भ्रांतियों के चलते,मुक्तिधाम में हुई नैत्रदान जागरूकता कार्यशाला
शाइन
इंडिया फाउंडेशन का नैत्रदान जागरूकता अभियान पूरे जोर से हाड़ौती संभाग
में चल रहा है । संस्था सदस्य न सिर्फ कोटा में बल्कि बूँदी,बारां,कापरेन,
झालावाड़ व अकलेरा में भी नैत्रदान के प्रति आम लोगों को जागरूक कर रहे हैं ।
जागरूकता
पखवाड़े के इसी क्रम में गुरुवार को बृजधाम कॉलोनी,रायपुरा निवासी,किशन लाल
मलिक के निधन के उपरांत शाइन इंडिया फाउंडेशन के ज्योति-मित्र सागर
पिपलानी की समझाइश से परिजन नैत्रदान करवाने को तैयार हुए।
नैत्रदान
प्रक्रिया के उपरांत जब शोकाकुल परिजन अंतिम संस्कार की प्रक्रिया कर रहे
थे तब,मुक्ति धाम में उपस्थित कुछ लोग आपस में नैत्रदान से जुड़ी
भ्रान्तियों पर चर्चा कर रहे थे । संस्था सदस्यों के कान में भी यह बात
सुनने में आई कि,कुछ लोग नैत्रदान को लेकर असमंजस में है ।
शाइन
इंडिया के सागर पिपलानी ने शोकाकुल परिवार के सदस्यों से आज्ञा लेते
हुए,निर्णय लिया कि,मौके पर ही,जो भी लोग है,उनकी नैत्रदान से जुड़ी जो भी
भ्रांतियां, या गलतफहमीयाँ है,उनको दूर करा जाये। इसके बाद संस्था सदस्यों
ने मुक्तिधाम में मौजूद सभी 200 लोगों को नैत्रदान के बारे में विस्तार से
सारी जानकारी दी और नैत्रदान से जुड़ी भ्रान्तियों के बारे में भी बताया ।
लोगों
को भ्रांति थी कि,नैत्रदान प्रक्रिया में पूरी आँख ली जाती है,काफ़ी खून भी
आता हैं, और इसमें चेहरा भी ख़राब हो जाता है,इस भ्रान्ति के निवारण हेतू
आई बैंक सोसायटी के बीबीजे चैप्टर के अध्यक्ष डॉ कुलवंत गौड़ ने पार्थिव शव
से कॉर्निया प्राप्त करने का तरीका बताया,साथ ही यह भी बताया कि यह एक
रक्त-विहीन और चेहरे को बिना विकृत होने किये जाने वाली प्रक्रिया है ।
नैत्रदान के बाद चेहरा ठीक वैसा ही रहता है जैसा पहले होता हैं।
नैत्रदानी
किशन लाल मलिक के पोते हितेश ने भी उपस्थित जन-समूह को नैत्रदान के बारे
में बताया की पहले हमको भी इन सभी बातों का ध्यान नही था,पर जब आज जब अपने
सामने पूरी प्रक्रिया को देखा,तब जाकर नैत्रदान से जुड़ी सभी भ्रांतियाँ एक
साथ दूर हुई हैं ।
सारी जानकारी देने के उपरांत संस्था द्धारा सभी को नैत्रदान की जानकारी देने वाले फम्प्लेट का वितरण किया गया ।
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