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17 जून 2021

आर्य उप प्रतिनिधि सभा ,, कोटा संभाग के अध्यक्ष , अर्जुन देव चड्डा के नेतृत्व में ,आर्य समाज के सभी पदाधिकारी कोटा संभाग में , घर घर जाकर , सेवा कार्यक्रम में जुटे है ,

 आर्य उप प्रतिनिधि सभा ,, कोटा संभाग के अध्यक्ष , अर्जुन देव चड्डा के नेतृत्व में ,आर्य समाज के सभी पदाधिकारी कोटा संभाग में , घर घर जाकर , सेवा कार्यक्रम में जुटे है , इस सेवा कार्यक्रम के तहत , घर घर ज़रूरत के सामान , परिंदों को पानी , गांय , वगेरा को चारा सहित कई , समाज सेवी योजनाओं को नियमित क्रियान्वित करते हुए , एक रिकॉर्ड क़ायम किया गया है ,,, जी हाँ दोस्तों , सैकड़ों संस्थाओं से जुड़े , निर्विवाद श्रमिक नेता , लेखक ,पत्रकार , समाजसेवी ,, आर्य समाज व्यवस्था के तहत , वेदों के प्रचारक , भाई अर्जुन देव चड्डा यूँ तो किसी पहचान के मोहताज नहीं , बचपन से आज तक , आजतक , यानी 75 वर्ष से भी अधिक समय से , माशाअल्लाह एक चुस्त दुरुस्त नौजवान , की तरह से , मुस्कुराते हुए , हर शख्स के दुखदर्द में शामिल , भाई अर्जुन देव चड्डा ने खुद को सेवाभाव से , आकाश कर लिया है , वोह नियमित रूप से अपनी टीम के साथ , सुबह सवेरे से शाम तक , गांयों को चारा ,खिलाना  भूखे स्ट्रीट डॉग के खाने  पीने की व्यवस्था करना , पार्कों , चौराहों ,सहित सभी स्थानों पर , परिंदों के लिए , परिंडे ,  बाँध ,कर  , नियमित उनको पानी , दाने की व्यवस्था सनिश्चित करना , पेड़ लगाना , हरियाली को बचाना यह तो उनका काम है , लेकिन , हर बस्तियों में ,इनके साथियों के साथ , ज़रूरतमंदों को तलाशना , उनके दुःख दर्द का साथी बनना , बच्चे है तो ,उन्हें स्कूल के लिए शिक्षण सामग्री उपलब्ध कराना , उनकी फ़ीस की व्यवस्था करना , बस्ते ,, किताबों की व्यवस्था के साथ , यूनिफॉर्म , साक्षरता के प्रति मोटिवेशन करना , उनका उद्देश्य है , जबकि अस्पतालों में मरीज़ों की ज़रूरतें पूरी करना , दवाये , भोजन के पैकेट ,सहित आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराना , इनका नियमित कार्य है , हाल ही में , कोरोना आपदा , के चलते , गत कोरोना काल में , अर्जुन देव चड्डा के नेतृत्व में , आर्यसमाज सहित अन्य समाजसेवी संस्थाओं के ज़रिये , घर घर जाकर , सो दिन तक लगातार , खाने के पैकेट , सहित दवाये , सेनेटाइज़र्स , मास्क , वगेरा वितरित कर एक रिकॉर्ड क़ायम किया गया था , अर्जुन देव चड्डा , श्रीराम फर्टिलाइज़र्स फैक्ट्री के , लगातार श्रमिक संघ के अध्यक्ष , संरक्षक रहे है ,और देश के यह किसी उद्योग में , पहले ऐसे श्रमिक नेता है , जिन्होंने , प्रबंधकों के खिलाफ हड़ताल , संघर्ष कर , उद्योग के उत्पादन को नुकसान पहुंचाए बगैर , प्रबंधकों को अपनी मुस्कुराहट , अपनी विनम्रता से , मज़दूरों का दुःख दर्द दिखाया ,, उनकी ज़रूरतें  याद दिलायीं , और देश के सभी उद्योगों से बेहतर , हर साल मज़दूरों को बोनस , कल्याणकारी सुविधाएँ , आकर्षक