आपका-अख्तर खान

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06 सितंबर 2021

सरे राह किसी की भी घेर कर हत्या कर देना , रोज़गार कमाने आने वालों , भीख मांगने वालों को घेरना , मारना , पीटना ,यह मेरे भारत महान की संस्कृति नहीं , मेरे भारत महान का संविधान , क़ानून नहीं

 सरे राह किसी की भी घेर कर हत्या कर देना , रोज़गार कमाने आने वालों , भीख मांगने वालों को घेरना , मारना , पीटना ,यह मेरे भारत महान की संस्कृति नहीं , मेरे भारत महान का संविधान , क़ानून नहीं , हाँ तालिबानियों की संस्कृति हो सकती हैं , हाँ नफरत बाज़ों की आवाज़ हो सकती है , सिर्फ सात सालों में यह जो नफरत की खरपतवार थी , आज , नफरत की खाद , क़ानून की उपेक्षा की हवा , सियासी सपोर्ट के वातावरण के चलते , अब खरपतवार नहीं , अब यह एक वट वृक्ष सी बन गयी है , जिस पेड़ के नीचे , कुछ शतुरमुर्ग , या तो मुंह छिपा रहे है , या फिर तालियां बजा रहे है , कुछ सियासी लोग ,, इसे राजनीतिक तोर पर भुना रहे है , हिन्दू मुस्लिम करा रहे है , न्यूज़ चैनल कमा रहे है , पत्रकार पद्मश्री सहित कई एवार्ड उठा रहे है तो सियासी नेता , हिन्दू मुस्लिम के नाम पर चुनाव् करा रहे है ,चुनाव  जीत रहे है , चुनाव हरा रहे है , इस नफरत की खरपतवार को , वट वृक्ष बनाने के पीछे सिर्फ एक सियासी पार्टी नहीं , सिर्फ एक व्यक्ति नहीं , हम सब इसमें शामिल है , हमारे देश की सभी पार्टियां , प्रधानमंत्री , राष्ट्रपति , पूर्व प्रधानमंत्री , इंसाफ के पुजारी , में , आप सभी तो शामिल है ,.  अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा है , सात साल के इस नफरत के वृक्ष को काट डालो , इस  नफरत की खरपतवार को , उखाड़ फेंको , चुनाव को हिन्दू , मुस्लिम , नफरत मत बनाओ , चुनाव को राष्ट्रिय धर्म का मुद्दा बनाओ ,भूख ,गरीबी , रोज़गार , तरक़्क़ी , इन्साफ , भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के मुद्दों पर देश की सरकार बनाओ , जो इन मुद्दों पर खरा उतरे , उसे लाओ , कभी बाबा रामदेव , कभी अन्ना हज़ारे , तो कभी मंदिर ,तो कभी मस्जिद , तो कभी किसी नेता की हत्या के बाद ,सहानुभूति की लहर , कभी बाहरी हमले की शहादत , ,हो गए यह मुद्दे बहुत , अब ओरिजनल राष्ट्रवाद के तहत , वोटर बनकर , ईमानदारी से , राष्ट्रहित की सरकार चुनो  , जो लोग नफरत फैलाते है ,उनका बहिष्कार करो , उन्हें समझाओ , आईएम भटकजनों ,,,,मुख्य ओरिजनल राष्ट्रिय धारा में लाओ ,
भारत में महाभारत का अभिमन्यु  का क़िस्सा  ,,,  इस्लाम में यज़ीद का मैदान ऐ क़र्बला   की  दर्दनाक दास्ताँ ,  हिन्दू भी  जानता है , मुस्लिम   भी  जानता है और ऐसे अधर्मियों  के अंत को भी सभी ने जाना  है  ,लेकिन फिर भी ,  अधर्मी लोग ,आज भी इस तरह की हरकतें हमारे देश में , कर रहे है , और भटकजन  ,  वही हस्तिनापुर से बंधे होने का विचार बनाकर ,गलत को ,गलत नहीं कह पा रहे है , उनका भी अंत ,  दर्दनाक हुआ निश्चित है , क्योंकि धर्म में , देर है  अंधेर नहीं ,,,   अल्लाह  ,खुदा ,भगवान ,  ईश्वर  की लाठी में , आवाज़  नहीं  होती ,  सिर्फ तबाही , तबाही होती है , राज छीन  जाते है ,  लोग सड़कों