आपका-अख्तर खान

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07 मई 2021

अल्लाह अज़ाब देता है , तो उसके साथ , माफ़ी , और तोबा के साथ , इलाज और शिफा अभी देता है ,, ,अल्लाह हर बार , हर साल , कुछ सालों में ,बंदों को , उनके साथ , प्रबंधन चलाने वाले हाकमों को , ईमान ,धर्म , मज़हब , इंसानियत की राह पर चलने के संकेत देता है

 अल्लाह अज़ाब देता है  , तो उसके साथ , माफ़ी , और तोबा के साथ , इलाज और शिफा अभी देता है ,, ,अल्लाह हर बार , हर साल , कुछ सालों में ,बंदों को , उनके साथ , प्रबंधन चलाने वाले हाकमों को , ईमान ,धर्म , मज़हब , इंसानियत की राह पर चलने के संकेत देता है , लेकिन अराजकता ,, इंसानियत के क़त्ल के चलते , हर बार , अल्लाह , हर शख्स को इम्तेहान में डालकर , उसके हाकिम की ,, लापरवाही ,, कुप्रबंध , देश की जनता के प्रति , सके लापरवाह क़दमों को उजागर करता है , बीमारियां नई नहीं है , पोलियो , प्लेग ,, कैंसर एड्स ,, कई तरह की बीमारियां आईं , उनके इलाज आये ,, लेकिन इलाज में , इलाज के तरीकों में , और फिर सरकारी प्रबंधनों में , लूट से भी क़ुदरत  नाराज़ होती है ,, में मेरे देश , मेरे हिंदुस्तान , मेरे भारत महान की बात कर रहा हूँ , यहां सरकारें , अपनी ज़िम्मेदारियों से भाग ,कर  संविधान में सरकार के कर्तव्य और , आम जनता के अधिकारों को छीन भिन्न कर रही है ,, कुछ सालों से , ,सरकारें  जिसमे सभी पार्टियां शामिल हैं , में सात साल की बात नहीं कर रहा ,, इसके पहले , की दूसरी सभी पार्टियों की सरकारों की भी बात कर रहा हूँ ,, सरकार के सिस्टम , में बैठे लोगों ,ने , चिकत्सा के नाम , पर शिक्षा के नाम पर , दवाओं के नाम पर , मेडिकल जांचों और  उपकरणों के नाम पर , निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए ,, एम पी ,, मंत्री , विधायक , वगेरा वगेरा की पार्टनरी में चल रहे , निजी स्कूल , निजी कॉलेज , मेडिकल  कॉलेज , नरसिंह कॉलेज ,, दवा की दुकाने , दवा की फैक्ट्रियां , चिकत्सा उपकरणों की फैक्ट्रियां , मेडिकल जांच की मशीने उत्पाद , मेडिकल जांच लेबोरेट्री , ,ब्लड बैंक , चिकित्सा , शिक्षा , परिवहन , पोस्टऑफिस डाक , व्यवस्थाएं , कोरियर सिस्टम , , बैंकिंग ,  इंश्योरेंस ,, टेलीफोन व्यवस्थाएं ,, वगेरा वगेरा ,, ,ना जाने कितनी , व्यवस्थाएं , सरकारी सिस्टम को बिगाड़ कर , निजी हाथों में दी हैं ,, हालात यह रहे ,,, के सरकारी स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था , ,स्कूलों का रखरखाव , पढ़ाई का पैटर्न , स्टेंडर्ड , जानबूझ कर , बिगाड़ा जाने लगा ,, डाक व्यवस्था कोरियर को बढ़ाने के लिए , जान बूझकर अव्यवस्थित की गयी  ,, बैंकिंग , इंश्योरेंस व्यवस्था , प्राइवेटाइज़ेशन के नाम पर बिगाड़ी गयी , जबकि ,, भारतीय दूर संचार व्यवस्था होते हुए , टू जी , से लेकर , फाइव जी तक , , भारतीय दूर संचार व्यवस्था को , बिगाड़ कर निजी कम्पनियाँ को जो बढ़ावा दिया है , ,देश से