वेतनवृद्धि दिलवाकर , बेस्ट श्रमिक लीडर बनने का इतिहास बनाया है ,, कोई भी बुखार , बिमारी , महामारी हो , अर्जुन देव चड्डा , हर बिमारी के इलाज संबंधित , काढ़ा लेकर , घर घर ,चौराहे , बस्तियों सहित , हर वर्ग के लोगों में जाकर , जागरूकता कार्यक्रम के तहत , मुफ्त काढ़ा पिलाने का काम करते है , कोई से भी बिमारी , महामारी हो , उसके खिलाफ यह एक योद्धा बनकर मोर्चा संभालते है , पोलियो मुक्त कार्यक्रम का जागरूकता अभियान हो , चेचक का टीकाकरण अभियान हो ,, टी बी के खिलाफ अभियान हो , हर अभियान में , अर्जुन देव चड्डा , अर्जुन बनकर , अपना सेवाभावी , तीर कमान लेकर , मछली की आँख ,, टारगेट कर सेवा के लिए निकल पढ़ते है , एड्स के वक़्त ,  अर्जुन देव चड्डा , इनकी टीम , देह व्यापार वाले बस्तियों में जाकर , उन्हें गाइड लाइन समझाते , निरोध गुब्बारे बाँट कर  आते ,  जबकि बच्चों को ,  मीठी , मीठी चोकलेटें बाँट कर , उन्हें शिक्षा के प्रति जागरूक करते ,, और इसीलिए  अर्जुन देव चड्डा को ,,,  ,, चॉकलेट वाले बाबा ,, गुब्बारे वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता रहा है , हर साल वैदिक कार्यक्रमों से जुड़ कर , आर्यसमाज का प्रचार प्रसार करते है , लोगों में वेदों के ज्ञान के प्रति साक्षरता का भाव जाग्रत हो ,,  इसलिए यह हर वर्ग , के प्रतिष्ठित लोगों को कार्य्रकम आयोजित कर , वेदों की प्रतियां , वितरित कर , वैदिक संस्कृति के प्रति , आकर्षक साक्षरता कार्यक्रम चलाते है ,, अर्जुन देव् चड्डा कहते है , क्या हिन्दू , क्या मुसलमान , क्या गरीब , क्या अमीर , सभी को तो ऊपर जाना है ,, दुःख तकलीफ सभी को उठाना है ,, भगवान एक है , ऐसे में हमे आपस में नफरत फैलाकर , एक दूसरे के खिलाफ ,हिंसा भड़काने , या वातावरण  बिगाड़ने का हक़ नहीं ,, खुलूस , मोहब्बत , रोतों हुओं को हंसाना , पीड़ितों की मदद करना , ज़रूरत मंदों  की ज़रूरतें पूरी , करना यही धर्म है , यही सेवा है , यही प्रार्थना , यही इबादत , यही अज़ान , यही भजन कीर्तन है  ,,  इसलिए मानवधर्म ही सच्ची इबादत है , वोह कहते है , जिसने यह सब  कर लिया  , मानो  तीरथ , लाखों हज यात्रायें कर लीं , अर्जुन देव चड्डा इसीलिए , हर समाजसेवी कार्यक्रम , क़ौमी एकता को ध्यान में रखते हुए , हर वर्ग , हर बस्ती , हर क्षेत्र में , पीड़ितों  की पीड़ा देखकर करते है ,, अर्जुन देव चड्डा , मुस्कुराते है , विनम्र लहजे में , अपने लेखों को प्रकाशन करने के लिए देते है , यह आर्यवर्त्त , आर्य समाज ,,की कई पत्र पत्रिकाओं के सम्पादक , लेखक होने के साथ , शहीद जगत , मैगज़ीन के प्रकाशक भी है , अर्जुन देव चड्डा कई साल तक कोटा प्रेस क्लब से जुड़े रहकर , प्रेस क्लब के सदस्यों के खिदमतगार भी रहे , हर साल चुनाव में , उनकी भूमिका तटस्थ रहकर , सहयोगी चुनाव अधिकारी के रूप में रही ,, हर साल उन्होंने , प्रेस क्लब सहित सभी संस्थाओं में , काढ़ा भी पिलाया ,  चिकित्सा शिविर भी लगवाए , अर्जुन देव चड्डा  के टिफिन