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21 जुलाई 2021

चुनावी रैली के वक़्त , रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर के विरुद्ध लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के अपराध में दर्ज मुक़दमे , का तीन साल के बाद भी कोई नतीजा पेश नहीं हुआ

 चुनावी रैली के वक़्त , रामगंजमंडी विधायक मदन दिलावर के विरुद्ध  लोकप्रतिनिधित्व अधिनियम के अपराध में दर्ज मुक़दमे , का तीन साल के बाद भी कोई नतीजा पेश नहीं हुआ ,,,  जाँच में अधिकारीयों की ढीलम पोल ,, उस वक़्त के कांग्रेस प्रत्याक्षी , पर्यवेक्षकों की चुप्पी इस मामले में संदिग्ध ,,
कांग्रेस सरकार में बैठे कुछ पुलिस अधिकारीयों , कुछ अधिकारीयों की या तो , भाजपा विधायक मदन दिलावर से सांठ गाँठ है , या फिर वोह उनसे डरे हुए है , यही वजह है , के मदन दिलावर के खिलाफ विधानसभा  चुनाव में ,, साम्प्रदायिक वेमन्सयता भड़का कर , वोट मांगने , चुनाव आचार संहिता के उलंग्घन मामले में , अब तक कोई नतीजा रिपोर्ट नहीं आयी है , ना ही कोई कारगर कार्यवाही हो पायी है ,,
भाजपा प्रत्याक्षी के रूप में ,, मदन दिलावर ने जब ,   कोटा रामगंजमंडी विधानसभा से चुनाव लढा , तब उनके खिलाफ चुनाव रैली कै दौरान , चुनाव रैली की स्वीकृति की शर्तों का उलंग्घन करने के मामले में कार्यवाही की मांग को लेकर , सी डी सहित ,16 नवंबर 2018 को रामगंजमंडी कोटा ग्रामीण तत्कालिक  थानाधिकारी ने , निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर , कार्यवाही की मांग की थी , उक्त शिकायत पर निर्वाचन अधिकारी ने जाँच शुरू की , ,कुछ बयानात ,लिए  कुछ गोल मोल बयान थे ,, कुछ बयानों में लापरवाही भरे बयानों के स्वीकृत तथ्य थे , जाँच के दौरान , चुनाव की सी  डी  की एफ एस टी अवलोकन हुआ ,, ,लेकिन ट्रांस स्क्रिप्ट तय्यार नहीं हो पायी ,, तात्कालिक थानाधिकारी रामगंज मंडी कोटा ग्रामीण की लिखित रिपोर्ट दिनांकित 21 नवंबर 2018 पर , कोटा रामगंजमंडी पुलिस ने , मदन दिलावर , डी जे साउंड   मालिक  ,प्रकाश चंद और ज्ञात , अज्ञात व्यक्तियों के विरुद्ध ,  दर्ज एफ आई आर   499 / 2021 लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 125 , एवं 153 क ,  188 आई पी   सी  का संज्ञेय   अपराध प्रथम दृष्टया माना गया ,, पुलिस इस मामले में , जाँच की भूल  भुलय्या में उलझी रहे और , रामगंजमंडी चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा के बाद , मदन दिलावर के विधायक निर्वाचित होने पर , विधिक प्रावधान के तहत , जांच सी आई डी सी बी को सौंपी गयी , ताज्जुब देखिये इस मामले में ,जाँच के दौरान खुद कोटा जिला कलेक्टर , निर्वाचन विभाग , राज्य निर्वाचन विभाग ने , अधीनस्थ निर्वाचन अधिकरियों को लगातार स्मरण पत्र लिखे लेकिन उन्होंने स्थिति स्पष्ट नहीं की , सी डी  , विडिओ , पुलिस की विडिओ रिकॉर्डिंग पेश  नहीं की , उलटे , रिकॉर्डिंग सही नहीं है , रिकॉर्डिंग साफ सुनाई नहीं दे रही है , विडिओ नहीं है वगेरा वगेरा की बहाने बाज़ी करते रहे ,,, एफ आई आर दर्ज होने