माननीय अध्यक्ष महोदय
राज्य मानवाधिकार आयोग
राजस्थान जयपुर राजस्थान
विषय ,, कोटा ट्रेफिक पुलिस निरीक्षक प्रभारी , श्री राजेंद्र सिंह कविया द्वारा एडवोकेट तरन्नुम से अभद्रता करने और अनावश्यक चालान बनाने की शिकायत के क्रम में ,
माननीय कोटा अभिभाषक कार्यकारिणी की सदस्य एडवोकेट ,, तरन्नुम अंसारी को कोटा अदालत तक आने , अदालत से घर जाने के बीच , छावनी क्षेत्र में ड्यूटी कर रहे , ट्रेफिक इंस्पेक्टर ,श्री राजेंद्र सिंह कविया ने , उन्हें रोका , धमकाया , राजकार्य में बाधा डालने के मुक़दमे की धमकी दी , और फिर पांच सो रूपये का चालान काट कर , कम्पाउंड कर उन्हें छोड़ा , एडवोकेट तरन्नुम का कहना है , के वोह , 26 मई को कोटा न्यायालय परिसर में कोविड टीकाकरण केम्प होने से , अभिभाषक परिषद की कार्यकारिणी सदस्य होने के कारण , व्यवस्थाओं में भी थीं, लेकिन बीच में ही उन्हें घर जाना पढ़ा , वोह दिन में कोर्ट से , अपने दुपहिया वाहन एक्टिवा से , विज्ञाननगर के लिए निकली , उन्हें छावनी पूल के नीचे रोका गया , एडवोकेट तरन्नुम ने अपना परिचय दिया , आने का आवश्यक कारण भी बताया , खुद तरन्नुम एडवोकेट के सफेद कपड़ों की यूनिफॉर्म में थी , फिर भी उन्होंने अपना आई कार्ड दिखाया ,, खुद को कार्यकारिणी सदस्य होना भी बताया ,,, लेकिन वहां तैनात ट्रेफिक इंस्पेक्टर साहब तो पुलिसिया रुआब में थे , उन्होंने कोई सुनवाई नहीं की , गाडी एक तरफ कर दो , आने जाने का ज़रूरी रीज़न बताना चाहा तो नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए , कहा , अभी गाइडलाईन है ,तुम बाहर क्यों निकले , तुम लोगों ने कोरोना फैला रखा है , ,और फिर बात करने पर , राजकार्य में बाधा डालने का मुक़दमा दर्ज करने की धमकी भी दे डाली , तरन्नुम ने एक वकील साथी से भी बात कराना चाही तो , आदरणीय ट्रेफिक निरीक्षक साहब ने बात करने से इंकार कर दिए ,, पुलिस की लताड़ दा ब दबाव के आगे तरन्नुम की एक न चली , और डराने धमकाने से अकेली महिला ख़ौफ़ज़दा भी हो गयी ,, खेर तरन्नुम एडवोकेट का पांच सो रूपये का चालान बना ,, उन्होंने इस मामले की शिकायत अभिभाषक परिषद के नेतृत्व को की , अभिभाषक परिषद ने आज कोटा जिला जज को इस मामले में ज्ञापन दिया , तत्काल ज्ञापन जिला जज ने पुलिस अधीक्षक महोदय को भेजा , पुलिस अधीक्षक महोदय ने , ट्रेफिक पुलिस को पूर्व की तरह निर्देशित कर दिया , के वकीलों को , अदालत , आते जाते वक़्त , उनका कार्ड बताने पर , रोके नहीं , चालान नहीं बनाये , लेकिन चालान तो बन गया ,, अभद्रता की भी शिकायत है , , ट्रेफिक इंस्पेक्टर , अपने बचाव में कहते है , महिला वकील ने हेलमेट नहीं लगा रखा था , इसलिए , चालान काटा , तो जनाब चालान की कॉपी मुलायज़ा करिये , चालान जिस टूटी फूटी भाषा में भरा है , उसमे नाम तो है , गाड़ी का नंबर जो चालान की कॉपी तरन्नुम को दी है , उसमे तो नज़र नहीं आ रहे है क्यौंकि लिखा ही नहीं है , और गाड़ी में एम सी , यानी मोटर साइकल अंकित की गयी है , जबकि मोटर साइकल , स्कूटी ,एक्टिवा में फ़र्क़ होता है ,, चालान का समय अंकित नहीं किया गया है ,, , ,और अपराध धारा 179 गोले में 1 एम वी एक्ट लिखा हुआ है ,, आगे