जज़्बात हों , अरमान हों , यह सब , इस कोरोना गाइड लाइन के साथ भी , पारिवारिक माहौल में , सोशल डिस्टेंसिंग , कोरोना गाइड लाइन के साथ , हमे एन्जॉय करना सीखना होगा , और जन्म दिन जैसे जश्नों को हम, ज़ूम ऐप , जोमेटो वगेरा जैसे ऑन लाइन सिस्टम के ज़रिये जीवंत , मनोरंजक , खुशगवार बनाकर , अपनी खुशियां एक दूसरे के ,साथ ऑन लाइन पारिवारिक माहौल में ,अपने परिवार , अपने रिश्तेदारों के साथ बाँट सकते है , जी हाँ दोस्तों ,, बिटिया सदफ अख्तर , का जन्म दिन , परिवार में छोटी और , लाड़ली होने के कारण हर साल जश्न के साथ मनाया जाता रहा ,, दो साल से कोरोना लोकडाउन के कारण , सदफ अख्तर का कोटा में जन्म दिन का जश्न नहीं हो पा रहा था , इस बार , बेटी से , उसके जन्म दिन को खुशियों के साथ , जश्न के माहौल में मनाने का वायदा था , लेकिन फिर वही , कोरोना , फिर वही लोकडाउन , फिर वही ,, सोशल डिस्टेंसिंग की मजबूरियां , , एक ज़िले , एक राज्य से आवाजाही पर रोक ,, 31 मई को इस जन्म दिन को , सदफ अख्तर के लिए वायदे के मुताबिक़ , कैसे जश्न का माहौल दिया जाए ,दुविधाजनक ,था , ,सदफ अख्तर की एक बहन डॉक्टर जवेरिया को , छत्तीसगढ़ इंटर्न प्रेक्टिस के लिए जाना था , सो वोह छत्तीसगढ़ थी , वोह इस माहौल में आ नहीं सकती थी , एक भाई सॉफ्टवेयर इंजीनियर , इत्तिफ़ाक़ से ,, कोटा में ही , वर्क फ्रॉम होम में बिजी था ,, रिस्तेदार , टोंक , बूंदी , दिल्ली ,रायपुर ,, केनेडा ,, जयपुर सहित अलग अलग ज़िलों में मौजूद थे , सदफ अख्तर के मामा , मामी , खाला , खालू , फुप्पो , फुप्पा , कज़िन्स , की मौजूदगी में , कोटा के अलग मोहल्लों में रह रहे रिश्तेदारों के साथ , कैसे सेलेब्रेट किया जाए , इस पर चिंतन , मंथन था , सदफ अख्तर के भाई , शाहरुख खान ने , सॉफ्टवेयर इनिजिनियर होने से , ज़ूम एप्प पर ऑन लाइन मीटिंगों की तरह , , ऑन लाइन बर्थडे सेलेब्रेशन का संकल्प लिया ,बिटिया सदफ अख्तर को , इस मामले में , राज़ी किया गया , और बस ,, ज़ूम ऐप के दो मीटिंग आई डी बनाकर , केक काटने और बर्थडे सेलेब्रेशन का टाइम शाम साढ़े सात बजे का तय किया गया , तय समय में ,, बिटिया ,सदफ अख्तर के घर में ,पापा , मम्मी , दादी , भाई , और चाची , दो कज़िन्स थे , बाक़ी सब बूंदी , रायपुर , भिलाई ,, केनेडा ,दिल्ली , जयपुर , टोंक , इंदौर ,, झलावाड़ से साथ जुड़े , साथ ही ,, कुछ शुभचिंतक , मित्र जैसे सुभाष रटुरि वगेरा साथ जुड़े , वही केक काटने की ऑन लाइन रस्म , कमोबेश सभी के निवास पर , जोमेटो के ज़रिये , ऑन लाइन दावत के व्यंजनों की सप्न लाई , और सभी का दो अलग अलग ज़ूम मीटिंग ऐप के ज़रिये जुड़ना , हंसना , मुस्कुराना , केक काटना , मनोरजंन करना , गाने , गीत वगेरा के साथ , मौजमस्ती करना , यक़ीनन , जीवंत बर्थडे सेलिब्रेशन कार्यक्रम तो नहीं , लेकिन जीवंत बर्थडे , सेलिब्रेशन कार्य्रकम से कम भी नहीं था ,,, बस बिटिया सदफ के जन्म दिन को ,इस कोरोना ,संक्रमण की लोकडाउन पाबंदियों में भी , अल्लाह की महरबानी से ,, ऑन लाइन ज़ूम ऐप ,, ऑनलाइन जोमेटो सप्लाई ,वगेरा के माध्यम से , प्यार , मोहब्बत , खुलूस , हंसी मज़ाक़ , के साथ बतौर जश्न मनाकर ,, यक़ीनन ऐसा लगा , के ज़िंदगी में हम खुशिया तलाश करे तो , किसी भी लॉक्ड , पाबंदियों के माहौल में भी , अनलॉक कर , हम सिस्टम के विधि नियमों में रहकर भी , खुशियां , एक दूसरे के साथ बाँट सकते है , शायद ,, ज़ूम ऐप पर , वेबिनार की तरह ,से , , जन्म दिन का जश्न कार्यक्रम मनाने , और जोमेटो से , व्यंजन घर घर सप्लाई के साथ , खुशिया बांटकर ,खुशिया समेट कर जन्म दिन मंनाने का यह पहला मामला हो , शायद नहीं भी हो , लेकिन बेटी की खुशिया देखकर , बेटी की खशियों में , रिश्तेदार , मित्रों के शामिल होकर , खुशियां बांटने के इस कार्यकम को में तो सफल ही कहूंगा ,,, और दुसरे साथी लोग भी इस तरह के ऑन लाइन जश्न कार्यक्रमों के आयोजन का अनुकरण कर सकते है ,, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्था
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