बेशक जो लोग ईमान लाए और अच्छे काम करते रहे उनके लिए वह बाग़ात हैं जिनके नीचे नहरें जारी हैं यही तो बड़ी कामयाबी है (11)
बेशक तुम्हारे परवरदिगार की पकड़ बहुत सख़्त है (12)
वही पहली दफ़ा पैदा करता है और वही दोबारा (क़यामत में जि़न्दा) करेगा (13)
और वही बड़ा बख़्शने वाला मोहब्बत करने वाला है (14)
अर्ष का मालिक बड़ा आलीशान है (15)
जो चाहता है करता है (16)
क्या तुम्हारे पास लशकरों की ख़बर पहुँची है (17)
(यानि) फिरआऊन व समूद की (ज़रूर पहुँची है) (18)
मगर कुफ़्फ़ार तो झुठलाने ही (की फि़क्र) में हैं (19)
और ख़ुदा उनको पीछे से घेरे हुए है (ये झुठलाने के क़ाबिल नहीं) (20)
बल्कि ये तो क़ुरान मजीद है (21)
जो लौहे महफूज़ में लिखा हुआ है (22)
सूरए अल बुरूज ख़त्म
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