जागरूकता बढ़ी तो, सेन समाज में हुआ पहला नेत्रदान
देर रात को परिजनों की सहमति से बुजुर्ग का नेत्रदान
कल देर रात गांव सतूर,जिला बूंदी निवासी श्री सदूर लाल सेन (80 वर्षीय) का निधन,बेटे महेंद्र कुमार के कुन्हाड़ी निवास पर आकस्मिक निधन हो गया ।
सदूर लाल जी का पोता ललित छावनी में इलेक्ट्रिक शॉप पर काम किया करता है, दुकान के मालिक श्री राजीव मेहता जी ने भी 2 वर्ष पूर्व,अपनी माताजी का नेत्रदान शाइन इंडिया फाउंडेशन के सहयोग से करवाया था,उन्हीं से प्रेरणा लेकर ललित ने भी अपने पिता और करीब रिश्तेदारों को दादाजी के नेत्रदान करवाने के लिए कहा ।
सदूर लाल जी कोटा बैराज पर हेवी मशीन के ड्राइवर के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। लोगों के बुरे वक्त में काम आना और असहाय की मदद करने में सदूर जी सदा आगे रहते थे ।
सेन समाज में पहले कभी नेत्रदान के बारे में चर्चा नहीं हुई थी, जैसे ही ललित ने यह बात अपने रिश्तेदारों के बीच में रखी तो,घर के सदस्यों ने ही सबसे पहले विरोध करना प्रारंभ कर दिया,ललित ने संस्था सदस्यों से अनुरोध किया कि,वह जल्दी ही घर पर आकर नैत्रदान की प्रक्रिया कर लें, जिससे अन्य रिश्तेदारों के आने तक नैत्रदान सम्पन्न हो जाये ।
संस्था सदस्य ईबीएसआर के तकिनीशियन को अपने साथ लेकर रात 11:00 बजे कुन्हाड़ी स्थित उनके निवास पर पहुंचे और तब तक वहाँ उपस्थित लोगों ने नेत्रदान करवाने के बारे में सभी को राजी कर लिया था । देर रात 12 बज़े,नैत्रदान का पुनीत कार्य सम्पन्न हुआ।
संस्था से डॉ कुलवंत ने वहाँ उपस्थित सभी लोगों का धन्यवाद
देते हुए नैत्रदान की सारी प्रक्रिया को ठीक ढंग से समझाया,उनको बताया की
नैत्रदान ही,अपने मृत परिजनों के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है । संस्था
सदस्यों ने बताया कि,विगत 10 वर्षों में संभवतया सेन समाज से यह पहला
नैत्रदान है।
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