माशाअल्लाह , अल्लाह का शुक्र है , उस्तादों के उस्ताद , राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक , हाजी असगर अली ,, स्वर्ण जयंती वर्ष , 75 साल में प्रवेश कर गए है , उन्हें उनके इस जन्म दिन पर , खुशहाली , कामयाबी , सह्तयाबी ,, उम्रदराज़ी की बेशुमार दुआओं , के साथ मुबारकबाद , बधाई ,, जी हाँ दोस्तों , हाजी असगर अली , यूँ तो किसी पहचान के मोहताज नहीं ,, पढ़ो ,पढ़ो , शिक्षा ही धन है ,, शिक्षा ही जीवन है , के बिंदास नारे के साथ , कोटा शहर के अलग अलग स्कूलों में ,छात्र ,,छात्राओं को एक बहतर शिक्षक के रूप में , शिक्षा देने वाले , हाजी असगर अली आज उस्तादों के उस्ताद इसलिए है , के इनके पढ़ाये हुए , छात्र , छात्राये ,खुद भी आज , उस्ताद हो गए है , कुछ बढे नामचीन व्यापारी है , तो कुछ अधिकारी तो कुछ महत्वपूर्ण पदों पर , लोगों के दुखदर्द बाँट रहे है ,, हाजी असगर अली ने , इनके अध्यापन कार्यकाल में , शैक्षणिक कार्य को , व्यापारिक दृष्टि , नौकरी की दृष्टि से नहीं देखा , इनकी कोशिश थी के इनके छात्र छात्राये , देश का भविष्य बने , इनके आचरण से समाज , देश को सुख , शांति , विकास , रोज़गारोन्मुखी योजनाए मिले ,, हाजी असगर अली ने , इनके शैक्षणिक कार्यकाल में ,कभी ट्यूशन नहीं ली , कभी किसी भी छात्र , छात्र को व्यवसायीकरण के तहत , रूपये लेकर पढ़ाने का पाप नहीं किया , इसीलिए आज भी वक़्त पढ़ने पर कई छात्र , इनके समक्ष , एकलव्य बनकर , अपना अंगूठा तक बलिदान करने को तय्यार मिलते है , जबकि इनके पढ़ाये हुए कई छात्र आज भी अर्जुन की तरह ,, अपने लक्ष्य पर तीर का निशाना लगाकर कामयाब बने बैठे है ,, हाजी असगर अली ने ,शैक्षणिक कार्यक्रम को उबाऊ नहीं बनाया , इन्होने ,, छात्र छात्राओं को ,अनुशसान के चलते , कभी हंसाया , कभी तपाया , कभी होमवर्क नहीं करने पर , फिर से होमवर्क करने का उत्सावर्धन किया , मोहब्बत का पैगाम दिया , मुश्किलों में संघर्ष की सीख दी , खेल खेल में पढ़ाई को कैसे कामयाब बनाये , इसके टिप्स भी दिए , इसलिए हाजी असगर अली ने , स्कूली बच्चों के लिए शिक्षा को , खेल से जोड़ा , व्यायाम से जोड़ा , तो अनुशासन से जोड़कर ,बाल मेले के दिन ,, अनुशासित तरीके से ,, रोज़गारोन्मुखी योजनाओं का प्रशिक्षण दिया ,जबकि खेल कूद , ,प्रतियोगिताओं में भी , इनके छात्र प्रतिभावान अव्वल रहे ,, ऐसे शिक्षक , ऐसे गुरु हाजी असगर अली के स्वर्ण जयंती 75 वे जन्म दिन पर आज ,उनके पुराने स्टूडेंट ,, खुशियों से सरोबार है ,और उन्हें बधाइयां ,दे रहे है , उनकी कामयाबी , लम्बी उम्र की दुआएं कर रहे है ,, अनुशासन के प्रति कड़क , छात्रों की शिक्षा व्यवस्था में अनुशासित , लेकिन छात्रों की समस्या के समाधान में हमेशा दोस्त बनकर , एक संरक्षक बनकर सीना