आदेशों की अवहेलना , में लिखा हुआ है ,, ,मज़ेदार बात यह है के चालान काटने वाले स्थान पर तो चालान करने वाले के हस्ताक्षर है , लेकिन चालान में , कम्पाउंड , यानी जुर्माना राशि पांच सो रुपया जमा करने वाले की जगह कोई हस्ताक्षर नज़र नहीं आ रहे है , हाँ प्रभारी थानाधिकारी यातायात पुलिस की मुहर ज़रूर लगी है ,, अब इस चालान के पोस्टमार्टम से साफ है के अगर हेलमेट नहीं पहनने का चालान होता , तो चालान की कॉपी में , सभी चालानों की तरह , हेलमट नहीं है , कागज़ात नहीं है ,, वगेरा वगेरा लिखा होता , लेकिन साफ लिखा है , के आदेशों की अवहेलना ,इससे यही समझ में आता है , के कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना का ही चालान है ,, फिर हड़बड़ी में एम सी यानी मोटरसायकल की शार्ट फॉर्म लिखना ,कम्पाउंड पर हस्ताक्षर नहीं करना , वगेरा वगेरा से साफ़ ज़ाहिर है , की हुज्जत और गुस्से में , बनाया गया चालान है ,, और यह चालान विधिक तो नहीं है , फिर इस मामले में ऐसे यातायात पुलिस अधिकारी साहिब के खिलाफ , कार्यवाही होना चाहिए ,, , , क्योंकि जिस धारा का हवाला दिया है , वोह भी आदेश की अवहेलना की है ,, जिसमे कोरोना गाइड लाइन की अवहेलना कवर होती है , ऐसे में जब दिल्ली हायकोर्ट के स्पष्ट आदेश है के कोई भी वकील आते जाते वक़्त अगर रोका जाता है और उसके पास , वकील का पहचान पत्र है , तो उसे रोके नहीं ,और फिर भी वकीलों को रोकने की ,कोई शिकायत किसी पुलिस कर्मी के खिलाफ आती है ,तो उसके खिलाफ गंभीर कार्यवाही होना चाहिए , इस मामले में पूर्व में भी गाइड लाइन है , ,लेकिन पुलिस जी ने अपना कमाल दिखा दिया ,
आदरणीय , इस मामले में , जो चालान बनाया गया है उसके अवलोकन से ही स्पष्ट है , के चालान बनाने के लिए नहीं , जल्दबाज़ी में , हुज्जत और गुस्से में पद का दुरूपयोग करते हुए , एक वकील , महिला वकील को अपमानित करने के हिसाब से बनाया गया है , जबकि महिला वकील ने हेलमेट नियम का भी उलंग्घन नहीं किया था ,अगर किया भी होता तो हेलमेट नहीं पहन रखा , इस तरह का अंकन , चालान में होता , आदरणीय यह पुलिस प्रताड़ना , अधिकारों के दुरूपयोग और महिला अधिवक्ता के साथ अनावश्यक अभद्रता का मामला है ,क्योंकि ऐसे मामलों में पुलिस जांच के क्या नतीजे आते है , सभी जानते है,, ऐसे में निष्पक्ष जांच , कार्यवाही , और दोषी को दंडित करने के लिए , मान्यवर द्वारा संज्ञान लकेर कार्यवाही करना आवश्यक है , आदरणीय इस मामले में , शिकायत शुरू होने पर , पुलिस निरीक्षक ने अलग अलग लोगों से जो अपनी भूल स्वीकार की है , उसके लिए , उनके खुद के मोबाइल नंबर की रिकॉर्डिंग , और कॉल डिटेल भी जांच में शामिल होना चाहिए , ताकि सच सामने आ सके ,,
प्रार्थी
एडवोकेट अख्तर खान अकेला
महासचिव
ह्यूमन रिलीफ सोसायटी
2 थ 15 विज्ञाननगर , मैन रोड कोटा राजस्थान 324005
मोबाइल 9829086339
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 मई 2021
कोटा ट्रेफिक पुलिस निरीक्षक प्रभारी , श्री राजेंद्र सिंह कविया द्वारा एडवोकेट तरन्नुम से अभद्रता करने और अनावश्यक चालान बनाने की शिकायत के क्रम में
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