और बदबख़्त उससे पहलू तही करेगा (11)
जो (क़यामत में) बड़ी (तेज़) आग में दाखि़ल होगा (12)
फिर न वहाँ मरेगा ही न जीयेगा (13)
वह यक़ीनन मुराद दिली को पहुँचा जो (शिर्क से) पाक हो (14)
और अपने परवरदिगार का जि़क्र करता और नमाज़ पढ़ता रहा (15)
मगर तुम लोग दुनियावी जि़न्दगी को तरजीह देते हो (16)
हालाकि आख़ोरत कहीं बेहतर और देर पा है (17)
बेशक यही बात अगले सहीफ़ों (18)
इबराहीम और मूसा के सहीफ़ों में भी है (19)
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अगस्त 2021
फिर न वहाँ मरेगा ही न जीयेगा
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