के बाद , ट्रांस्क्रिप्ट तय्यार की गयी ,,   कुल  19 क्लिप देखी गयीं ,   एक  क्लिप ,13 ,मिनट 31 सेकंड की  ,  गलती से बन जाना   प्रतीत होना मानी गयी  , ट्रांस्क्रिप्ट तैयार हुई ,,  और गोल मोल भाषा में , अधिशासी  अधिकारी नगर पालिका रामगंजमंडी , राजू  लाल मीणा , राधेश्याम मीणा , तहसीलदार , तहसील रामगंजमंडी , सुनील वर्मा विकास अधिकारी पंचायत समिति खैराबाद ले उक्त रिपोर्ट पर हस्ताक्षर है , ट्रांस्क्रिप्ट में , बढ़ी चालाकी से , एस एफ टी कैमरे की ट्रांस्क्रिप्ट , और वी एस टी की सी डी ट्रांस्क्रिप्ट में दोनों में अलग अलग , दो बार  ,,, इसके अलावा भी अन्य गाने बज रहे थे , लेकिन उनकी आवाज़ स्प्टष्ट नहीं है ,,  विशेष तोर पर लिखा गया है ,, इतना  ही नहीं , फौजदारी मुक़दमे की जांच के लिए , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सी आई डी  सी बी रेंज ने जब मुक़दमे की जाँच संबंधित आवश्यक दस्तावेज , सी डी वगेरा चाहिए तो निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी ने , एक हफ्ते की लगभग देरी के बाद , वीडियो ग्राफ़ी की सी डी कोषाधिकारी के समक्ष जमा कराने का लिख कर पल्ला झाड़ लिया ,, और उप कोषाधिकारी रामगंजमंडी का भी हवाला दिया गया ,, एक अन्य जवाब पत्र में , उप खंड अधिकारी ने लिखा  के इस मामले में , पुलिस द्वारा मुक़दमा दर्ज होने से ,कार्यालय द्वारा अग्रिम कार्यवाही नहीं की गयी ,, इसके अलावा कोटा कलेक्टर जिला निर्वाचन अधिकारी की तरफ से , दिनांक 14 नवंबर 2018  की रैली में , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक द्वारा चाही गयी , कर्मचारियों की सूचि , उनके मोबाईल नंबर मांगने पर , अपर्याप्त रिपोर्ट होने के कारण 12 फरवरी 2019 को रिटर्निंग अधिकारी रामगंजमंडी को पत्र लिखा , फिर मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पर्याप्त सुचना नहीं पहुंचवाने के मामले में , कोटा जिला कलेक्टर ने फिर सभी संबंधित लोगों को ,13 मार्च 2019 को स्मरण पत्र लिखा ,, कोटा कलेक्टर निर्वाचन अधिकारी के लगातार पत्रों के बाद भी इस मामले में , अधिकारीयों की ढील पोल अक्षम्य अपराध है , इतना ही नहीं इस मामले में कोटा के दुलीचंद बोरदा निवासी केशवपुरा , कॉमरेड अब्दुल वहीद ,, एडवोकेट ब्रह्ममनन्द शर्मा ने , कोटा जिला कलेक्टर को इस मामले ,में साम्प्रदायिक वैमनस्य भड़काने , चुनाव अचार संहिता के उलंग्घन पर , प्रार्थमिक साक्ष्य होने पर , उनकी सदस्य्ता से निर्योग्य घोषित करने का ज्ञापन दिया , जिसकी प्रति , मुख्य निर्वाचन अधिकारी , राष्ट्रपति ,माननीय मुख्यमंत्री महोदय को भी भेजी गयी , उक्त ज्ञापन पर क्या कार्यवाही ,, क्या जांच हुई , अभी तक ज्ञापन देने वालों को कोई जानकारी नहीं मिली है ,,, इस  मामले में , वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान की घटना को लगभग तीन वर्ष होने को आये , लेकिन सी आई डी सी बी , कोई ठोस अनुसंधान नहीं कर पाई है ,, ,कोई तथ्य नहीं जुटा पाई है , सभी जानते है , सी डी , विडिओ ग्राफ़ी , कुछ समय बाद ही धूमिल हो जाती