सूना है ,, कोटा में मुस्लिमों की सघन बस्ती , घंटाघर पर एक इस्लामिक सेकेंडरी स्कूल है , उसमे मुसाफिर खाना भी हुआ करता था , वहां लड़कियों के स्कूल के लिए पहले कभी चंदा भी हुआ करता था , उसका अपना विधान भी है ,, उसके चुनाव होते थे , वोह सम्पत्ति वक़्फ़ के रिकॉर्ड में भी दर्ज है , लेकिन वहां अभी कई सालों से चुनाव नहीं हुए , व्यवस्थाएं भी ज़ीरो है , इस बिल्डिंग , इस शैक्षणिक इदारे का क़ौम के लिए , बेटियों की पढ़ाई के लिए तकनीकी शिक्षा के लिए कोई ख़ास इस्तेमाल के लिए जद्दोजहद क्यों नहीं होती है ,, एक तरफा नहीं , मिलजुलकर ,, अख्तर
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