छुपा नहीं है ,, ,अस्पतालों की व्यवस्थाए देखिये , नामचीन डॉक्टर , बढे बढे अस्पताल , बढे बढे ऑपरेशन थियेटर , महंगी जांच मशीने ,, प्रशिक्षित नर्सिंग स्टाफ ,, सूक्ष्म जांच व्यवस्थाएं ,, ,  जेनरिक दवाओं का नियम , लेकिन  अस्पतालों की  मशीने जान बुझ कर खराब ,बेवजह एक्सरे , जांचें , सी टी सकें ,, हर डॉक्टर , की  प्राइवेट प्रेक्टिस ,, निजी अस्पतालों में विज़िट , ऑपरेशन ,, महंगी दवाओं की लिखने की परम्परा ,, मशीने खराब कर  ,, बाहर जांच करवाने के दबाव ने , इस सिस्टम को खत्म कर दिया , और देश को लूट का अखाड़ा बना दिया ,, कई सालों से , क़रीब ढाई दशक से ,,, ,हर बजट में , चिकित्सा , शिक्षा का बजट , कम , सुरक्षा के बजट में बढ़ोत्तरी ,, वोह तो पहले जब सुप्रीमकोर्ट में जनता के प्रति जवाबदार जज हुआ करते थे , तब , स्कूलों में ,मिड डे मिल ,, शिक्षा संवैधानिक अधिकार , चिकित्सा संवैधानिक अधिकार ,, बाल मज़दूरी उन्मुलन् आदेश सहित कुछ ऐसे आदेश हुए , जो सरकारें , दिखावा मात्र के लिए खानापूर्ति की कार्यवाही के लिए मजबूर हुए , आज हमारे पास बढे बढे मेडिकल कॉलेज है , सरकारी ज़मीनें है , जेनरिक दवाओं का फार्मूला है ,, जीवनदायी , सहित सभी तरह की दवाओं के लिए ,, मूल्य नियंत्रण अधिनियम है ,,,   ड्रग क़ानून है  ,,  ड्रग अधिकारी है ,, मूल्य नियंत्रण करने ,, कम माप तोल करने ,  अनावश्यक जांचे , अनावश्यक दवाएं लिखने के खिलाफ ,, देश में क़ानून है , मिलावट युक्त सामान बेचने , निर्धारित मूल्य से अधिक सामान बेचने , कालाबाज़ारी सहित , सभी तरह के नियंत्रण के लिए सरकार के क़ानून है ,, ,लेकिन अब , नेताओं के लिए , सिर्फ अधिकारी , सिर्फ अधिकारी कार्यकर्ता है , कुछ नेता अधिकारीयों को अपना कार्यकर्ता बनाते है , उनसे फीडबैक लेते है , ज़्यादा से ज़्यादा कुछ नेता , विधायकों , सांसदों को भी तरजीह दे देते है , कुछ  यस मेन जी हुज़ूर होते है , नतीजा , यह नेता जो अधिकारीयों के बल , पर , जो विधायकों के बल पर ,,  सांसदों के बल पर ,, सरकारें चलाते है , वोह पांच साल बाद बुरी तरह से निपट जाते है , लेकिन नियम है के प्रतिपक्ष का नेता , मुख्य सचिव , और मुख्यमंत्री , प्रधानमंत्री , आयोगों , ,वगेरा की नियुक्ति समिति के सदस्य होंगे , और प्रतिपक्ष नेता के चहेते बने अधिकारी ,, जो सत्ता पक्ष के प्रधान के भी चमचे होते है ,, कार्यकर्ताओं , देश के लिए सोच रखने वाले लोगों को इधर उधर कर ,, सेवानिवृत अधिकारी , या फिर , अधिकारी लोग , अपने पदों पर रहते हुए , सलाहकर , आयोगों के अध्यक्ष , भर्तियों के अध्यक्ष   वगेरा वगेरा ,, बन जाते है ,और फिर कार्यकर्ता , विचारक जाएँ भाड़ में , देश की फिर इसी तरह की लुटेरों की तस्वीर रहती है ,, नौकरशाह , पहले भी अपनी चलाते है और सेवानिवृत होने के बाद भी वोह नौकरशाह ,, विधायक , सांसद , मंत्री ,  कॉर्पोरेशन ,बोर्ड , आयोग , व्यवस्थाओं का सिस्टम बनकर , फिर वही , नौकरशाही चलाते है , नतीजा लोकतंत्र