है ,, आवाज़ खराब हो जाती है , ट्रांस्क्रिप्ट , आई टी प्रमाणपत्र के बगैर  उपयोगी नहीं होती ,  जबकि , सुप्रीम कोर्ट , राजस्थान हाईकोर्ट का स्प्टष्ट निर्देश है के ,अगर चुनाव के वक़्त , समप्र्दायिक वैमनस्य भड़काने , या धार्मिक आधार पर वोट मांगे जाते है , तो ,  ऐसे प्रमाण स्पष्ट होने पर , चुनाव रद्द किया जा सकता है , ,कोटा के एडवोकेट जगदीश ठाडा के कोटा विधानसभा के कोटा प्रत्याक्षी होने के वक़्त , पूर्व मंत्री स्वर्गीय ललित किशोर चतुर्वेदी पर , पर्चे बाँट कर साम्प्रदायिक आधार पर वोट मांगने का आरोप था , तो राजस्थान हाईकोर्ट ने , ललित चतुर्वेदी की निर्वाचित सदस्य्ता पर , स्थगन देते हुए , उनके विधानसभा की कार्यवाही में शामिल होने ,वेतन , भत्तों पर रोक लगा दी थी ,,, ऐसे कई और स्पष्ट फैसले भी अलग अलग मामलो  में है , लेकिन ताज्जुब है , कांग्रेस के प्रत्याक्षी रामगोपाल बैरवा ने , इस मुद्दे पर कोई ठोस कार्यवाही तो क्या  , एक बयान , एक पत्र , एक शिकायत तक नहीं लिखी , चुनाव के लिए  कांग्रेस के प्रभारी , कांग्रेस के जिला अध्यक्ष , केंद्रीय सह प्रभारी , प्रभारी ,  और राजस्थान प्रदेश  कांग्रेस  के ,  तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलेट ,  प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कोटा देहात के प्रदेश प्रभारियों ने , इस गंभीर घटना , गंभीर कार्यवाही ,  जो  निर्वाचित विधायक , मदन दिलावर को , उनकी विधानसभा सदस्य्ता से , निर्योग्य घोषित करवाने के लिए काफी है ,, फिर भी उक्त लोगों ने  कोई  कार्यवाही नहीं की  ,, मदन दिलावर के खिलाफ ,, यूँ तो कई मामले दर्ज है ,, कुछ मामलों में हाईकोर्ट से स्थगन है  ,  तो कुछ  अनावश्यक अनर्गल बयान बाजियों पर ,  कोई मुक़दमे  की कार्यवाही भी  नहीं हुई  ,,  ऐसे में ,  कुछ  लोग  है , जो मदन दिलावर की हर हरकत पर उनके खिलाफ बोलने से या तो डरते है  , या अधिकारी जाँच करने में , ढीलम  पोल  करते है , कुछ  कांग्रेस के लोग भी , कांग्रेस के प्रति सम्पर्पित होकर , निर्वाचन की निष्पक्ष ज़िम्मेदारी के उलंग्घन के बाद ,भी  कांग्रेस प्रत्याक्षी के रूप में , कांग्रेस पर्यवेक्षक , के रूप में , कांग्रेस प्रभारी के रूप में , कांग्रेस  देहात जिला अध्यक्ष के रूप में , प्रदेश , ,राष्ट्रिय प्रभारी के रूप  में ,  तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष के रूप में , खामोश रहे  है , उन्होंने अपनी  ज़िम्मेदारियों का निर्वहन नहीं किया है , लेकिन तीन सालों से पेंडिंग चल रही जांच में , ऐसे वैमनस्य भड़काने के आरोपों की जाँच   पूरी की जाकर , जो भी नतीजा हो , वोह आम जनता के सामने तो आना ही चाहिए , और ऐसे में , जो अधिकारी , आनाकानी करने वाले , सबूत वक़्त पर उपलब्ध नहीं   कराने वाले , रैली में ,  आत्मविश्वास के साथ ,  निष्पक्ष ड्यूटी  की जगह  ,, मुझे सुनाई नहीं दिए , लापरवाही भरे जवाब देने वाले अधिकारीयों के खिलाफ भी सख्त कार्यवाही होना चाहिए ,,,  के डी  अब्बासी ,,

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