तानकर खड़े रहने वाले , हाजी असगर अली को , उनकी बहतरीन शैक्षणिक व्यवस्था के लिए यूँ तो , सैकड़ों संस्थाओं ने , अव्वल दर्जे के पुरस्कार दिए है ,, अनेकों बार जिला प्रशासन ने , स्वतंत्रता दिवस , गणतंत्र दिवस के जिला कार्यक्रमों में पीठ थपथपा कर , पुरस्कृत किया है ,जबकि , इनके लगातार अनुकरणीय शैक्षणिक कार्यों के सकारात्मक परिणामों के चलते , इन्हे राजस्थान सरकर द्वारा राज्य स्तरीय पुरस्कार के लिए चयनित किया ,और महामहिम राजयपाल महोदय ने इन्हे राज्य स्तर के शिक्षा पुरस्कार से नवाज़िश कर इनकी हौसला अफ़ज़ाई की , यारों के यार , दोस्तों के दोस्त , हम उम्र में बढे , छोटों में , छोटे ,, सभी के साथ हिलमिल कर रहने वाले , हाजी असगर अली ,, के ईमानदाराना शैक्षणिक कार्यकाल का , अनुकरणीय इतिहास है ,,, स्कूली शिक्षा में प्रधानाध्यापक पद से सेवानिवृत्ति के बाद , हाजी असगर अली , समाजसेवा कार्यक्रमों से जुड़ गए है , ,वोह हर समाजसेवा कार्यक्रम , चाहे रक्तदान शिविर हो , चाहे सेवा कार्यों के लिए कोई कार्यक्रम हो , अव्वल नज़र आते है , ,लोगों के दुःख दर्द में बंद मुट्ठी से , उनके हर तरह से तन , मन धन के साथ मददगार होते है , हाजी असगर अली शिक्षक संघ के सक्रिय नेतृत्व भी रहे है , जबकि राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक संघ के यह वर्तमान पदाधिकारी हैं , पेंशनर्स की समस्याओं के समाधान के लिए यह अव्व्वल रहते है , सेवानिवृत शिक्षकों के संगठन में भी यह सक्रिय पदाधिकारी है , हाजी असगर अली को , सभी संस्थाओं द्वारा , इनके सेवाकार्यों के लिए पुरस्कृत किया जाता रहा है ,, इनके पुत्र शाहनवाज़ , कांग्रेस के युवा आई कोन ,, समाजसेवी है, जबकि इनके छोटे भाई , क़य्यूम अली ,, वरिष्ठ पत्रकार , दैनिक कोटा ब्यूरों के सम्पादक है ,,,,, हाजी असगर अली स्वर्ण रजत जयंती जन्म दिवस ,, सादगी , सेवा भाव के साथ मना रहे है , उन्हें उनके निवास पर , समाजसेवक , शिक्षक संघ के नेता , सियासी पार्टियों के नेता , उनके रिश्तेदार सहित सभी ,, उन्हें लम्बी उम्र दराज़ी , सह्तयाबी , कामयाबी , की दुआओं के साथ ,, मुबारकबाद ,, बधाइयां दे रहे है , हाजी असगर अली को , बेस्ट शिक्षक के रूप में , अपनी ज़िंदगी को हवन करने , एक शिक्षक बनकर , देश के चरित्र निर्माण में , छात्र छात्राओं को बेहतर भविष्य की तरफ , हौसला अफ़ज़ाई के साथ , कामयाब बनाने के लिए दिली मुबारकबाद ,, बधाई ,, अख्तर खान अकेला कोटा
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 जुलाई 2021
माशाअल्लाह , अल्लाह का शुक्र है , उस्तादों के उस्ताद , राज्य स्तरीय पुरस्कृत शिक्षक , हाजी असगर अली ,, स्वर्ण जयंती वर्ष , 75 साल में प्रवेश कर गए है
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