर , बेचने के समान दिया जा रहा है , टेक्स के नाम पर , कमर तोड़ महंगाई है , सरकार ,बिमारी में , ,महामारी में , आम लोगों की दुःख सुख की साथी नहीं है , तो फिर यह धर्म का शासन नहीं है ,, जहाँ इलाज के आभाव में मौतें हो , जहाँ दवा के अभाव में लोग मरते हो , जिस शासन में , कीमतों की वृद्धि ,, दो सो प्रतिशत बढ़ती हो , जहाँ गरीब की मासिक आय नगण्य सी हो जाए , जहाँ एक वर्ग , दूसरे वर्ग के साथ वेमन्सयता बढ़ाने के लिए ,, योजनाबद्ध काम करने लगें , वहां धर्म का शासन नहीं है , और राहुल गांधी देश के इन हालातों से ही चिंतित है , वोह देश की विशाल , संस्कृति से वाक़िफ़ है , वोह देश की विनम्रता , धार्मिक संस्कृति , को खूब जानते है ,वोह धर्म की ओरिजनल शिक्षा के पक्षधर है, इसलिए ,, धर्म के नाम पर वोट माँगना ,, धर्म के नाम पर , महंगाई का समर्थन करना , धर्म के नाम पर , भूख ,गरीबी ,रोटी , रोज़ी ,बेरोज़गारी , अराजकता , नफरत , विकास जैसे मुद्दों को , भटका कर , धर्म के नाम पर , देश के लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के विधिक प्रावधानों , संविधान के विधिक प्रावधानों के खिलाफ , खुलेआम ,, धार्मिक भावनाओं के नाम पर ,, माहौल बनाकर ,वोट मांगते हुए , मुख्य मुद्दों को दबाने की साज़िश हो , वहां एक बार फिर , देश की जनता के बीच , ओरिजनल धर्म , और कुर्सी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाला धर्म , वोटों के लिए ,. छद्म माहौल बनाने वाले धर्म में फ़र्क़ समझाने की ज़रूरत आ गयी है , धर्म सिर्फ मानवता सिखाता है , विनम्रता सिखाता है , प्यार , मोहब्बत , खुलूस , भाईचारा सिखाता है , राहुल गांधी यही तो कहते है , राहुल गांधी हिन्दू धर्म की बुलंदियों , विनम्रता , निर्मलता को ,,जो  विश्वस्तर पर पहचान बनाये हुए है , उस हिंदुत्व की महानता की तरफ ही तो , लोगों को साक्षर कर रहे हैं , गांधी की हत्या कर देना , उसी गांधी के नाम पर , गाँधी के विचारों का समर्थक होने पर ही , पार्टी की मान्यता का लिखित क़ानून बनाकर , पार्टी के सदस्य बनाना , और दूसरी तरफ , गांधी के हत्यारे को , महिमामंडन करना ,, गांधी के हत्यारे को ,राष्ट्रभक्त ,धर्मभक्त , कहकर उसके मंदिर का समर्थन करना , यह कोनसा धर्म है ,, अगर कोई भी अराजक माहौल में , भूख , गरीबी , बेरोज़गारी , अराजकता के खिलाफ आवाज़ उठाये , तो वोह गद्दार है , देश छोड़कर जाने के लिए उसे कहा जाये ,, यह कोई धर्म नहीं है ,सिर्फ अधर्म , अधर्म और सरकार में बने रहने की साज़िश है , जो भारत के मूल स्वभाव धर्म की विरासत , धर्म की संस्कृति विविध धर्मों के देश की महानता से अलग थलग कर रहा है , ,आज लोगों को ,रोटी की ज़रूरत है ,अमन , सुकून की ज़रूरत है , रोज़गार की ज़रूरत है ,यह मांगना अगर जुर्म है ,अगर अधर्म है , तो हाँ देश के अधिकतम लोग अधर्मी है , अधर्मी लोगों की संख्या ज़्यादा होती है , उनके समर्थक ज़्यादा होते है , धर्म के रास्ते पर तकलीफों की जगह , रसमलाई खाने के शौक़ीन लोग, धर्म का रास्ता छोड़कर ,अधर्म के साथ जाकर मज़े करने के लिए मिलते है ,, वोह हो रहा है , आगे भी होगा , लेकिन राहुल गांधी का , ,धर्म की सच्चाई की प्रति , धार्मिक शिक्षा , ओरिजनल धर्मांध और ,, नक़ली कुर्सी हथियाने के लिए कुछ भी करेगा वाले , धर्मांध लोगों में फ़र्क़ अभियान फिर से इस मेरे भारत के , मेरा भारत महान बनने तक जारी रहेगा ,, ,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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