तो खत्म हो गया , मनमानियां ज़ोरों पर है , और अब तो   हिन्दू , मुस्लिम , मंदिर , मस्जिद की नफरत के इंजक्शन , मोब्लिचिंग ,,  नरसंहार ,, अव्यवस्थाओं के खिलाफ जांच कार्यवाही को ड्राप करने के सिलसिले चरम सीमा पर है ,, देश में ,, लोकपाल देखिए  आंदोलन से शुरू होकर , लोकपाल के मुद्दे पर सरकर आयी  , लेकिन सुप्रीमकोर्ट के एक दर्जन आदेशों , फटकार के बाद भी , लोकपाल जिस तरह से आया है , वोह देश के सामने है , कितनी देरी से आया है  ,,  इस  के लिए आन्दोलन करने वाले , सिस्टम का हिस्सा बन गए है , रिपोर्टर्स पदम श्री है ,, तो आद्नोलंकारी , मंत्री दर्जा , राज्यपाल तक पहुँच गए है  ,  अन्ना हो  ,  बाबा रामदेव हो ,वगेरा वगेरा हो  , इनकी करतूतें , इनकी  सरकार की महरबानियाँ ,  देश से छुपी नहीं हैं , तो जनाब क़ुदरत तो नाराज़  होगी  ,ही  जब इंसानियत का  ,,  इंसाफ का क़त्ल होगा , तो क़ुदरत तो नाराज़  होगी   ही ,,   आज देश में ,,एड्स जैसी बीमारी आयी  ,,  उससे इलाज  की क्रांति के साथ मुक़ाबला हुआ , फिर एच आई वी , पोजेटिव ,  फिर वाइरल , डेंगू , डेंगू में प्लेटरेट्स कम  , और मृत्यु  का खौफ , फिर स्वाइन फ्लू ,  वहीँ  शव को पैकिंग का  ,नियम छूआ छूट का नियम ,, वही 2013 की वर्तमान कोरोना गाइडलाइन , की तरह गाइड लाइन ,, लेकिन  उस पर भी हमारे देश ने , देश  के डॉक्टर्स ने ,काबू पा लिया ,अब  कोरोना ,, देश  के सामने है  ,,  देश में प्रधानमंत्री  के पास  वैज्ञानिक सलाहकार होते है  ,,  जो  आज  थर्ड फेज़  के कोरोना पर चेतावनी ज्ञान दे रहे है , ज़ाहिर है , वैज्ञानिक जी ने ,, दो साल पहले भी ,2019 में चेतावनी दी होगी , उन्होंने नहीं दी होगी , तो विश्व स्वास्थ्य संगठन , अमेरिका ,चीन , इज़राइल जैसे देशों ने यह चेतावनी भारत को दी थी , लेकिन हमारे प्रधानमंत्री साहिब तो तब जनता को बचाने का वक़्त था , वोह ट्रम्प की मेज़बानी में थे , खुलकर भीड़ जमा कर रहे थे ,, मध्य्प्रदेश , कर्नाटक सहित कई राज्यों की सरकारें , गिराकर , अपनी बना रहे थे ,, नतीजा ,, देश ने पुरे एक साल  ,,  हज़ारों हज़ार लोगों को खोकर ,   भुगता है , देश  आर्थिक स्थिति के बिगड़ते दौर में सांप सीडी की तरह , ,नीचे गिर कर आ गया , सिर्फ मुनाफाखोर , कुछ उद्योगपतियों को सांप सीडी के खेल की तरह , सीडी पर चढ़ा  कर ,तरक़्क़ी का वाकओवर दिया गया ,, सरकारी सिस्टम को निजी  सिस्टम की तरफ जानबूझकर , वाकओवर दिया ,, अब नवंबर 2020 में जब मेडिकल एमरजेंसी की चेतावनी थी , तब ,  हमारी सरकारों को , हमारी शीर्ष केंद्रीय सरकार को , हमारे राष्ट्रपति जी , हमारे प्रधानमंत्री जी , गृहमंत्री जी , चिकित्सा मंत्री जी , सलाहकारों को ,,, देश , और देश के लोगों की ज़िंदगियाँ इस संकट से बचाने के लिए , आवश्यक व्यस्थाएं , करना चाहिए थी ,, उपरकण , दवाइयां , ऑक्सीजन ,अस्पतालों में ,बेड म अस्पतालों का विस्तार , अस्थाई अस्पतालों  के लिए भवनों को अधिग्रहित कर ,  व्यवस्थाएं