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09 नवंबर 2021

में उर्दू हूँ ,,प्राकृत ,,संस्कृत ,,फ़ारसी और अरबी जुबां मेरी जन्म दाता है में भारत देश ,,हिंदुस्तान की कोख में पली बढ़ी हूँ

में उर्दू हूँ ,,प्राकृत ,,संस्कृत ,,फ़ारसी और अरबी जुबां मेरी जन्म दाता है में भारत देश ,,हिंदुस्तान की कोख में पली बढ़ी हूँ ,,,, मुझे पहले उडु ऐ हिन्द कहा गया ,,फिर हिंदी कहा गया ,,फिर लश्करी ज़ुबान कहा गया ,,क्योंकि मेने लोगों को जोड़ा है ,,लोगों को एक दूसरे से मिलाया एक दूसरे को समझने लायक़ बनाया है मेरी तहज़ीब ,,,मेरा तमद्दुन ,,मेरा खुलूस विश्व विख्यात है ,,मेरी मोसिक़ी ,,मेरे गीत ,,,,मेरा मिठास भरा लहजा ,,,,मेरा लुभावना पुरखुलूस तलफ्फुज़ आप सभी जानते है ,,मुझे आप सभी मानते है ,,में बोलने में अच्छी लगती हूँ ,,,,मेरे नाम पर सम्मेलन भी होते है ,,टी वी ,,फ़िल्म ,,,,मंचों पर मेरी ज़ुबान में गीत ,,गज़ल ,,डायलॉग होते है ,,,,,,,,,,,,,जी हाँ में उर्दू हूँ हिंदुस्तान की कॉख में जन्म लेकर सियासी ,,,अदालती ,,प्रशासनिक जुबां बनी आज भी मेरी यादे अदालती जुबां में शेष है ,,दोस्तों मुझे बचाने के लिए ,,मुझे ज़िंदा रखने के लिए यूँ तो कई लोगों ने जद्दोजहद की लेकिन मुझे मेरे ही हिंदुस्तान की कोख में एक अनचाही बेटी की तरह अवैध रूपसे गर्भपात करवाया जाता रहा है ,,,,,,,,,,आज जयपुर में मुझे बचाने के लिए ,,मुझे पढ़ाने और फरोग दिलवाने के लिए ,,उर्दू शिक्षक संघ के अमीन कायमखानी और उनकी टीम एक सेमीनार कर रही है ,,मुझे हंसी आती है मेरे ही क़ातिलों के हाथ में मुझे बचाने की दवा तलाशी जा रही है ,,खेर कोशिश अच्छी है लेकिन में बता दूँ में हिंदुस्तान की कोख में जन्मी जुबां हूँ में किसी धर्म ,,किसी जाती ,,किसी सम्प्रदाय की गुलाम नहीं में आज़ाद हूँ मुझे चाहे लाख खुबिया हो लेकिन देश के एक बढ़े तबक़े ने मुझे सिर्फ एक धर्म एक सम्प्रदाय की जुबां मानकर मेरी मासूमियत छीन ली है मुझे स्कूलों से गायब किया जा रहा है ,,,मुझे पढ़ाने वालों को हटाया और छकाया जा रहा है उन्हें प्रताड़ित क्या जा रहा है ,कहने को तो मेरे नाम की देश और राज्यों एकेडमी है लेकिन मेरे नाम से मेरी ज़ुबान में आज तक उर्दू एकेडमी का नाम नहीं रखा गया है ,,,,मुझे रोशन करने के लिए अंधेरों और सियाह दिल लोगों को ज़िम्मेदारी दी गयी लिहाज़ा में बीमार हूँ में डाइलीसीसी पर नहीं नहीं में वेंटीलेटर पर हूँ ,,,मदरसों में मेरे साथ बलात्कार होता है ,,,मुझे पढ़ाने वालों का शोषण होता है ,,उनको उनका हक़ नहीं मिलता उनके साथ दूसरी जुबां पढ़ाने वालों के मुक़ाबले सौतेला व्यवहार होता है उन्हें उपेक्षित रखा जाता है उनकी नोकरी पक्की नहीं होती उनसे नोकरी का शुल्क भी मदरसों में लूटखसोट के रूप में लिया जाता है और जब मुझे पढ़ाने के लिए उनकी नियुक्ती होती है तो इस में काफी गढ़बढ़ घोटाला होता है ,,,,शिकायतें होती है लेकिन जांच नहीं होती ,,,,अफ़सोस सद अफ़सोस में उर्दू हूँ अलीगढ मेरा गढ़ है लेकिन वहाँ की डिग्री उर्दू बी ऐड ,,अदीब ,,माहिर ,,कामिल ,,मोअल्लिम को राजस्थान में उर्दू पढ़ाने के लिए सक्षम नहीं माना जाता ,,में उर्दू हूँ मुझे राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री भेरोसिंह शेखावत ने सभी स्कूलों में पढ़ाने के लिए स्कूल प्रिंसिपल को छूट देते हुए हक्यू दिया था के मुझे पढ़ने के दस छात्र छात्राए अगर हो तो मुझे पढ़ाने के लिए एक शिक्षक लगाया जाए लेकिन अफ़सोस मेरा क़त्ल क्या गया मुझे पढ़ाय नहीं गया जहां जहा में थी वहाँ से मुझे बे आबरू कर निकाला गया ,मुझ से मेरा हक़ छिना गया मेरी जवानी छिनी गयी मुझसे बलात्कार क्या गया और अब यही लोग मुझे रोशन करने का चिराग अपने हाथ में थामे है खुदा इन्हे सद्बुद्धि दे ,,खुदा इन्हे पुरखुलूस करे इनकी कथनी और करनी में अंतर न करे ,ऐ खुदा मुझे बचाने के लिए इस सरकार में जो लोग जो मंत्री जो कार्यकर्ता जो शिक्षक ,,जो पत्रकार ,,जो लेखक ,जो समाजसेवक आगे आये है खुदा उन्हें कामयाब करे वरना पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गेहलोत ने तो मुझे चारों खाने चित कर बर्बाद कर दिया मेरे नाम अपर भ्रष्टाचार फैलाया ,,फरेबी और मक्कारों को मुझे फरोग देने के लिए लगाया ,,,,,,अब मुझे फिर उम्मीद है मेरे क़ातिल शायद मेरे मसीहा बन जाए ,मुझे इन्साफ दें ,,यह लोग मुझे फिर से आबाद करे ,,मुझे गर्भ में ही पल रही बेटी की तरह से अवैध रूप से गर्भपात न करवाये ,,,मुझे ग्रास रूट पर ज़मीनी हक़ीक़त पहचानते हुए मदरसों में स्कूलों में प्राथमिक स्तर से ,,प्राइमरी स्तर से लोगों के बीच एक जुबां एक भाषा ऐक साहित्य के तोर पर रखा जाए ,,,में शुक्रगुज़ार हूँ अमीन क़ायम खानी की ,जिन्होंने मुझे पढने वाले शिक्षकों को एकत्रित कर मुझे तबाही से बचाने वाले हुकूमत के अलंबरदारों को बुलाकर मेरी हक़ीक़त बताने की कोशिश की ताकि यह लोग मुझे संवारने मुझे फिर से ज़िंदा करने की कोशिशे कर सके ,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

 

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