पर आ जाते है   ,  बिमारियों से , तकलीफों से ऐसे लोग , तड़प  तड़प कर   आखिरी वक़्त में  तोबा करते देखे जाते है ,,,, जी   हाँ दोस्तों ,, मोबलिन्चिंग ,  हिंसा , घेर कर निहत्थे के साथ हिंसा , या उसकी हत्या , हिन्दू हो , चाहे मुस्लिम हो , सभी धर्मों के धर्मग्रंथ गवाह है , इतिहास गवाह है , के ऐसे नपुंसक हत्यारों का नामो निशान खत्म है , और ऐसे हत्यारों के समर्थक , या फिर ऐसी अधर्मी हिंसा पर खामोश बैठे ज़िम्मेदारों की  तबाही ,  अपमानकारी मौतों को भी धर्मग्रंथों ने खुलासा किया है , यह तो अलग बात है , लेकिन पिछले , तीस सालों के इतिहास में , इक्का और दुक्का , सिर्फ इतना ही , इन अपवादों को छोड़ दो , तो ऐसी हिंसाओं के समर्थक , या फिर उस पर खामोश रहने वालों की सियासी उपेक्षा , उनके अव्वलीन शीर्ष स्तर से उतर कर कोनों में बिठा देने , अलग थलग कर देने  की सच्चाई को देश देख रहा है , कुछ लोग , शीर्ष सम्मान से उतर कर ,  ज़मीन पर पढ़े है , और फिर से , उस सम्मान को पाने के लिए फड़फड़ा रहे है , लेकिन उन पर क़ुदरत की मार है वोह आज भी सार्वजनिक रूप से बेइज़्ज़त है , अपमानित है , तो  देश के मोबलीचरों ,  देश के नपुंसक भीड़ में शामिल निहत्थों पर हमला करने वाले , नपुंसकों ,, सुन लो , तुम्हारा आखरी वक़्त  भी बुरा , बहुत बुरा होगा , अगर तुम हिन्दू हो ,, तो तुम अभिमन्यु की मोबलिन्चिंग , उसकी नृशंस हत्या , फिर उन हत्यारों का अंजाम सोच लो ,, इतिहास में उनके मिट जाने से सबक़ हांसिल करो ,,  अगर तुम मुसलमान हो , तो मैदान ऐ कर्बला में , हुसैन  ,असगर , उनके , निहत्थे , भूखे , प्यासे , परिवार की यज़ीद उसके सर्मथकों द्वारा की गयी , मोबलिन्चिंग ,  की  निर्दयता ,, और फिर यज़ीद उसके समर्थकों का इतिहास , उनके मिट जाने की सच्चाई जान लो ,, कोई भी धर्म , हिन्दू हो ,, मुसलमान हो , निहत्थे को घेर कर , हिजड़ों की तरह से , उस पर हमले की इजाज़त नहीं देता , हर धर्म के अपने क़ानून हैं,,और जब सभी धर्मों ने मिलकर , एक संविधान , एक क़ानून , सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर लिया हो , अंगीकार कर लिया हो , तो फिर हमे उस  संविधान , उस क़ानून की मर्यादाओं का पालन करना चाहिए , गलत है , उसे पुलिस के हवाले करो , क़ानून हाथ में मत लो  नपुंसक भीड़  वालों , हिजड़े जैसा सामूहिक व्यवहार करने वालों ,  ज़रा सोचो , तुम , या तुम्हारे परिवार का कोई निहत्थे पर इस तरह का वार हो , तो क्या तुम विडियो बनाओगे , क्या तुम इसे मनोरंजन का खेल समझोगे , क्या तुम इसे बहादुरी के क़िस्से मानकर ,ऐसे अधर्मी कृत्य करने वालों को , धर्म का नेता स्वीकार करने दोगे ,  अगर नहीं तो फिर तुम इस तरह की हिंसक नफरत से बचो , वरना तुम्हारा नामो निशाँ भी ना बचेगा दस्तानों में , महाभारत का इतिहास है , एक अभिमन्यु को , निहत्थे अभिमन्यु को , कौरवों ने , घेर कर , बेरहमी से टुकड़े टुकड़े कर , मार दिया ,, ना युद्ध निति , ना रिश्ते नाते , ना धर्म , सिर्फ हत्या , हत्या , मोबलिन्चिंग , कौरवों के समर्थक , बढे बढे योद्धा , हस्तिनापुर से बंधे हुए हैं , भटकजन जैसे जुमले के साथ , द्रोपदी के चीर हरण , अभिमन्यु की ,  धर्म के रास्ते पर चलने के कारण अधर्म के साथ , नृशंस  हत्या पर चुप रहे , भीष्म पितामह ,, दुर्योधन , कर्ण , गुरु द्रोणाचार्य , ना जाने कोन कोन योद्धा , इस मोबलिन्चिंग के बाद , कितनी बेरहमी , अपमानकारी मोत मरे है , सभी ने देखा है ,जाना है ,, यज़ीद ने मैदान ऐ क़र्बला में ,जिस तरह ,से तड़पा तड़पा कर , पानी के लिए तरसते, भूखे प्यासे , अल्लाह की राह छोड़कर , उसकी हाँ में हाँ नहीं मिलाये जाने,, धर्म के  रास्ते पर चलने का वचन निभाने  पर , महिलाओं , मासूमों ,बच्चों सहित बुज़ुर्गों को बेरहमी से , घेर कर , भूखे प्यासों का क़त्ले आम किया , इस मोबलिन्चिंग के बाद , यज़ीद का नामो निशाँन मिट गया ,,, अधर्मियों को सबक़ सिखाया गया ,, आज कमोबेश , हमारे देश में वोह हालत फिर लोट आये है  धर्म , अधर्म तो रोज़ , कहीं ना कहीं उदाहरण के रूप में देखने को मिलता है , कुछ लोग , गलत को गलत जानकर भी , कहते है , हम तो भटकजन है , हस्तिनापुर से बंधे है , ,लेकिन वोह नहीं जानते , के वोह लोग आखिर में हाशिये पर होंगे , वोह लोग , धर्म से जुड़े लोगों के , न्याय के आगे बेबस लाचार होंगे , कुर्सी के लिए तरसेंगे , इज़्ज़त के लिए तरसेंगे , रोज़ उनके मान ,सम्मान की हत्या होगी ,, जब गुरु द्रोणाचार्य , कर्ण , अश्व्थामा , ,दुर्योधन , भीष्म पितामाह , या जो कोई भी योद्धा रहा हो , वही लोग ,  गलत का साथ देने पर मिट गये , उस वक़्त मोबलिन्चिंग करने वालों ,,  को मटियामेट कर दिया गया , तो तुम ,  मुट्ठी भर लोग ,  तुम मुट्ठी भर अधर्मी ,तुम मुट्ठीभर भटकजन , जो देश के धर्म , देश के सिद्धांतों को तोड़ कर ,सड़कों पर ,गलियों में ,अपने अपने , धर्म के मोहल्ले ,गलियां बनाकर ,  निर्दोषों को , मोबलिन्च कर रहे हो , निहत्थे को घेर कर मार रहे हो , विडिओ बना रहे हो , विडिओ वायरल कर रहे हो , हाँ जो अधर्मी है , हाँ जो भटकजन है ,वोह ज़रूर तुम्हारी इन अधर्मी हरकतों का समर्थन करेंगे , तुम्हे कंधो पर बिठायेने , लेकिन एक दिन जब धर्म की लाठी चलेगी , तब , न्याय का लट्ठ चलेगा , तब तुम सब मटियामेट हो जाओगे , तो सुन लो ,   हिन्दुओं के धर्म मज़हब को ,  अधर्मी तरीके से , हिंसा भड़का कर ,बदनाम करने की साज़िश करने वाले , राजनितिक हिन्दुओं ,सुनलो , मज़हब  के नाम पर , हिंसा भड़का कर , इस्लाम को बदनाम करने की साज़िश करने वाले , गैर इस्लामिक मुसलमान के चेहरे वालों , तुम नहीं सुधरे , तो क़ुदरत तुम्हे सुधार देगी ,  इतिहास की तरफ देखो , और खुद को बदल लो , खुद को सुधार लो , गलत है तो गलत है , अगर कोई गलत करता हुआ दिखे तो , उसे क़ानून के तहत , जेल भिजवाओ , सज़ा दिलवाएं ,,  क़ानून हाथ में लेकर,   हीजड़ों की तरह , तालियां बजा बजा कर ,विडिओ बना बना कर , निहत्थे ,  लोगों को  ,  पीटो मत , मारो मत , हत्याएं मत करो ,  घसीटों मत ,  उन पर रहम करो ,, यह देश ना तेरा है न मेरा है , यह देश हम सब का है , यहाँ ना तेरा शासन , ना मेरा शासन है , यहां क़ानून का शासन है ,  क़ानून का शासन  है  ,,  अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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