करना थी , उपरकण , दवाओं , सहित सभी उपयोगी जांचों , ,व्यवस्थाओं के खर्च का न्यूनतम मूल्य निर्धारित करना था  , लेकिन हम तो चुनाव में थे , दल बदल में थे , पार्टियों के नेताओं को अपने साथ जोड़ तोड़ करवाने में थे ,, नतीजा देख लिया , पुरे देश में हाहाकार , पुरे देश में लाशों के ढेर , शमशान , क़ब्रिस्तान , में जगह नहीं , हर घर परिवार में ,   संक्रमण है ,, मौतें हैं , मोत का खौफ है ,, इस पर भी हम नहीं सुधरे , चुनाव फिर भी जारी रखे , और जब हमे देश के सभी निजी अस्पतालों की व्यवस्थाएं , मिलेट्री के हाथों में देना थी , देश की जनता को , निजी अस्पतालों , दवा व्यापारियों , दवा निर्माताओं की लूट से बचाना था ,तब हमने ,   निजी अस्पतालों को लूटने के लिए खुला छोड़ दिया ,, लाखों रूपये के बिल के साथ ,, लाशें सुपुर्दगी में दी जा रही ,, अभी भी कुछ नहीं बिगड़ा ,, क़ुदरत के इस संकेत इस चेलेंज को समझो , मानवता के प्रति , इंसानियत के प्रति जागरूक हो  जाओ , हिन्दू  मुस्लिम , मंदिर मस्जिद छोड़ो ,, एक दूसरे के मददगार बनो , प्यार ,, ,मोहब्बत , खुलूस के साथ , एक दूसरे के परिवारजनों की तरह व्यवहार करो ,, यह पार्टियां , यह कांग्रेस , यह भाजपा ,, यह संघ , यह जमात ,, यह टी एम सी , स पा , बसपा , ,शिवसेना , राष्ट्रवादी कांग्रेस ,ऐ आई डी एम की , लेफ्ट , वगेरा वगेरा , सब सरकारें बनाने , सरकारें चलाने में एक जैसे है , मरता है , तो पार्टी का कार्यकर्ता , पीटता है तो पार्टी का कार्यर्कता , सेवा करता है , धरना देता है , प्रदर्शन करता है , आपस में लड़ता है ,तो पार्टी का  कार्यकर्ता , और यह  नेता , अपने चमचे नोकर शाह अधिकारीयों ,, नो रत्न नाकारा कानाफूसी करने वालो ,, अपने भाइ , पुत्र ,भतीजे , बहनों के लिए ही  ,,  काम करते देखे जाते है , उन्हें ही आगे बढ़ाते है , और देश आज जिस  गर्क में है  ,, जिन हालातों में है , इन हालातों में पहुंचाते है , हमे आपको दिखावे के लिए नूरा कुश्ती ,, सुनारी  लड़ाई  , लड़ते है ,,, तो दोस्तों ,,वक़्त   आगया वोटर ज़िम्मेदार वोटर बनने का ,भक्त , चमचे से इंसान बनने का , कथित फ़र्ज़ी राष्ट्रभक्त , सियासी भक्त , सियासी चमचा , सियासी पेड वर्कर से ,, ओरिजनल राष्ट्रभक्त बनने का , देश को बचाने का , देश की जनता को बचाने का ,,   बगावत का , सच के लिए संघर्षः का वक़्त आ गया है , वर्ना कभी लोकडाउन , कभी मन की बात ,  कभी मरीज़ों के लिए अस्पतालों के दरवाज़े बंद ,, ऑक्सीजन , इंजक्शन , दवाओं के अभाव में मौतें ,, फिर इस अव्यवस्था , लूट को छुपाने के लिए हिन्दू मुस्लिम ,, आरोप प्रत्यारोप , लोकडाउन  ,, सड़कों पर आम जनता के चालान ,, वाहनों की ज़ब्ती ,,  मुर्गा बनाना , उठक बैठक लगवाना , पिटाई करना , जैसे भटकाने वाले मुद्दों में हम अटके रहेंगे , और यह सियासी कुर्सी के भेड़िये , हमारा खून चूसते रहेंगे ,, तो जनाब जागो जनाब जागो ,,

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