सूरए अल काफिरून मक्का या मदीना में नाजि़र हुआ और उसकी छः (6) आयतें हैं
(ऐ रसूल) तुम कह दो कि ऐ काफिरों (1)
तुम जिन चीज़ों को पूजते हो, मैं उनको नहीं पूजता (2)
और जिस (ख़ुदा) की मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत नहीं करते (3)
और जिन्हें तुम पूजते हो मैं उनका पूजने वाला नहीं (4)
और जिसकी मैं इबादत करता हूँ उसकी तुम इबादत करने वाले नहीं (5)
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन (6
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2021
तुम्हारे लिए तुम्हारा दीन मेरे लिए मेरा दीन
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