में , जब भी यह खाना लेकर ,बाहर निकले तो ,हमेशा इनके टिफिन ,में  दो चार लोगों का अतिरिक्त खाना रहा ,है  और जब भी इनका टिफिन खुला ,तो आसपास जो भी मौजूद रहा , उसे विनम्र आग्रह के साथ , अपने साथ इन्होने खाना खिलाने की लगातार परम्परा बनाये रखी है ,, अर्जुन देव चड्डा ने , स्वाइन फ्ल्यू  ,,वाइरल , डेंगू  , कोरोना , एड्स , हेपॅटाइज़  ,सहित कोई भी असाध्य बीमारी हो , हमेशा खुद ने नेतृत्व कर , इस तरह की बिमारियों के खिलाफ , जंग का ऐलान किया और , सरकारी सिस्टम के आलावा , जागरूकता कार्यक्रम , दवाओं , आवश्यक सामग्रियों की मदद कार्यक्रम के ज़रिये , अर्जुन देव चड्डा के नेतृत्व में , हज़ारों हज़ार लोगों को हर बार फायदा मिला है , कई ज़िंदगियाँ बची है ,तो कई भूखों को , रोटी मिली है , कई ज़रूरतमंदों को ,, राशन सामग्री मिली है , कई बच्चों , बच्चियों को , स्कूल की फीस ,बस्ते , किताबें , मिली है , तो बुज़ुर्गों को , ट्राईसाईकिल , बैसाखियाँ मिली है , किसी की आँख का ऑपरेशन , किसी को मुफ्त दवाइयों से इलाज ,, हर शख्स की ज़रूरतें , मानवधर्म , सबसे बढ़ा धर्म के नारे के साथ इन्होने पूरी करने का सफलतम प्रयास किया है , कई बस्तियों में ,जब यह बार बार ,  ज़रूरत मंदों की मदद के लिए पहुंचते  है , तो इन्हे कोई कृष्ण का अर्जुन , तो कोई आज का मसीहा , तो कोई गरीबों का हमदर्द , तो कोई देवता , कोई मदद का फरिश्ता कहकर सम्बोधित करता है , ऐसे बहुमुखी प्रतिभा की सेवाभावी शख्सियत , अर्जुन देव चड्डा साहब को , उनकी सेवाओं के लिए , असंख्य ,, हज़ारों हज़ार , पुरस्कार मिले है , सम्मान मिले है ,, कई समारोह इनके सम्मान में हुए , और हालात यह रहे के इनके सेवा भावी स्वभाव के कारण , यह भारत के कई प्रांतो में तो अपने सेवा के जज़्बे को लेकर , सेवा करने गए ही सही , लेकिन विश्व के अलग अलग देशो में जाकर भी , इन्होने , भारत का यही पैगाम , सेवा भावी हो हर इन्सान ,, , सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा , मेरा भारत  महान ,, के नारों को बुलंद करने के लिए, अलग अलग राष्ट्रों में जाकर भी ,, अपनी सेवाओं को अंजाम दिया  है ,, इसीलिए कहते है , के यह वोह अर्जुन ना सही , लेकिन यह ,, यह अर्जुन ज़रूर हो गये है , के इनका टारगेट उस अर्जुन की मछली की आँख की तरह ,, लोगों की खिदमत करना , रोतों हुओं को हंसाना ,, पीड़ितों की मदद करना , बीमारों का इलाज करवाना ,, ही टारगेट है ,, मिशन है , और इसीलिए इनके तरकश में , आधुनिक अर्जुन की तरह , खिदमत , सेवभाव , ज़रूरतमंदों की मदद , राष्ट्रीयता के बाण भरे है , जो इनके गांडीव पर यह ,, हर ज़रूरत मंद की मदद का टारगेट कर , हर संकट के खिलाफ युद्ध करने के लिए , हमेशा तैयार रहने वाले आधुनिक अर्जुन , आधुनिक योद्धा है ,, अर्जुन देव चड्डा साहब को , उनके  इस सेवाभावी जज़्बे को सेल्यूट , सलाम ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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