मेरी तोंद : मेरा अभिमान
फिटनेस चैलेंज-वैलेंज जैसी मूर्खतापूर्ण मुहिम और कुछ नहीं बल्कि दुबले पतले लोगों का षड्यंत्र है।
पतले- दुबले लोग आदिकाल से हट्टे-कट्टे ताजे लोगों से चिढ़ते हैं।
इसी चिढ़ की देन है कि पतले लोग जानवरों के नाम पर मोटे लोगों को हाथी, गैंडा जैसे नामों से चिढ़ाते हैं।
जबकि सच्चाई ये है कि जंगल में शिकार होने वाले जानवर हमेशा से पतले-दुबले ही रहे हैं और मोटे हाथी की वैभवशाली पर्सनालिटी को देखकर शेर चीता ऐसे ही दूरी बनाकर रखते हैं।
तो सवाल ये होना चाहिए कि पतले होने का फायदा हिरन को क्या मिला, सिवाय शेर का भोजन बनने के। ऐसा भी नहीं है कि हिरन की आयु ज्यादा है।
चार पैरों पर चलने वाले सभी जानवरों में सबसे ज्यादा आयु सबसे मोटे जानवर की ही होती है। ऐसे ही इंसानों में भी है।
किसी भी अस्पताल में सबसे गंभीर रोगी सबसे पतले लोग ही होते हैं और अफवाह फैलाई जाती है कि रोगों का जड़ मोटापा है।
ये अफवाह फैलाता कौन है...? डाक्टर और पतले लोग मिलकर ये अफवाह फैलाते हैं।
डाक्टर का तो फायदा है और पतले लोग जलन के मारे ऐसी अफवाह फैलाते हैं।
समय आ गया है कि दुनिया को *पतले लोगों के इस षड्यंत्र* से अवगत कराया जाए और *मोटे लोगों को अपराध बोध से मुक्त कराया* जाए।
*मेरी तोंद , मेरा अभिमान*
जैसे अभियान चलाए जायें।
मोटापे के फायदे बताकर मोटा होने के लिए क्रैश कोर्स चलाया जाए...!
मेरे हम उम्र के सभी मोटे दोस्तो को समर्पित।
*सर्दियों में रोज़ अपने स्वास्थ को बेहतर बनाने पर ध्यान दें*_
_ध्यान देने के तरीके
_*1~* सुबह जल्दी 10 बजे उठ जायें_
_*2~* Bathroom तक पैदल चलें _
_*3~* नाश्ते मैं मक्खन ब्रेड कचौरी और जलेबी खाने के बाद एक लोटा चाय लें_
_*4~* इतना करने के बाद थकान होना लाजिमी है, इसलिए 2 घंटा सो लें..!_
_*5~* अरे सोते ही रहेंगे क्या लंच नहीँ करना._
_*6~* हाँ तो लंच मैं दाल-चावल, रोटी, दही, सलाद, पापड़, चटनी, अचार और कुछ मीठा लें..!_
_*7~* लंच के बाद थोड़ी देर सो जायें (लगभग 3 घंटा)_
_*8~* अधिक देर न सोये नहीँ तो शाम के चाय समोसे का समय निकल जायेगा._
_*9~* अब डिनर मैं कुछ हल्का लें जैसे दाल मक्खनी कड़ाई पनीर दम आलू और बटर नान with एक्सट्रा मक्खन और एक आइस क्रीम _
_*10~* दोस्तो रात के खाने के बाद टहलना बहुत ही ज़रूरी है इसलिए अपने बेड का एक चक्कर लगाये और कम्बल ओढ़ कर सो जाए..!_
* सेहत एकदम चकाचक रहेगी, वजन थोड़ा सा ज्यादा हो जाये तो चिंता ना करें , आखिर सर्दी साल में एक बार ही तो आती हैओर वैसे जाना भी तो दूसरों के कंधे पे हीं हैं
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